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Gurugram News: खुलेआम जला रहे कचरा, एक्यूआई 200 के पार
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संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। शहर में एक तरफ प्रशासन हवा की गुणवत्ता सुधारने के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कई इलाकों में कूड़ा उठाने वाली जगहों पर कचरा खुलेआम जलाया जा रहा है। इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ प्रदूषण को बढ़ा रही हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। सोमवार को ओल्ड गुरुग्राम क्षेत्र में कूड़ा जलने की घटनाएं सामने आईं हैं, जिससे इलाके की हवा और अधिक प्रदूषित हो गई। ऐसे हालात में शहर की वायु गुणवत्ता कैसे सुधरेगी, यह बड़ा सवाल है।
सोमवार को गुरुग्राम और मानेसर की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मानेसर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 254 दर्ज हुआ, जो खराब श्रेणी में आता है। गुरुग्राम में एक्यूआई 278 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में रखा गया। बीते डेढ़ महीने से वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है, जिससे नागरिकों में चिंता बढ़ती जा रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक वाहनों का धुआं, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्सर्जन और निर्माण स्थलों से उड़ती धूल प्रदूषण को और बढ़ा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, बिना मास्क के बाहर निकलना खतरनाक हो गया है। ऐसे में अस्थमा, फेफड़ों और दिल के मरीजों को भीड़ व खुले वातावरण में जाने से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के साथ गर्भवतियों को कम से कम बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है।
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गुरुग्राम। शहर में एक तरफ प्रशासन हवा की गुणवत्ता सुधारने के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कई इलाकों में कूड़ा उठाने वाली जगहों पर कचरा खुलेआम जलाया जा रहा है। इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ प्रदूषण को बढ़ा रही हैं, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। सोमवार को ओल्ड गुरुग्राम क्षेत्र में कूड़ा जलने की घटनाएं सामने आईं हैं, जिससे इलाके की हवा और अधिक प्रदूषित हो गई। ऐसे हालात में शहर की वायु गुणवत्ता कैसे सुधरेगी, यह बड़ा सवाल है।
सोमवार को गुरुग्राम और मानेसर की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मानेसर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 254 दर्ज हुआ, जो खराब श्रेणी में आता है। गुरुग्राम में एक्यूआई 278 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में रखा गया। बीते डेढ़ महीने से वायु गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है, जिससे नागरिकों में चिंता बढ़ती जा रही है।
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विशेषज्ञों के मुताबिक वाहनों का धुआं, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले उत्सर्जन और निर्माण स्थलों से उड़ती धूल प्रदूषण को और बढ़ा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक, बिना मास्क के बाहर निकलना खतरनाक हो गया है। ऐसे में अस्थमा, फेफड़ों और दिल के मरीजों को भीड़ व खुले वातावरण में जाने से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के साथ गर्भवतियों को कम से कम बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है।