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    MCD: भाजपा के अंदर सियासी उथल-पुथल! पार्टी के अपने नियम बने उपचुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने में संकट
 
            	    विनोद डबास, अमर उजाला, नई दिल्ली             
                              Published by: विजय पुंडीर       
                        
       Updated Tue, 04 Nov 2025 05:46 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                भाजपा ने उपचुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवार चयन के लिए कुछ सख्त नियम तय किए थे। इसके तहत किसी भी नेता के परिजनों या रिश्तेदारों को टिकट नहीं देना और किसी बाहरी व्यक्ति को मौका न देना, लेकिन अब हालात ऐसे बन गए हैं कि इन नियमों का पालन करना पार्टी के लिए जीत की संभावनाओं पर भारी पड़ सकता है।
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                        BJP Flag
                                    - फोटो : अमर उजाला 
                    
    
        
    
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विस्तार
एमसीडी के 12 वार्डों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा में उम्मीदवार तय करने के मामले में जबरदस्त मंथन चल रहा है। हालांकि, वह टिकट वितरण के मामले में अपने ही बनाए नियमों के जाल में उलझती नजर आ रही है। दरअसल, भाजपा ने उपचुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवार चयन के लिए कुछ सख्त नियम तय किए थे। इसके तहत किसी भी नेता के परिजनों या रिश्तेदारों को टिकट नहीं देना और किसी बाहरी व्यक्ति को मौका न देना, लेकिन अब हालात ऐसे बन गए हैं कि इन नियमों का पालन करना पार्टी के लिए जीत की संभावनाओं पर भारी पड़ सकता है।
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                                                                सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने संगठन स्तर पर जो सर्वे कराया, उसमें अधिकांश वार्डों में पार्टी के कार्यकर्ताओं का जनाधार कमजोर पाया गया। स्थानीय स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं के पास जनसंपर्क तो है, लेकिन जीतने की क्षमता नहीं। वहीं कई वार्ड ऐसे हैं जहां विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार मजबूत माने जा रहे हैं। इस वजह से भाजपा को अपने उम्मीदवार तय करने में कठिनाई आ रही है। पार्टी के अंदरूनी हलकों में माना जा रहा है कि अगर अपने तय नियमों का सख्ती से पालन होता है, तो कई वार्डों में मुकाबला कमजोर पड़ जाएगा। ऐसे में हार का जोखिम बढ़ जाएगा। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नियमों से ज्यादा अहम जीत है, इसलिए अब इन नियमों में कुछ नरमी बरतने की तैयारी हो रही है।
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            सूत्र बताते हैं कि भाजपा के कई नेताओं ने अपने बेटों, बेटियों, पत्नियों और भतीजों के लिए टिकट की जोरदार पैरवी शुरू कर दी है। खासतौर पर वे नेता, जिनका अपने क्षेत्र में प्रभाव है। अब उपचुनाव में परिवार के सदस्य को मौका दिलाने के प्रयास में जुट गए हैं।
बाहरी नेताओं को लेकर भी खींचतान
कुछ वार्ड ऐसे हैं, जहां भाजपा के पास स्थानीय चेहरा नहीं है। वहां पार्टी दूसरे वार्डों या जिलों के नेताओं को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि, इस पर भी पार्टी के भीतर विरोध है। कई कार्यकर्ता बाहरी उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं और इसे स्थानीय कार्यकर्ताओं के अपमान के रूप में देख रहे हैं।
पहले दिन किसी ने नहीं किया नामांकन दाखिल
उपचुनाव की सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होते ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 10 नवंबर तक चलेगी। लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि पहले दिन एक भी वार्ड में किसी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया। जानकारी के अनुसार, वार्ड 35-मुंडका, 56-शालीमार बाग बी, 65-अशोक विहार, 74-चांदनी चौक, 76-चांदनी महल, 120-द्वारका बी, 128-दिचाऊं कलां, 139-नारायणा, 163-संगम विहार ए, 164-दक्षिणपुरी, 173-ग्रेटर कैलाश और 198-विनोद नगर में नामांकन प्रक्रिया सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली।