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Noida News: नोएडा एयरपोर्ट विस्थापितों से किए वादे अब भी अधूरे
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ग्रामीण संवाद:
फोटो
– जेवर की आरआर कॉलोनी में गंदगी, अव्यवस्था का बोलबाला, साढ़े चार वर्षों से पशुबाड़े की जमीन का इंतजार कर रहे ग्रामीण
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुना सिटी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापितों को बसाने के लिए बनाई गई जेवर की पुनर्वासन और पुर्न व्यवस्थापन (आर आर) कॉलोनी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है। विस्थापन के दौरान प्रशासन की ओर से पशुबाड़े के लिए जमीन और युवाओं को नौकरी के वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। संवाद के दौरान कालोनी निवासियों इस मुद्दे पर युवाओं की व्यथा बताई।
विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि वादे के मुताबिक 25 वर्गमीटर की जमीन पशुबाड़े के लिए मिलनी थी जो आज तक नहीं मिली। पशुओं को रखने में परेशानी हो रही है। उनका आरोप है कि पुलिस आर आर कॉलोनी में लोगों से चालान काटती है जिससे आम लोग काफी परेशान हैं। बुजुर्गों का कहना है कि उनके बच्चों को आज तक नौकरी नहीं दी गई। प्रशासन के वादे कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं।
काॅलोनी की स्थिति भी इन दिनों खस्ताहाल है। जगह–जगह कूड़े के ढेर, फैली दुर्गंध, बढ़ते मच्छरों का प्रजनन और लगातार बिगड़ता स्वच्छता प्रबंध लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। निवासियों का कहना है कि कूड़ेदान कई-कई दिनों तक भरा रहता है। 15–20 दिन तक कूड़ा सड़ता रहता है। कोई देखने वाला नहीं है। गंदगी फैलने से डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
एजेंसी काम नहीं करती, अधिकारी भी नहीं सुनते
काॅलोनी में कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहता है। एजेंसी काम नहीं करते, अधिकारी भी नहीं सुनते। - विजय सिंह, निवासी
सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, चारों ओर कूड़े के ढेर बिखरे हुए हैं। – रामकिशन शर्मा
नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक बच्चों को नौकरी नहीं मिली। – सुभाष सिंह
पशु बांधने की जगह नहीं है, मजबूरी में घरों के आसपास ही रखना पड़ता है। – भानु प्रकाश
पुलिस रोजमर्रा की गतिविधियों पर चालान काट रही है, जिससे परेशानी उठानी पड़ती है। – भोले राम
अभी तक युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसका समाधान होना चाहिए। - सत्यपाल सिंह
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– जेवर की आरआर कॉलोनी में गंदगी, अव्यवस्था का बोलबाला, साढ़े चार वर्षों से पशुबाड़े की जमीन का इंतजार कर रहे ग्रामीण
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुना सिटी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापितों को बसाने के लिए बनाई गई जेवर की पुनर्वासन और पुर्न व्यवस्थापन (आर आर) कॉलोनी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है। विस्थापन के दौरान प्रशासन की ओर से पशुबाड़े के लिए जमीन और युवाओं को नौकरी के वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। संवाद के दौरान कालोनी निवासियों इस मुद्दे पर युवाओं की व्यथा बताई।
विस्थापित ग्रामीणों का आरोप है कि वादे के मुताबिक 25 वर्गमीटर की जमीन पशुबाड़े के लिए मिलनी थी जो आज तक नहीं मिली। पशुओं को रखने में परेशानी हो रही है। उनका आरोप है कि पुलिस आर आर कॉलोनी में लोगों से चालान काटती है जिससे आम लोग काफी परेशान हैं। बुजुर्गों का कहना है कि उनके बच्चों को आज तक नौकरी नहीं दी गई। प्रशासन के वादे कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं।
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काॅलोनी की स्थिति भी इन दिनों खस्ताहाल है। जगह–जगह कूड़े के ढेर, फैली दुर्गंध, बढ़ते मच्छरों का प्रजनन और लगातार बिगड़ता स्वच्छता प्रबंध लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। निवासियों का कहना है कि कूड़ेदान कई-कई दिनों तक भरा रहता है। 15–20 दिन तक कूड़ा सड़ता रहता है। कोई देखने वाला नहीं है। गंदगी फैलने से डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
एजेंसी काम नहीं करती, अधिकारी भी नहीं सुनते
काॅलोनी में कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहता है। एजेंसी काम नहीं करते, अधिकारी भी नहीं सुनते। - विजय सिंह, निवासी
सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, चारों ओर कूड़े के ढेर बिखरे हुए हैं। – रामकिशन शर्मा
नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक बच्चों को नौकरी नहीं मिली। – सुभाष सिंह
पशु बांधने की जगह नहीं है, मजबूरी में घरों के आसपास ही रखना पड़ता है। – भानु प्रकाश
पुलिस रोजमर्रा की गतिविधियों पर चालान काट रही है, जिससे परेशानी उठानी पड़ती है। – भोले राम
अभी तक युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसका समाधान होना चाहिए। - सत्यपाल सिंह