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Noida News: शोध से निष्कर्ष निकालकर दिखाई दिशा
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नैनीताल। चमोली जिले के करीब 40 फीसदी जल स्रोत जलवायु परिवर्तन से सूख चुके हैं। तापमान में वृद्धि, अनियमित मानसूनी बरसात, वनों की कमी, सोख क्षेत्र का क्षरण और कृषि भूमि के परित्याग के कारण नदियों व नौला-धारों का जलस्तर लगातार घट रहा है। कुमाऊं विवि की भूगोल विभाग की शोधार्थी मंजू आर्या के शोध में सामने आया है कि 205 जल स्रोतों में 40 फीसदी स्रोत सूख चुके हैं। वर्ष 1965 से 2022 के बीच जल स्रोतों पर उनका शोध है। इसमें 56.39 किमी लंबाई की स्थाई धाराएं, नाले घटकर 40.92 किमी रह गए हैं। लगभग 15.47 किमी जल धाराएं सूख गई या मौसमी बन गईं।
संचार प्रौद्योगिकी का लाभ लेने वाले सरकारी स्कूलोंं के छात्र आगे
नैनीताल। शोधार्थी राकेश कुमार शर्मा ने कुमाऊं मंडल के सरकारी व निजी विद्यालयों के छात्रों का अध्ययन कर ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में आईसीटी के प्रयोग से विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति पर प्रभाव को उजागर किया है। शोध में सामने आया शोध में पाया कि डिजिटल उपकरण छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने तथा शैक्षणिक असमानताओं को कम करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। कमजोर और मेधावी दोनों प्रकार के विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का सकारात्मक असर हुआ है। पीपीपी मॉडल से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है।
मुक्तेश्वर में तीन दुर्लभ प्रजातियां विलुप्ती की कगार पर
नैनीताल। शोधार्थी सपना पंत ने शोध में बताया कि मुक्तेश्वर में पाई जाने वाली तीन दुर्लभ वनस्पति प्रजातियां जलवायु परिवर्तन के चलते विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। यह प्रजातियां पश्चिमी हिमालय की ब्रायोलॉजिकल हॉटस्पॉट वनस्पति की मॉस, लीवरवोर्ट्स और हॉर्नवोर्ट्स हैं। तापमान में वृद्धि के चलते इनका अस्तित्व संकट में आ गया है। तीनों प्रजातियों को बचाने के लिए खुर्पाताल के समीप लिंगाधार स्थित मॉस गार्डन में संरक्षित किया गया है। यह तीनों प्रजाति रेड बुक, अति संवेदनशील वनस्पति राष्ट्रीय लाल पुस्तक में शामिल हैं।
मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की स्थिति काफी खराब
नैनीताल। एमबीपीजी काॅलेज के समाजशास्त्र विभाग की डॉ. अर्शी अंसारी ने मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की समस्याओं पर शोध किया। अर्शी ने पाया कि मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी खराब है। बच्चों को मजबूरन श्रम करना पड़ता है। सुझाव दिया गया है कि सरकार को नियमों में सख्ती लानी होगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष रूप से चिह्नित कर सशक्त बनाने के लिए प्रावधान करने होंगे। तभी बच्चे शिक्षा के साथ जुड़कर राष्ट्र की प्रगति में हिस्सेदारी निभा पाएंगे।
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संचार प्रौद्योगिकी का लाभ लेने वाले सरकारी स्कूलोंं के छात्र आगे
नैनीताल। शोधार्थी राकेश कुमार शर्मा ने कुमाऊं मंडल के सरकारी व निजी विद्यालयों के छात्रों का अध्ययन कर ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में आईसीटी के प्रयोग से विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति पर प्रभाव को उजागर किया है। शोध में सामने आया शोध में पाया कि डिजिटल उपकरण छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने तथा शैक्षणिक असमानताओं को कम करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। कमजोर और मेधावी दोनों प्रकार के विद्यार्थियों के प्रदर्शन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का सकारात्मक असर हुआ है। पीपीपी मॉडल से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है।
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मुक्तेश्वर में तीन दुर्लभ प्रजातियां विलुप्ती की कगार पर
नैनीताल। शोधार्थी सपना पंत ने शोध में बताया कि मुक्तेश्वर में पाई जाने वाली तीन दुर्लभ वनस्पति प्रजातियां जलवायु परिवर्तन के चलते विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी हैं। यह प्रजातियां पश्चिमी हिमालय की ब्रायोलॉजिकल हॉटस्पॉट वनस्पति की मॉस, लीवरवोर्ट्स और हॉर्नवोर्ट्स हैं। तापमान में वृद्धि के चलते इनका अस्तित्व संकट में आ गया है। तीनों प्रजातियों को बचाने के लिए खुर्पाताल के समीप लिंगाधार स्थित मॉस गार्डन में संरक्षित किया गया है। यह तीनों प्रजाति रेड बुक, अति संवेदनशील वनस्पति राष्ट्रीय लाल पुस्तक में शामिल हैं।
मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की स्थिति काफी खराब
नैनीताल। एमबीपीजी काॅलेज के समाजशास्त्र विभाग की डॉ. अर्शी अंसारी ने मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की समस्याओं पर शोध किया। अर्शी ने पाया कि मुस्लिम समुदाय में कामगार बच्चों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति काफी खराब है। बच्चों को मजबूरन श्रम करना पड़ता है। सुझाव दिया गया है कि सरकार को नियमों में सख्ती लानी होगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष रूप से चिह्नित कर सशक्त बनाने के लिए प्रावधान करने होंगे। तभी बच्चे शिक्षा के साथ जुड़कर राष्ट्र की प्रगति में हिस्सेदारी निभा पाएंगे।