12 साल पुराने मामले में सलमान दोषी करार: दंगा फैलाने और हत्या के प्रयास का था आरोप, अब कोर्ट सुनाएगा सजा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शिवाली शर्मा ने आरोपी सलमान त्यागी और उसके आदमियों साहिल उर्फ छोटा रोशन, एस मुस्तफा त्यागी, मंसूर त्यागी और मनीष उर्फ दीपक को घातक हथियार के साथ दंगा करने, हत्या का प्रयास आदि से संबंधित धाराओं के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया।
विस्तार
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने हाल ही में गैंगस्टर सलमान त्यागी और उसके चार साथियों को दंगा और हत्या के प्रयास के 12 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। इस मामले में 2012 में हरि नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मकोका समेत अन्य धाराओं में हुआ था मामला दर्ज
त्यागी और उनके आदमियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शिवाली शर्मा ने आरोपी सलमान त्यागी और उसके आदमियों साहिल उर्फ छोटा रोशन, एस मुस्तफा त्यागी, मंसूर त्यागी और मनीष उर्फ दीपक को घातक हथियार के साथ दंगा करने, हत्या का प्रयास आदि से संबंधित धाराओं के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट ने आरोपी सलमान त्यागी को आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत भी अपराध के लिए दोषी ठहराया है।
एक आरोपी हुआ बरी
हालांकि, अदालत ने आरोपी मोहम्मद सद्दाम उर्फ गौरी को उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया। सद्दाम उर्फ गौरी की ओर से वकील दीपक शर्मा पेश हुए। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि 24 और 25 सितंबर, 2012 की मध्य रात्रि को करीब 12.30 बजे आरोपी सलमान त्यागी, मंसूर त्यागी, मनी नासा (अब मृतक), सद्दाम गौरी, दीपू उर्फ बुंदा और साहिल उर्फ छोटा रोशन एक कार में सवार होकर वीआईपी घोड़ी बग्गी वाला, तिहाड़ गांव, हरि नगर के सामने शमशान घाट रोड पर आए।
आरोप है कि वे आग्नेयास्त्र, तलवार और लोहे की छड़ों सहित हथियारों से लैस थे। आरोपी मंसूर त्यागी और साहिल उर्फ छोटा रोशन कार में बैठे रहे, जबकि अन्य आरोपी मनी नासा, सद्दाम गौरी, सलमान त्यागी और दीपू कार से उतरकर पीड़ित सलीम की ओर आए।
आरोपी मनी नासा ने सलीम पर लोहे की रॉड से किया हमला
पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी मनी नासा ने सलीम पर लोहे की रॉड से हमला किया, आरोपी सद्दाम गौरी ने तलवार से हमला किया और आरोपी दीपक ने उसे पैर और मुक्कों से पीटना शुरू कर दिया। सलीम ने मदद के लिए शोर मचाया और शिकायतकर्ता जावेद (सलीम का भतीजा), उसके मामा मुजफ्फर और उनके कुछ कर्मचारी सलीम को बचाने के लिए दौड़े। उन्हें देखकर आरोपी मंसूर त्यागी और छोटा रोशन कार से उतरे और सलीम की मदद करने की कोशिश करने पर उन्हें गोली मारने की धमकी दी। जब वे नहीं रुके तो आरोपी मंसूर त्यागी ने उन पर पिस्तौल से फायरिंग की, हालांकि, उन्होंने भागकर खुद को बचा लिया।