नींद की गोलियां देकर सुला दिया मौत की नींद, चेहर पर नहीं शिकन, रातभर शवों के पास बैठा रहा
महरौली में पत्नी और तीन बच्चों की हत्या की साजिश उपेंद्र ने पहले ही रच ली थी। आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले पत्थर काटने वाली मशीन खरीदी और नींद की गोलियों का भी इंतजाम किया।
सभी को नींद की गोलियां डालकर दूध पिलाया और गहरी नींद में सोते ही चारों का गला रेत दिया। पूछताछ में आरोपी कुछ भी बोलने को तैयार नही है। उसने हत्या क्यों की पुलिस इसका पता लगाने का प्रयास कर रही है।
मामले की छानबीन कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी के कमरे से चार खाली गिलास मिले हैं, जिनमें दूध था। जांच के दौरान क्राइम ब्रांच टीम को कमरे से नींद की गोलियों के पत्ते मिले तो फौरन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एफएसएल की टीम को भी बुला लिया।
एफएसएल की टीम गिलासों को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है। रसोई में बर्तनों से मिले बचे खुचे खाने को भी कब्जे में ले लिया गया है। इनकी जांच कर अब इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि आरोपी ने कहीं खाने में तो कुछ नही मिलाया।
मामले की छानबीन कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी ने डिप्रेशन (अवसाद) की वजह से यह कदम उठाया। लेकिन, ऐसा क्या अवसाद हो गया कि उसने 40 दिन की बच्ची का भी गला रेत दिया। पुलिस अधिकारी इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नही कि आरोपी अपनी पत्नी पर शक करता हो।
इसकी वजह से उसने यह वारदात को अंजाम दे दिया हो। पुलिस ने इसकी पड़ताल करने के लिए उपेंद्र और अर्चना का मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। पड़ोसी दीपक ने बताया कि उपेंद्र काफी गंभीर रहता था। वह कम ही बातचीत करता था। शुक्रवार शाम वह नीचे दुकान पर दूध लेने आया था तो उससे परिवार के बारे में पूछताछ की थी। आरोपी ने सभी के ठीक होने की बात की थी।
पुलिस उपेंद्र की सास ललिता से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कहीं ऐसा तो नही था कि वह अपनी पत्नी शक करता हो और दोनों के बीच झगड़े होते हों।
एक अंग्रेजी और दूसरा हिंदी में लिखा नोट
वहीं आरोपी के पास से दो नोट बरामद हुए हैं, एक नोट हिंन्दी व दूसरे को अंग्रेजी में लिखा है। दोनों ही नोट को लाल रंग के पैन से लिखा गया है। सभी को नींद में सुलाने के बाद आरोपी ने बड़े आराम से ये नोट लिखे। पुलिस का मानना है कि नोट लिखने के बाद आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया। नोट में उसने खुद के बीपी और पत्नी के शुगर होने का जिक्र किया है। किसी भी नोट में आरोपी ने हत्या के कारण और अपनी आत्महत्या करने की बात का जिक्र नही किया है।
चेहर पर नहीं शिकन, रातभर शवों के पास बैठा रहा
उपेंद्र के मन में आखिर ऐसा क्या चल रहा था कि उसे अपनी पत्नी व बच्चों की हत्या करना पड़ी। उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। वारदात को अंजाम देने के बाद रात भर वह फुल स्पीड में एसी चलाकर शवों के पास बैठा रहा।
सुबह जब पड़ोसियों ने उसके दरवाजे को खोला तो भी उसने भागने का प्रयास नही किया। शायद उसने आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन हिम्मत नही जुटा पाया। उसके हाथ पर कट का निशान तो मिला है, लेकिन ज्यादा गहरा नही है। दोपहर बाद उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई।
वार्ड नंबर-2 स्थित मकान की चौथी मंजिल पर अचानक शोर-शराबे की आवाज सुनकर पड़ोसी ऊपर भागे। तीसरी मंजिल पर रहने वाला पीयूष वहां पहुंचा। उपेंद्र की सास शोर मचाकर बता रही थी कि उसका दामाद और बेटी दरवाजा नही खोल रहे हैं, उसे कुछ डर लग रहा है। पीयूष को कुछ संदिग्ध लगा तो वह नीचे पहुंचा और उसने इसी बिल्डिंग में दुकान चलाने वाले दीपक को सूचना दी।
दोनों ने 7.10 बजे पुलिस को सूचना दी कि घर में किसी ने सुसाइड कर लिया है। इसके बाद दोनों ऊपर पहुंचे तो उन्होंने कमरे के दरवाजे को जोर से धक्का दिया। दरवाजा खुला तो अंदर का दृश्य देखकर रोंगटे खड़े हो गए। बैड पर उपेंद्र सिर पर हाथ रखकर बैठा था।
कमरे के फर्श पर खून बिखरा था और दीवारों पर भी छींटे लगे थे। दीपक ने पुलिस को सूचना दी और बताया कि सुसाइड नही यहां पर हत्या हो गई है। 10 मिनट के भीतर पीसीआर की गाड़ी वहां पहुंच गई। पुलिस ने उपेंद्र को हिरासत में लिया।
इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। दीपक ने बताया कि पूरी बिल्डिंग को चौधरी सुरेश कुमार अपार्टमेंट के नाम से जाना जाता है। उपेंद्र चौथी फ्लोर पर रहता है। हर फ्लोर पर दो फ्लैट है। उपेंद्र का पीछे वाला फ्लैट है। उसके सामने वाले पड़ोसी फिलहाल मकान में ताला लगाकर अपने गांव गए हैं। बिल्डिंग में ज्यादातर किराएदार रहते हैं।