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Gurugram News: सालभर में उखड़ने लगा 6 करोड़ में बना 6 किलोमीटर लंबा मार्ग
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चार माह बाद बृज चौरासी कोस की परिक्रमा शुरू होगी, श्रद्धालुओं को होगी परेशानी
संवाद न्यूज एजेंसी
पुन्हाना। उत्तर प्रदेश की सीमा से नीमका गांव तक करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ 6 किलोमीटर लंबा बृज 84 कोष परिक्रमा मार्ग मात्र एक वर्ष में ही जगह-जगह से टूट चुका है। चार माह बाद बृज चौरासी कोस की परिक्रमा शुरू होगी, ऐसे में टूटे मार्ग से गुजरने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग परेशानी का कारण बन सकता है।
पिछले दिनों ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत लोक निर्माण मंत्री रणबीर सिंह गंगवा से की थी। शिकायत पर मंत्री ने जांच के आदेश तो दे दिए लेकिन विभागीय स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सड़क ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग का हिस्सा है। निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने गुणवत्ता को लेकर विरोध भी दर्ज कराया था, मगर अधिकारियों ने उनकी अनदेखी कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण शुरू होने से लेकर पूरा होने तक विभागीय अधिकारियों ने न तो मानकों का पालन कराया और न ही ठेकेदार पर किसी तरह की कार्रवाई की। सीएम विंडो पर दर्ज शिकायत को भी विभाग ने बिना समाधान किए बंद कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की सीमा से नीमका तक सड़क पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं। सड़क के दोनों तरफ बनाए गए नाले भी बिना किसी पैमाइश के ऊंचे-नीचे बना दिए गए, जिससे हल्की बारिश में ही पानी सड़क पर चढ़ जाता है। कई जगह नालों का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, जहां पानी जमा होने से मच्छर-मक्खी पनप रहे हैं और बच्चे गिरकर घायल हो रहे है।
शिकायतकर्ता मुकेश कुमार ने बताया कि परिक्रमा मार्ग पहले से ही जर्जर हालत में था। इसके सुधार के लिए वर्ष 2023 में धनराशि स्वीकृत हुई और 2024 में निर्माण पूरा किया गया लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया सामग्री डालकर मानकों की खुलेआम अवहेलना की। आरएमसी के नीचे मिट्टी युक्त जीएसपी डालने से सड़क जगह-जगह धंस गई है। सड़क कहीं से ऊंची-कहीं से नीची है, जबकि चौड़ाई भी कई स्थानों पर असमान है।
वर्जन
परिक्रमा मार्ग के दौरान शुरू से ही गड़बड़ी साफ दिखाई दे रही थी। अधिकारियों को घटिया सामग्री के उपयोग और मानकों की अनदेखी के बारे में बताया लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। -मुकेश कुमार, ग्रामीण
प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु इस मार्ग से गुजरते हैं, जिन्हें टूटे रोड के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चार माह बाद मार्च में बृज चौरासी कोस की परिक्रमा शुरू होगी। -डॉ अशफाक, ग्रामीण
यह मार्ग परिक्रमा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। अगर परिक्रमा के समय बारिश हो गई तो स्थिति और खराब हो जाएगी। विभाग तुरंत सड़क की मरम्मत कराए। -हाकम, ग्रामीण
सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी उसकी धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। -लखन शर्मा, ग्रामीण
सड़क कहीं से टूटी है तो मौके पर टीम भेजकर इसकी जांच कराएंगे। रोड बनाने वाली एजेंसी को टूटी सड़क की मरम्मत के लिए लिखा जाएगा। जल्द ही सड़क की मरम्मत होगी जिसके बाद राहगीरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। -प्रदीप सिद्धू, कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग, नूंह
फोटो: उखड़ी रोड़ी के कारण सड़क पर बना गड्ढा।
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संवाद न्यूज एजेंसी
पुन्हाना। उत्तर प्रदेश की सीमा से नीमका गांव तक करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ 6 किलोमीटर लंबा बृज 84 कोष परिक्रमा मार्ग मात्र एक वर्ष में ही जगह-जगह से टूट चुका है। चार माह बाद बृज चौरासी कोस की परिक्रमा शुरू होगी, ऐसे में टूटे मार्ग से गुजरने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह मार्ग परेशानी का कारण बन सकता है।
पिछले दिनों ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत लोक निर्माण मंत्री रणबीर सिंह गंगवा से की थी। शिकायत पर मंत्री ने जांच के आदेश तो दे दिए लेकिन विभागीय स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। करीब 6 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सड़क ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग का हिस्सा है। निर्माण के दौरान ग्रामीणों ने गुणवत्ता को लेकर विरोध भी दर्ज कराया था, मगर अधिकारियों ने उनकी अनदेखी कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण शुरू होने से लेकर पूरा होने तक विभागीय अधिकारियों ने न तो मानकों का पालन कराया और न ही ठेकेदार पर किसी तरह की कार्रवाई की। सीएम विंडो पर दर्ज शिकायत को भी विभाग ने बिना समाधान किए बंद कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की सीमा से नीमका तक सड़क पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं। सड़क के दोनों तरफ बनाए गए नाले भी बिना किसी पैमाइश के ऊंचे-नीचे बना दिए गए, जिससे हल्की बारिश में ही पानी सड़क पर चढ़ जाता है। कई जगह नालों का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है, जहां पानी जमा होने से मच्छर-मक्खी पनप रहे हैं और बच्चे गिरकर घायल हो रहे है।
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शिकायतकर्ता मुकेश कुमार ने बताया कि परिक्रमा मार्ग पहले से ही जर्जर हालत में था। इसके सुधार के लिए वर्ष 2023 में धनराशि स्वीकृत हुई और 2024 में निर्माण पूरा किया गया लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया सामग्री डालकर मानकों की खुलेआम अवहेलना की। आरएमसी के नीचे मिट्टी युक्त जीएसपी डालने से सड़क जगह-जगह धंस गई है। सड़क कहीं से ऊंची-कहीं से नीची है, जबकि चौड़ाई भी कई स्थानों पर असमान है।
वर्जन
परिक्रमा मार्ग के दौरान शुरू से ही गड़बड़ी साफ दिखाई दे रही थी। अधिकारियों को घटिया सामग्री के उपयोग और मानकों की अनदेखी के बारे में बताया लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। -मुकेश कुमार, ग्रामीण
प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु इस मार्ग से गुजरते हैं, जिन्हें टूटे रोड के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चार माह बाद मार्च में बृज चौरासी कोस की परिक्रमा शुरू होगी। -डॉ अशफाक, ग्रामीण
यह मार्ग परिक्रमा के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। अगर परिक्रमा के समय बारिश हो गई तो स्थिति और खराब हो जाएगी। विभाग तुरंत सड़क की मरम्मत कराए। -हाकम, ग्रामीण
सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी उसकी धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। -लखन शर्मा, ग्रामीण
सड़क कहीं से टूटी है तो मौके पर टीम भेजकर इसकी जांच कराएंगे। रोड बनाने वाली एजेंसी को टूटी सड़क की मरम्मत के लिए लिखा जाएगा। जल्द ही सड़क की मरम्मत होगी जिसके बाद राहगीरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। -प्रदीप सिद्धू, कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग, नूंह
फोटो: उखड़ी रोड़ी के कारण सड़क पर बना गड्ढा।