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सोनू की वसूली का खेल: गरीबों से फ्री इलाज के नाम पर लेता पांच हजार, देता सीएम कार्यालय का लेटर; ऐसे हुआ खुलासा

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Mon, 03 Nov 2025 08:10 AM IST
सार

दिल्ली में ईडब्ल्यूएस कोटे के नाम पर गरीब मरीजों से 5000 रुपये ठगने वाले एमसीडी माली सोनू गिरफ्तार कर लिया गया है। सीएम कार्यालय के असली लेटरहेड चुराकर फर्जी पत्र बनाए। कई अस्पतालों को निशाना बनाया। 

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Jhajjar resident Sonu arrested for defrauding government system
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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गरीबों का हमदर्द बनकर सरकारी सिस्टम को चूना लगाने वाला झज्जर निवासी सोनू बेहद शातिर है। सीएम कार्यालय का लेटर मिलने के बाद उसने इसकी कॉपियां कराईं। निजी अस्पताल के बाहर उपचार के लिए परेशान लोगों को मुफ्त इलाज कराने का झांसा देकर उनसे पांच हजार रुपये वसूलने लगा। अस्पताल की ओर से ईमेल नहीं जाता तो शायद सोनू की वसूली चलती रहती।



उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि आरोपी सोनू पिता की मौत के बाद बहादुरगढ़, नगर पालिका में माली का काम किया। पांच साल वहां नौकरी करने के बाद वर्ष 2023 में वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गया। कुछ दिनों बाद एक निजी कंपनी के जरिये वह दिल्ली नगर निगम में माली के रूप में नौकरी पर लग गया।
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सोनू ने जो पत्र भेजा था उसमें अस्पताल को आदेश दिया गया था कि श्याम शंकर नामक मरीज का ईडब्ल्यूएस कोटे से मुफ्त में इलाज किया जाए। अस्पताल ने बताया कि उनके पास किसी बलबीर सिंह राठी नामक अधिकारी के नाम से कॉल भी आया था। लेटर में स्पेलिंग की गलतियों के अलावा उसे ठीक से टाइप भी नहीं किया गया था। सीएम कार्यालय में जो टाइपिंग का फॉन्ट का इस्तेमाल होता है, वह उससे मेल नहीं खा रहा था।

लेटर पर हस्ताक्षर नकली थे। इस पर सीएम कार्यालय सक्रिय हुआ और पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने सबसे पहले मरीज श्याम शंकर से पूछताछ की। श्याम ने बताया कि लेटर उसकी पत्नी अंजु किसी सोनू नामक व्यक्ति से लेकर आई है। सोनू के मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई गई तो पता चला कि मोबाइल सोनू के नाम से रजिस्टर्ड है और वह झज्जर का रहने वाला है। 

मोबाइल लोकेशन ट्रैस की गई तो पता चला कि फोन करोल बाग स्थित एमसीडी के दफ्तर में एक्टिव है। 29 अक्तूबर को टीम ने छापेमारी की लेकिन आरोपी नहीं मिला। दफ्तर से आरोपी का एक बैग व फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक बरामद हुई। टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी सोनू को 30 अक्तूबर को डबल स्टोरी, टैगोर गार्डन, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।

बता दें िक ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे के तहत मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में मुफ्त या रियायती दर पर करवाने की व्यवस्था होती है। यह व्यवस्था दिल्ली समेत कई राज्यों में लागू है। अस्पताल इलाज मुफ्त में या तय सीमा तक रियायत पर करते हैं। बाद में अस्पताल इलाज का खर्च सरकार या संबंधित विभाग से ले लेते हैं।

दफ्तर में मिला था सीएम कार्यालय का असली लेटर, वहीं से आया आइडिया
एमसीडी में ठेकेदार के पास माली का काम करने के दौरान कुछ माह पहले सोनू को सीएम कार्यालय का एक लेटर मिला था। यहीं से उसके दिमाग में आइडिया आया और उसने योजना बना ली। उसने सीएम के फर्जी लेटर बनवाए। इसके बाद प्राइवेट अस्पताल के आसपास घूमकर अपना शिकार ढूंढता और उनसे पांच हजार रुपये लेकर उन्हें ईडब्ल्यूएस कोटे का सीएम कार्यालय से जारी फर्जी लेटर थमा देता था। खुद बलबीर सिंह राठी बताकर अस्पताल को फोन भी करता था। आरोपी ने अब तक कइॡई लोगों का इस तरह उपचार कराया है।

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