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नेशनल हेराल्ड केस: यंग इंडियन ने कहा- IT ने 90 करोड़ के लोन के लेनदेन को बताया फर्जी, ED ने कैसे दर्ज किया केस

संवाद न्यूज एजेंसी, नई दिल्ली Published by: आकाश दुबे Updated Mon, 07 Jul 2025 09:44 PM IST
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सार

शिकायतकर्ता व पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा कि स्वामी दो हजार करोड़ रुपये के आंकड़े पर कैसे पहुंचे? उन्होंने तर्क दिया कि आयकर विभाग का कहना है कि 90 करोड़ रुपये का ऋण एक फर्जी लेनदेन था। उन्होंने कहा कि पैसा कभी गया नहीं, लेकिन यही मामले का आधार बन जाता है।

IT dept said 90 cr loan sham transaction, how's ED filing case? asks Young Indian
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : एएनआई (फाइल)

विस्तार
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नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को भी राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के सामने ईडी के आरोपों का विरोध करते हुए यंग इंडियन कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि मामले में ऋण की अदायगी, उस पर लगाए गए ब्याज और अन्य से संबंधित दस्तावेज जांच एजेंसी की तरफ से दबा दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ईडी की शिकायत बेतुकी बातों से भरी हुई थी और इसमें स्वाभाविक रूप से असंभव आरोप हैं। उन्होंने कहा कि ईडी को आरोपों की सत्यता की जांच करने के लिए वैधानिक रूप से आवश्यक थी, लेकिन जांच एजेंसी ने सतही जांच भी नहीं की। यह भी तर्क दिया कि मामले में शिकायत किसी सरकारी कर्मचारी ने नहीं बल्कि एक निजी नागरिक ने की है।

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मामले में शिकायतकर्ता व पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा कि स्वामी दो हजार करोड़ रुपये के आंकड़े पर कैसे पहुंचे? उन्होंने तर्क दिया कि आयकर विभाग का कहना है कि 90 करोड़ रुपये का ऋण एक फर्जी लेनदेन था। उन्होंने कहा कि पैसा कभी गया नहीं, लेकिन यही मामले का आधार बन जाता है। अगर सरकार के दो अंग अलग-अलग रुख अपना रहे हैं, तो अपराध कैसे संभव है? वहीं, दूसरी तरफ मामले में आरोपी अन्य कंपनी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड ने अदालत को बताया कि ईडी ने मामले में गलत तरीके से कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने स्वामी की तरफ से मामले में मूल शिकायत की पंजीकृत प्रति प्राप्त किए बिना ईसीआईआर की। 

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कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि एजेंसी ने गलत तरीके से कार्यवाही की है, क्योंकि उन्होंने 30 जून, 2021 को ईसीआईआर दर्ज करते समय स्वामी ने शिकायत की प्रमाणित प्रति प्राप्त किए बिना कार्यवाही की। उन्होंने कहा कि कोई देश का सबसे अच्छा शेफ हो सकता है, लेकिन चावल के बिना बिरयानी नहीं बना सकती। दुबे ने यह भी तर्क दिया कि एजेंसी ने विभिन्न चरणों में अपराध की आय को परिभाषित करते समय अलग-अलग रुख अपनाया। कंपनी की ओर से दलीलें मंगलवार को जारी रहेंगी। इस दौरान सुमन दुबे, सैम पित्रोदा की तरफ से भी तर्क पेश किए गए।

ईडी के अनुसार, सोनिया और राहुल गांधी ने दिवंगत कांग्रेस पदाधिकारियों मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के साथ-साथ सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी फर्म यंग इंडियन के साथ मिलकर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पर धोखाधड़ी से कब्जा करके धन शोधन की साजिश रची। सैम पित्रोदा की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को सूचित किया कि सैम अब शिकागो में रहते हैं और 84 वर्ष की आयु में वे कैंसर और हृदय रोग सहित विभिन्न आयु-संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि पित्रोदा को अपराध के लिए कोई विशिष्ट भूमिका नहीं सौंपी गई थी और उनके मुवक्किल ने कानून के दायरे में सब कुछ किया।

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