हथियारों का 'काला बिजनेस': सोशल मीडिया पर लेते ऑर्डर, फिर दिल्ली-NCR में करते सप्लाई; ऐसे हुआ गैंग का भंडाफोड़
दनकौर पुलिस ने अवैध हथियार तस्करी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच बदमाशों को दबोचा, जिनसे तीन पिस्टल, तीन तमंचे, 166 जिंदा कारतूस और दो लग्जरी कारें बरामद हुईं। आरोपी स्नैपचैट व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर लेते थे।
विस्तार
दनकौर कोतवाली पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों दादरी के गांव कैमराला चक्रसेनपुर निवासी गजेंद्र उर्फ गजे, सलेमपुर गुर्जर के सुमित उर्फ गुंडा, कामबख्सपुर के सागर भाटी, लंबा गलियारा दनकौर के हर्ष सिंघल और अंबे भारती सोसाइटी सेक्टर पाई-1 के निखिल भाटी को गिरफ्तार भी किया।
ये पांच महीने से नोएडा, ग्रेनो, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में कार से अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, अब तक 10 से अधिक लोगों को सप्लाई कर चुके हैं। ये स्नैपचैट व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये ऑर्डर लेते थे।
डीसीपी ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान ने बताया कि पुलिस को शुक्रवार रात मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बुढ़िया गोल चक्कर के पास निर्माणाधीन जेपी प्रोजेक्ट के समीप सुनसान स्थान की जांच मिली। मौके पर बिना नंबर प्लेट की स्कॉर्पियो और नीले रंग की बलेनो कार खड़ी थी। इन कारों में पांच बदमाश असलहे की खरीद-फरोख्त के इरादे से मौजूद थे। पुलिस ने घेराबंदी कर तस्करों को दबोच लिया। इनसे 32 बोर की तीन पिस्टल, 315 बोर के तीन तमंचे, 166 कारतूस, 50 हजार रुपये और दो कार बरामद की गई हैं।
20 से 25 हजार में खरीदते थे और 50-55 हजार में बेचते थे पिस्टल
आरोपी अवैध पिस्टल को 50 से 55 हजार व कारतूस को 500 रुपये के हिसाब से बेचते थे। अवैध तमंचा 20 से 30 हजार रुपये में बेचते थे। वह तमंचे को पांच से 15 हजार व पिस्टल 20 से 25 हजार रुपये में खरीदते थे। गिरोह के सदस्य हथियार खरीदने वाले लोगों से गिरोह में शामिल अन्य लोगों के माध्यम से संपर्क करते थे। उन्हें हथियार देने के लिए अपनी जगह पर बुलाते थे।
अवैध हथियार को बेचने से मिले पैसों को मौज-मस्ती और शौक पूरे करने में खर्च करते थे। पुलिस की ओर से आरोपियों को बिना दस्तावेज के कारतूस उपलब्ध कराने वाले संचालक को भी नोटिस जारी किया जाएगा। जांच में पता चला है कि संचालक की ओर से बिना प्रशासनिक रिकॉर्ड में लाए थोक के भाव में अवैध तरीके से 100-200 रुपये में कारतूस उपलब्ध कराए जाते थे।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बंटू ही पिस्टल और तमंचा सस्ते दाम में उपलब्ध कराता था। बंटू की तलाश की जा रही है। जांच में सामने आया कि गिरोह के कई सदस्य पहले भी गंभीर अपराधों में लिप्त रहे हैं। सरगना गजेंद्र उर्फ गजे के खिलाफ दादरी थाना क्षेत्र में हत्या, आर्म्स एक्ट और धमकी जैसी धाराओं में कई केस दर्ज हैं। वह पहले भी जेल जा चुका है। सुमित उर्फ गुंडा पर कासना थाने में हत्या के प्रयास, हथियार अधिनियम और गुंडा एक्ट के मामले दर्ज हैं। वह एलएलबी का छात्र है। सागर भाटी पर मारपीट, आईटी एक्ट और दुर्घटना से जुड़े केस दर्ज हैं।
मथुरा से लाते थे हथियार
आरोपी मथुरा के जय गुरुदेव मंदिर के पीछे रहने वाले ‘बंटू’ नामक सप्लायर से असलहे खरीदते थे। 32 बोर के कारतूस उन्हें ‘महाकाली आर्म्स एंड एम्यूनिशन’ दुकान (मंडी चौराहा, मथुरा) से उपलब्ध कराए जाते थे। तस्कर कम कीमत पर हथियार खरीदकर दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित अन्य जिलों में अधिक कीमत पर बेचते थे।