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MCD BY Election: वार्डों के उपचुनाव के लिए भाजपा में टिकट पर खींचतान, अधिकांश वार्डों में फंसा चयन
विनोद डबास, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनुज कुमार
Updated Mon, 03 Nov 2025 07:47 AM IST
सार
Delhi MCD By Election: एमसीडी के 12 वार्डों के उपचुनाव में भाजपा के टिकट बंटवारे पर जबरदस्त खींचतान मची हुई है। हर वार्ड में 8-10 दावेदारों के कारण उम्मीदवार चयन रुका, नामांकन शुरू होने के बावजूद सूची फाइनल नहीं।
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एमसीडी मुख्यालय
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
एमसीडी के 12 वार्डों में होने वाले उपचुनाव के लिए टिकट चयन को लेकर भाजपा के भीतर जबरदस्त रस्साकशी शुरू हो गई है। प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक नेताओं में मतभेद और आपसी खींचतान इतनी बढ़ गई है कि अब उम्मीदवारों के नाम तय करने की प्रक्रिया रुक सी गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री, संबंधित क्षेत्रों के सांसद और विधायक अपने-अपने पसंदीदा चेहरों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। कई राष्ट्रीय स्तर के नेता भी अपने खास कार्यकर्ताओं की पैरवी कर रहे हैं जिससे स्थिति और उलझ गई है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश स्तर की बैठकों में टिकट वितरण को लेकर असामान्य दबाव देखा जा रहा है। अधिकांश वार्डों में चार-पांच प्रमुख दावेदार हैं जबकि कई जगह दस से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इनमें स्थानीय पार्षद रह चुके नेता, पुराने कार्यकर्ता, पूर्व प्रत्याशी और कुछ नए चेहरे शामिल हैं।
सांसद और विधायक अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए सक्रिय हैं। वहीं, जिलों के पदाधिकारी स्थानीय उम्मीदवारों पर जोर दे रहे हैं। इस टकराव के कारण टिकट की अंतिम सूची तैयार करने में विलंब हो रहा है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व पर दबाव है। हर नेता चाहता है कि उसका व्यक्ति उम्मीदवार बने ताकि भविष्य की राजनीतिक स्थिति में उसका वर्चस्व बना रहे।
प्रदेश नेतृत्व ने अपनाया नया फार्मूला
सभी वार्डों में टिकट को लेकर लगातार बढ़ते असंतोष और गुटबाजी को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने अब नया रास्ता अपनाया है। पार्टी ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक वार्ड में स्थानीय पदाधिकारियों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की राय लेकर ही उम्मीदवार तय किया जाएगा। इसके तहत भाजपा के जिला कार्यालयों में विशेष बैठकें आयोजित की जाएगी जिनमें संबंधित वार्ड के मंडल अध्यक्ष, महामंत्री, पार्षद रह चुके नेता और बूथ स्तर तक सक्रिय नेताओं को बुलाया जाएगा। पार्टी नेतृत्व उनकी राय लिखित रूप में दर्ज करेगा ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उस क्षेत्र में कौन सा नाम संगठन के भीतर स्वीकार्य है। यह प्रक्रिया अगले दो से तीन दिनों तक चलेगी। इसके बाद संभावित नामों की सूची भेजी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश स्तर की बैठकों में टिकट वितरण को लेकर असामान्य दबाव देखा जा रहा है। अधिकांश वार्डों में चार-पांच प्रमुख दावेदार हैं जबकि कई जगह दस से अधिक नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इनमें स्थानीय पार्षद रह चुके नेता, पुराने कार्यकर्ता, पूर्व प्रत्याशी और कुछ नए चेहरे शामिल हैं।
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सांसद और विधायक अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए सक्रिय हैं। वहीं, जिलों के पदाधिकारी स्थानीय उम्मीदवारों पर जोर दे रहे हैं। इस टकराव के कारण टिकट की अंतिम सूची तैयार करने में विलंब हो रहा है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व पर दबाव है। हर नेता चाहता है कि उसका व्यक्ति उम्मीदवार बने ताकि भविष्य की राजनीतिक स्थिति में उसका वर्चस्व बना रहे।
प्रदेश नेतृत्व ने अपनाया नया फार्मूला
सभी वार्डों में टिकट को लेकर लगातार बढ़ते असंतोष और गुटबाजी को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने अब नया रास्ता अपनाया है। पार्टी ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक वार्ड में स्थानीय पदाधिकारियों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की राय लेकर ही उम्मीदवार तय किया जाएगा। इसके तहत भाजपा के जिला कार्यालयों में विशेष बैठकें आयोजित की जाएगी जिनमें संबंधित वार्ड के मंडल अध्यक्ष, महामंत्री, पार्षद रह चुके नेता और बूथ स्तर तक सक्रिय नेताओं को बुलाया जाएगा। पार्टी नेतृत्व उनकी राय लिखित रूप में दर्ज करेगा ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उस क्षेत्र में कौन सा नाम संगठन के भीतर स्वीकार्य है। यह प्रक्रिया अगले दो से तीन दिनों तक चलेगी। इसके बाद संभावित नामों की सूची भेजी जाएगी।