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22 मंजिल और सवा पांच साल का मासूम: 20 मिनट तक निकलने का प्रयास करता रहा रुद्र, फिर घबराकर रेलिंग पर चढ़ा और...

अमर उजाला नेटवर्क, गुरुग्राम Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 17 Nov 2025 03:19 PM IST
सार

गुरुग्राम में सवा पांच साल के मासूम की 22वीं मंजिल की बालकनी से गिरकर हुई मौत ने सभी सोसाइटी निवासियों को झकझोर दिया है। सब के मन में यही बात घूम रही है कि अगर रेलिंग की ऊंचाई थोड़ी ज्यादा होती तो शायद मासूम बच जाता। बच्चा करीब 20 मिनट तक फ्लैट में अकेले फंसा था। इससे वह काफी घबरा गया था।

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Child dies after falling from 22nd floor in Gurugram
सेक्टर 62 की से सोसाइटी में हुआ था हादसा - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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गुरुग्राम के सेक्टर 62 स्थित पायनियर प्रेसीडिया सोसाइटी में 22वीं मंजिल से गिरकर सवा पांच साल के मासूम की मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मासूम के पिता रियल एस्टेट के कारोबारी हैं। मां निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं। 
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पुलिस ने बताया, रियल एस्टेट कारोबारी प्रकाश चंद का बेटा रुद्र तेज सिंह शनिवार शाम करीब छह बजे घरेलू सहायिका के साथ सोसाइटी के ग्राउंड से खेल कर घर जा रहा था। जब लिफ्ट उनके फ्लोर पर पहुंची तो तुरंत ही वह अपने फ्लैट में अंदर चला गया और गेट अंदर से बंद कर दिया। 
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इसके बाद वह गेट नहीं खोल पाया। घरेलू सहायिका बाहर से आवाज लगाती रही। थोड़ी ही देर में बच्चा फ्लैट की बालकनी में चला गया। वहां पर कपड़े सुखाने वाले स्टैंड पर चढ़कर रेलिंग तक पहुंच गया। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर गया। 

सोसाइटी के लोगों ने तुरंत ही बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। डीसीपी ईस्ट गौरव राज पुरोहित ने बताया कि फ्लोर और लिफ्ट की सीसीटीवी की जांच की जा रही है। 
 

20 मिनट तक फ्लैट में अकेले फंसा रहा मासूम
सवा पांच साल के मासूम की 22वीं मंजिल की बालकनी से गिरकर हुई मौत ने सभी सोसाइटी निवासियों को झकझोर दिया है। सब के मन में यही बात घूम रही है कि अगर रेलिंग की ऊंचाई थोड़ी ज्यादा होती तो शायद मासूम बच जाता। बच्चा करीब 20 मिनट तक फ्लैट में अकेले फंसा था। इससे वह काफी घबरा गया था।

सोसाइटी में 22वीं मंजिल में रहने वाले प्रकाश चंद्र और उनकी पत्नी शनिवार को अपने काम से बाहर गए थे। घरेलू सहायिका बच्चे को सोसाइटी से खिलाकर फ्लैट में लेकर ही पहुंची थीं कि मासूम तुरंत अंदर चला गया और गेट को बंद कर दिया। 

घरेलू सहायिका को अंदाजा नहीं था कि इसके बाद गेट खुल ही नहीं पाएगा। सोसाइटी में घर के मेन गेट अत्याधुनिक होते हैं ऐसे में मासूम गेट खोल ही नहीं सका और बालकनी में चला गया।
 

मासूम का फ्लैट के अंदर जाना और उनका बालकनी से गिरने के दौरान करीब 20 मिनट का समय बीता था। इस दौरान घरेलू सहायिका गेट खुलवाने के लिए मुख्य दरवाजे पर ही मासूम को पुकारती रही। 22वीं मंजिल पर फ्लैट होने पर रेलिंग की भी ऊंचाई ज्यादा ही नहीं रखी गई।
 

बच्चों के साथ बरतें सतर्कता
रिटायर्ड प्रो. सुभाष सप्रा ने बताया कि बच्चों के साथ माता-पिता को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। अगर माता-पिता दोनों ही काम से बाहर जाते हैं तो बच्चों की सुरक्षा के लिए पहले से ही तैयारी करें। बच्चों की हाईट के अनुसार सभी बिजली के उपकरण को उनकी पहुंच से दूर रखें। बिजली के शॉकिट को उनके कवर से ढक कर रखें।
 

- काम के दौरान बच्चों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी लगाया जा सकता है। सीसीटीवी की सहायता से अपने मोबाइल से उन पर नजर रख सकते हैं।
- दरवाजे पर कुछ ऐसा सामान रख दें जिससे गेट पूरी तरह बंद न हो ताकि बच्चा चाहकर भी गेट बंद न कर सके। दरवाजे में लॉक थोड़ा ऊंचा लगवाएं ताकि उनकी पहुंच से दूर रहें।
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