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पढ़ें किन शर्तों पर बाहर आए केजरीवाल: 156 दिन काटी जेल, रिहा हुए पर न CM ऑफिस जा सकें और न ही सचिवालय

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Fri, 13 Sep 2024 08:05 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय व दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। वहीं, किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक ऐसा करना जरूरी न हो। 

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Read on which conditions Arvind Kejriwal got bail from supreme court
अरविंद केजरीवाल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल को बेशक कथित आबकारी घोटाले में जमानत मिल गई है, लेकिन 'मुख्यमंत्री' केजरीवाल अभी भी जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ लगाई गई बंदिशों की वजह से केजरीवाल अभी बतौर मुख्यमंत्री काम नहीं कर सकेंगे। वह उन्हीं जरूरी फाइलों पर दस्तखत कर सकेंगे, जिनको उपराज्यपाल को भेजा जाना है। आप का मानना है कि कैबिनेट विस्तार समेत इसकी बैठकों के बारे में सुप्रीम अदालत से स्पष्टीकरण लेना पड़ेगा। वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी इशारा किया है कि इस बारे में वह अदालत का रूख कर सकते हैं।

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय व दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। वहीं, किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक ऐसा करना जरूरी न हो। यह वही फाइलें होंगी, जिनको उपराज्यपाल के पास भेजा जाना है। इससे कैबिनेट बैठक, उसके विस्तार और दूसरे कामों को करने की इजाजत नहीं होगी।

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आप लीगल टीम का भी मानना है कि मुख्यमंत्री के कामकाज पर अदालत ने बंदिशें लगाई हैं। जबकि दिल्ली कैबिनेट का विस्तार लंबित है। पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में एक पद खाली है। वहीं, कैबिनेट बैठक से तैयार होने वाले कैबिनेट नोट पर मुख्यमंत्री का दस्तखत करने होंगे। दूसरे और भी कई जरूरी काम हैं, जिनकी फाइल उपराज्यपाल को नहीं भेजनी होती। इन सब मामलों में स्पष्टीकरण के लिए वह अदालत जाएंगे। इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी कहना है कि इस तरह के शर्तों को अगर अदालत में चुनौती दी जाएगी तो वह नहीं टिकेंगी।

अरविंद केजरीवाल पर लगाई गई शर्तें
- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे।
- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक एलजी की ऐसा करना जरूरी न हो।
- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे।
- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे।
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे।
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
 

सीएम ने 156 दिन काटी जेल
अरविंद केजरीवाल को सिविल लाइंस स्थित उनके आवास से 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद एक अप्रैल को उनको तिहाड़ जेल भेज दिया गया। बाद में जेल में ही 26 जून को सीबीआई ने इसी मामले में पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। करीब 51 दिन बाद 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 दिन के लिए अंतरिम बेल दी थी। मकसद लोक सभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने का था। दो जून को केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था। ईडी की गिरफ्तारी के बाद से सीधे अगर शुक्रवार 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हो रही होती तो उनको 177 दिन में काटने पड़तते। लेकिन 21 दिन की रिहाई को कम करने से जेल में रहने वाले दिनों की संख्या 156 दिन बैठती है।

कथित शराब घोटाले के चार बड़े नेता जमानत पर
अरविंद केजरीवालः कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें सीबीआई ने भी गिरफ्तार कर लिया था। जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल को शराब घोटाले का सरगना बताया था। उनको शुक्रवार जमानत मिली है।

मनीष सिसोदियाः बीते साल 26 फरवरी को गिरफ्तार सिसोदिया भी जमानत पर बाहर हैं। वह नौ अगस्त को जेल से बाहर आए। दिल्ली में जब नई शराब नीति लागू हुई थी, तब आबकारी विभाग सिसोदिया के पास ही था। सिसोदिया पर आरोप है कि आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए।

संजय सिंहः आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को ईडी ने पिछले साल 4 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह पर आप के आरोपियों से 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप था। संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से इस साल 2 अप्रैल को जमानत मिल गई।

के. कविताः बीआरएस नेता के. कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को ''साउथ ग्रुप'' ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थीद्ध कविता इस साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को उन्हें जमानत दे दी थी।

कथित शराब घोटाले से जुड़े बड़े घटनाक्रम
-नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई उत्पाद शुल्क नीति पेश की।
-जुलाई 2022: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की।
-अगस्त 2022: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में मामले दर्ज किए।
-सितंबर 2022: दिल्ली सरकार ने उत्पाद शुल्क नीति को रद्द कर दिया।
-अक्तूबर 2023 से मार्च 2024: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को नौ समन जारी किए।
-21 मार्च 2024: उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। इसके तुरंत बाद ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।
-10 मई: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दी, कहा कि उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा।
-20 जून: ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को नियमित जमानत दी।
-21 जून: ईडी ने निचली अदालत के जमानत आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। हाई कोर्ट ने एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी किया, स्टे के मुद्दे पर फैसला आने तक जमानत आदेश निलंबित कर दिया।
-25 जून: उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी।
-26 जून: सीबीआई ने उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को औपचारिक रूप से जेल से गिरफ्तार किया।
-17 मई: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
-12 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी। लेकिन, सीबीआई मामले में वह जेल में ही रहेंगे।
-17 जुलाई: केजरीवाल ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
-5 अगस्त: उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को बरकरार रखा।
-12 अगस्त: केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
-14 अगस्त: उच्चतम न्यायालय ने उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया।
-5 सितंबर: उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।
-11 सितंबर: राउज एवेन्यू कोर्ट ने उत्पाद शुल्क घोटाला मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी।
-13 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी और कहा कि लंबे समय तक जेल में रहना अन्यायपूर्ण ढंग से स्वतंत्रता से वंचित करना है।

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