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Delhi NCR News: लावारिस पशुओं से परेशान हैं मयूर विहार-2 पॉकेट एफ के निवासी
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- निवासी बोले पार्कों की देखभाल के लिए नहीं हैं माली, कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
संवाद न्यूज एजेंसी
पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार-2 पॉकेट एफ आरडब्ल्यूए के निवासी लावारिस पशुओं, बंदरों, साफ-सफाई, पार्किंग, जाम और अतिक्रमण की समस्याओं से परेशान हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि पार्कों के विरान सारे वीरान पड़े हुए हैं। पार्कों की देखभाल करने के लिए एक भी माली नहीं है। आसपास के पेड़ बड़े हो गए हैं। उनकी टहनियां बाहर की ओर लटकती रहती हैं। इसकी कटाई और छटाई करने वाला भी कोई नहीं है। पेड़ों की जड़ से मिट्टी गायब हो रही है, जिसके चलते आंधी-तूफान में वह आसपास खड़ी गाड़ियों के ऊपर गिर जाते हैं। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
रविवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में निवासी अमित गुप्ता, भूपेंद्र वर्मा, अनिल कुमार, परम मणि, शिप्रा गुलाठी, नरेंद्र शर्मा और अन्य लोगों ने बताया कि बंदरों से वह तंग आ चुके हैं। क्षेत्र में बंदर राह चलते हुए लोगों के हाथों से सामान छीनकर भाग जाते हैं। इसके अलावा, इलाके में स्ट्रीट डॉग की संख्या बढ़ गई है। लावारिस कुत्तों के काटने से रेबीज होने का खतरा बना रहता है। निवासियों के मुताबिक आसपास के इलाके में अतिक्रमण होने की वजह से जाम लग जाता है। फुटपाथ के ऊपर कई लोगों ने चहारदीवारी कर बगीचे बना लिए हैं। कॉलोनियों में बनी सड़क पर ब्रेकर नहीं हैं। इससे तेज रफ्तार वाहनों से दुर्घटना होने का डर बना रहता है। कॉलोनियों में छोटे-छोटे बच्चे खेलते हैं। वहीं, पार्कों में बनाए गए ओपन जिम की हालत जर्जर हो चुकी है। इसकी मरम्मत भी नहीं होती है।
कॉलोनी में बंदरों और कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। आए दिन बंदर स्थानीय निवासियों के हाथों से सामान छीनकर भाग जाते हैं।-- - अमित गुप्ता, अध्यक्ष
पार्कों की साफ-सफाई करने वाला भी कोई नहीं है। पार्कों में लंबे-लंबे घास उग आए हैं। इसके अंदर लावारिस पशु घास चरते हैं, जिसके चलते लोगों को टहलने में परेशानी होती है।-- - भुपेंद्र वर्मा, उपाध्यक्ष
अतिक्रमण की वजह से आसपास इलाके में जाम लग जाता है। कई जगह फायर बिग्रेड की गाड़ियां आने के लिए भी जगह नहीं है। आपातकालीन स्थिति में बड़ी घटना घट सकती है। - अनिल कुमार, महासचिव
हर जगह तारों का जंजाल है। इससे शॉर्ट सर्किट हो जाता है, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा ओपन जिम की हालत जर्जर हो चुकी है। उनकी मरम्मत भी नहीं होती है।-- - परम मणि, कोषाध्यक्ष
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संवाद न्यूज एजेंसी
पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार-2 पॉकेट एफ आरडब्ल्यूए के निवासी लावारिस पशुओं, बंदरों, साफ-सफाई, पार्किंग, जाम और अतिक्रमण की समस्याओं से परेशान हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि पार्कों के विरान सारे वीरान पड़े हुए हैं। पार्कों की देखभाल करने के लिए एक भी माली नहीं है। आसपास के पेड़ बड़े हो गए हैं। उनकी टहनियां बाहर की ओर लटकती रहती हैं। इसकी कटाई और छटाई करने वाला भी कोई नहीं है। पेड़ों की जड़ से मिट्टी गायब हो रही है, जिसके चलते आंधी-तूफान में वह आसपास खड़ी गाड़ियों के ऊपर गिर जाते हैं। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
रविवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में निवासी अमित गुप्ता, भूपेंद्र वर्मा, अनिल कुमार, परम मणि, शिप्रा गुलाठी, नरेंद्र शर्मा और अन्य लोगों ने बताया कि बंदरों से वह तंग आ चुके हैं। क्षेत्र में बंदर राह चलते हुए लोगों के हाथों से सामान छीनकर भाग जाते हैं। इसके अलावा, इलाके में स्ट्रीट डॉग की संख्या बढ़ गई है। लावारिस कुत्तों के काटने से रेबीज होने का खतरा बना रहता है। निवासियों के मुताबिक आसपास के इलाके में अतिक्रमण होने की वजह से जाम लग जाता है। फुटपाथ के ऊपर कई लोगों ने चहारदीवारी कर बगीचे बना लिए हैं। कॉलोनियों में बनी सड़क पर ब्रेकर नहीं हैं। इससे तेज रफ्तार वाहनों से दुर्घटना होने का डर बना रहता है। कॉलोनियों में छोटे-छोटे बच्चे खेलते हैं। वहीं, पार्कों में बनाए गए ओपन जिम की हालत जर्जर हो चुकी है। इसकी मरम्मत भी नहीं होती है।
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कॉलोनी में बंदरों और कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। आए दिन बंदर स्थानीय निवासियों के हाथों से सामान छीनकर भाग जाते हैं।
पार्कों की साफ-सफाई करने वाला भी कोई नहीं है। पार्कों में लंबे-लंबे घास उग आए हैं। इसके अंदर लावारिस पशु घास चरते हैं, जिसके चलते लोगों को टहलने में परेशानी होती है।
अतिक्रमण की वजह से आसपास इलाके में जाम लग जाता है। कई जगह फायर बिग्रेड की गाड़ियां आने के लिए भी जगह नहीं है। आपातकालीन स्थिति में बड़ी घटना घट सकती है। - अनिल कुमार, महासचिव
हर जगह तारों का जंजाल है। इससे शॉर्ट सर्किट हो जाता है, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा ओपन जिम की हालत जर्जर हो चुकी है। उनकी मरम्मत भी नहीं होती है।