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UP: अखलाक हत्याकांड के केस वापसी पर 18 दिसंबर को होगी सुनवाई, अभियोजन पक्ष की ओर से लगाई गई थी अर्जी
अमर उजाला नेटवर्क, ग्रेटर नोएडा
Published by: विजय पुंडीर
Updated Fri, 12 Dec 2025 02:52 PM IST
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अदालत का फैसला।
- फोटो : अमर उजाला।
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ग्रेटर नोएडा के जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में अखलाक मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को वापस लेने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी-1) की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने वकीलों की दलील को सुने बिना ही मामले में सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तारीख लगाई है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से भाग सिंह भाटी, पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता यूसुफ सैफी मौजूद रहे।
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पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता यूसुफ सैफी ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान सीपीआईएम की नेता वृंदा करात भी मौजूद रही। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर न्याय व्यवस्था को चैलेंज किया जा रहा है। मॉब लिंचिंग के मामले में जिसमें गवाही चल रही है। ऐसे मामले को वापस लेना सरकार की मानसिकता को दिखाता है। हम पीड़ित पक्ष के साथ खड़े रहेंगे।
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गौरतलब है कि न्यायालय में विचाराधीन चर्चित मामले में अभियोजन की ओर से मुकदमा वापस की अर्जी लगाई थी। शासन व संयुक्त निदेश अभियोजन के आदेश के बाद सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिसमें सामाजिक सद्भाव की बहाली को देखते हुए मुकदमा वापस लेने का आदेश पारित करने की अनुमति मांगी है। उत्तर प्रदेश शासन के न्याय अनुभाग-5 (फौजदारी) लखनऊ द्वारा 26 अगस्त 2025 को जारी शासनादेश के अनुसार यह मुकदमा वापस लेने का निर्णय हुआ था। संयुक्त निदेशक अभियोजन ने 12 सितंबर 2025 को पत्र जारी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
पत्र में कहा गया था कि राज्यपाल महोदया द्वारा अभियोजन वापसी की अनुमति दी गई है। यह कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-321 के तहत की गई है। इसके बाद अभियोजन की ओर से 15 अक्तूबर को मुकदमा वापसी की अर्जी लगाई गई थी। मामले में गवाही चल रही है। इस कारण पिछली सुनवाई 12 नवंबर-2025 को हुई थी। इस मामले में सुनवाया के लिए अदालत ने शुक्रवार की तारीख दी थी। मगर सुनवाई के समय को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है। वहीं, मृतक के परिजन का कहना है कि मामले में न्यायालय के फैसले के बाद ही आगे की रणनीति बनाएंगे।