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दिल्ली के कई इलाकों में दशहत के चलते घरों में छिपे रहे लोग

जितेंद्र भारद्वाज, नई दिल्ली Published by: Trainee Trainee Updated Tue, 25 Feb 2020 05:18 PM IST
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situation had become to kill people by entering houses in Delhi this report blew their senses
caa protest Delhi - फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली में मचा हिंसा का तांडव कोई सामान्य घटना नहीं है। एक ऐसी घटना, जिसने छोटी से छोटी एजेंसी से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक सभी को हिलाकर रख दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली की हिंसा बाबत जो रिपोर्ट दी उसने तो सभी के होश उड़ा दिए। सूत्रों के अनुसार, दो दिन की हिंसा इस स्तर तक पहुंच गई थी कि लोगों के घरों में घुसकर उन्हें मारना बाकी था।

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अगर पुलिस मौके पर पहुंचने में एक घंटा और देरी कर देती तो हालात ऐसे होते कि जिन्हें बयां करना मुश्किल हो जाता। इसी रिपोर्ट के बाद सभी की नींद टूटी है। रिपोर्ट में कहा गया कि लोग एक दूसरे पर इस तरह से हमला कर रहे थे कि जैसे वे दो शत्रु देशों के लोग हों।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंगलवार को यह संकेत दिया कि किसी भी इलाके में पुलिस बल पर्याप्त संख्या में नहीं था। यही वजह रही कि उपद्रवी जमकर हिंसा करते रहे, लेकिन उन्हें रोकने के लिए वहां कोई नहीं पहुंचा।

सूत्र बताते हैं कि दिल्ली पुलिस के एक ज्वाइंट सीपी ने हिंसा को देखते हुए सुरक्षा बलों की कम से कम 75 कंपनियां देने की मांग की थी। इस बात को दिल्ली सरकार भी जानती है। जाफराबाद, मौजपुर और भजनपुरा समेत कई दूसरे इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन जब हिंसक हो गए तो पुलिस अफसरों ने स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए 75 कंपनियां मांगी थी।

इन इलाकों में जब हालात पूरी तरह बिगड़ गए तो 15 कंपनियों को मौके पर भेजा गया। ये कंपनियां नाकाफी थीं।उपद्रवियों की संख्या हजारों में थी। जिस तरीके से सोशल मीडिया में हिंसा बढ़ाने वाले संदेश वायरल हो रहे थे, उससे उपद्रवियों का दुस्साहस बढ़ता चला गया।

यहां तक कि सोशल मीडिया में जब यह भी लिखा जाने लगा कि किसे कौन से मेट्रो स्टेशन पर और कब पहुंचना है, तो इसका मतलब उस वक्त स्थिति बेकाबू हो चुकी थी। भले ही मीडिया में संख्या का हवाला नहीं दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपर्याप्त पुलिस बल को लेकर अपनी नाराजगी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एलजी अनिल बैजल के समक्ष जाहिर की है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भजनपुरा, चांदबाग, जाफराबाद, गोकुलपुरी, मौजपुर, बाबरपुर और दूसरे कई इलाकों में एक बार तो ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि अब उपद्रवी लोगों को उनके घरों में घुसकर मारेंगे। हालात बिल्कुल ऐसे ही थे।

बीच राह में जो भी मिल रहा था, उपद्रवी उसे मार रहे थे। अगर किसी के पास कोई सामान होता तो उसके साथ लूटपाट हो रही थी। वाहन और सामान जलाया जा रहा था। केंद्रीय एजेंसी की इस रिपोर्ट के आधार पर ही मंगलवार को गृह मंत्रालय में बैठकों के दौर शुरू हुए।

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