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यमुना का फिर बढ़ रहा जलस्तर, सिविक एजेंसियां अलर्ट, निचले इलाके खाली कराने का निर्देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दिल्ली
Updated Tue, 14 Aug 2018 09:09 PM IST
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फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
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यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें आपदा एवं सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण समेत सभी सिविक एजेसियों को निर्देश दिया कि वह अपने स्तर पर तैयार रहें।
दिल्ली में एक बार फिर बीते महीने की तरह यमुना नदी के जल स्तर में इजाफा हो सकता है। बैठक में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से 174072 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
ऐसे में यमुना का जल स्तर मंगलवार शाम चार बजे तक बढ़कर 205.08 मीटर पर पहुंच गया। अनुमान है कि बृहस्पतिवार सुबह 3-5 बजे के बीच 205.30 तक पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर मुख्य सचिव ने सभी एजेंसियों को चौकस रहने का निर्देश दिया है।
निचले क्षेत्रों को खाली कराने का निर्देश
मुख्य सचिव ने डिवीजन कमिश्नर और सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वह यमुना नदी के निचले क्षेत्रों को खाली कराया जाए। इसके अलावा मुनादी कराएं कि वह इलाके से बाहर निकल जाएं। 15 अगस्त के राष्ट्रीय अवकाश के अलावा क्षेत्र में काम करने वाले सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने इलाके में मौजूद रहें।
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दिल्ली में एक बार फिर बीते महीने की तरह यमुना नदी के जल स्तर में इजाफा हो सकता है। बैठक में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से 174072 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
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ऐसे में यमुना का जल स्तर मंगलवार शाम चार बजे तक बढ़कर 205.08 मीटर पर पहुंच गया। अनुमान है कि बृहस्पतिवार सुबह 3-5 बजे के बीच 205.30 तक पहुंच सकता है। इसके मद्देनजर मुख्य सचिव ने सभी एजेंसियों को चौकस रहने का निर्देश दिया है।
निचले क्षेत्रों को खाली कराने का निर्देश
मुख्य सचिव ने डिवीजन कमिश्नर और सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वह यमुना नदी के निचले क्षेत्रों को खाली कराया जाए। इसके अलावा मुनादी कराएं कि वह इलाके से बाहर निकल जाएं। 15 अगस्त के राष्ट्रीय अवकाश के अलावा क्षेत्र में काम करने वाले सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने इलाके में मौजूद रहें।
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर उठाएं कदम
जिला अधिकारियों को मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि 28-30 जुलाई की तरह वह हालात पर निगरानी रखें। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वह उपयुक्त कदम उठाएं। खाना-पानी, दवा, मोबाइल टॉयलेट, टेंट आदि का इंतजाम करें। जो भी कदम उठाया जाए उनकी जानकारी पार्षदों, विधायकों व संबंधित मंत्री को भी दें।