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Robotic Surgery: लोकनायक में जल्द शुरू होगी बच्चों की रोबोटिक सर्जरी, आसान होगा इलाज

राकेश शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Fri, 16 Feb 2024 07:49 AM IST
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सार

लोकनायक अस्पताल में जल्द ही बच्चों की रोबोटिक सर्जरी शुरू होने वाली है। इस सर्जरी की मदद से बच्चों का इलाज आसान होगा। बाल शल्य चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष डॉ. सिम्मी के रतन ने बताया कि यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों को एडवांस सेवाएं मिल पाएगी।

Robotic surgery for children will start soon in Loknayak.
रोबोटिक सर्जरी - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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दिल्ली सरकार के सबसे बड़े लोकनायक अस्पताल में जल्द ही बच्चों की रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। मौजूदा समय में यहां सामान्य सर्जरी के अलावा एडवांस लेप्रोस्कोपिक की सेवाएं मिल रही हैं। अस्पताल को नया भवन मिल जाने के बाद विभाग में रोबोटिक सर्जरी भी शुरू हो जाएगी। इससे मरीजों का इलाज आसान होगा। 

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साथ ही रिकवरी भी तेज होगी। विशेषज्ञों की मानें तो अस्पताल में हर साल हजारों बाल मरीज भर्ती होते हैं। अभी रोजाना औसतन सात बच्चों की माइनर और जटिल सर्जरी हो रही है। इस बारे में बाल शल्य चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष डॉ. सिम्मी के रतन ने बताया कि यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों को एडवांस सेवाएं मिल पाएगी। मौजूदा समय में यहां रोजाना सात बच्चों की सर्जरी हो रही है। अस्पताल में हर साल माइनर और जटिल चार हजार सर्जरी होती हैं। 
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कार्यशाला आयोजित 
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में बाल शल्य चिकित्सा सुविधा को एडवांस करने के लिए वर्कशॉप का आयोजन हुआ। इस आयोजन में बच्चों की सर्जरी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पूनम नारंग, डॉ. सुजॉय नियोगी, डॉ. प्रफुल्ल कुमार, डॉ. गौरव सक्सेना, डॉ. मोहम्मद फहीम अहमद सहित अन्य ने बाल शल्य चिकित्सा पर अपनी बात रखी। साथ ही पुस्तक का विमोचन किया। 

इन जटिल सर्जरी की सुविधा
- जन्म से खाने की नली न होना, जन्म से शौच का रास्ता न होना
- पेशाब में रुकावट, पेशाब की थैली छोटा या खुला होना 
- गुर्दे की नली में रुकावट, छाती में गांठ 
- छाती और पेट के बीच में पर्दा की दिक्कत सामने के हिस्से में पेट न बना होना 
- पित की थैली न बनना
- जन्म से पीलिया होना 
- शारीरिक बनावट में दिक्कत
- अंतड़ियों में रुकावट
- चोट लगना, छत से गिरकर व अन्य, बायोप्सी 

इन बच्चों में दिक्कत
- गर्भावस्था के दौरान मां को इंफेक्शन हो, बच्चे में जेनेटिक समस्या रही हो 
- जन्म के दौरान लिंग स्पष्ट न हो, जेनेटिक कैंसर के कारण हो 
- मां अत्याधिक धूम्रपान या नशा करती हो, मां को वायरल इंफेक्शन रहा हो 

बच्चे पी रहे टॉयलेट क्लीनर 
छोटे बच्चे अक्सर हाथ में आने वाली वस्तु को मुंह में डाल लेते हैं। ऐसे मामलों में बड़ी दुर्घटना हो सकती है। लोकनायक अस्पताल में ऐसे कई बच्चे सर्जरी के लिए लाए गए, जिन्होंने लापरवाही में टॉयलेट क्लीनर, एसिड या अन्य पदार्थ पी लिया हो। 

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