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Ramdev on Macaulay: संवाद के मंच पर योगगुरु रामदेव की हुंकार- मैकाले की शिक्षा नीति से विद्रोह, गुलामी नामंजूर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुरुग्राम / नई दिल्ली। Published by: ज्योति भास्कर Updated Wed, 17 Dec 2025 04:15 PM IST
सार

Ramdev on Macaulay: अमर उजाला संवाद के मंच पर आज योगगुरु रामदेव ने देश की शिक्षा नीति और गुलामी की मानसिकता जैसे विषयों पर भी बात की। उन्होंने देश की संस्कृति, मरीजों की चिकित्सा के लिए एलोपैथी के इस्तेमाल और ब्रिटिश हुकूमत के दौर में लागू की गई मैकाले की शिक्षा नीति से विद्रोह की अपने रुख पर भी बातें कीं। जानिए शिक्षा को लेकर योगगुरु रामदेव ने और क्या बातें कहीं?

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अमर उजाला के मंच से बोले योगगुरु रामदेव - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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अमर उजाला संवाद के मंच से आज योगगुरु रामदेव ने ब्रिटिश हुकूमत के दौर में लागू की गई मैकाले की शिक्षा नीति के असर, गुलामी की मानसिकता जैसे विषयों पर विस्तार से संवाद किया। उन्होंने मौजूदा शिक्षा नीति और अपने देश की संस्कृति को लेकर अपने मुखर रवैये से जुड़े एक सवाल पर कहा, 'मेरे मन में मैकाले की शिक्षा पद्धति से विद्रोह था। मुझे अंग्रेजों की परंपरा से नहीं पढ़ना था। मुझे अंग्रेजों का मानस पुत्र नहीं बनना था। आर्थिक-सांस्कृतिक गुलामी मंजूर नहीं थी। मुझे गुरुकुल परंपरा से पढ़ने का मौका मिला। हम इसी परंपरा से बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। इस पहलू पर हमारे बच्चे को शास्त्र भी कंठस्थ हो जाते हैं। बच्चों में संस्कार जगाते हैं। '

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राज्यों को बदलनी चाहिए शिक्षा प्रणाली
आने वाली पीढ़ी के बच्चों को कैसे प्रभावी शिक्षा दी जा सकती है, राज्यों में किस तरह के बदलाव होने चाहिए? इन पहलुओं पर योगगुरु रामदेव ने कहा, 'मुझे नहीं पता था कि दुनिया मुझे योगी बना देगी। ...कोई भी बोर्ड ऐसा नहीं है कि सनातन के बोध के साथ शिक्षा दी जाती हो। हम इतने जड़तावादी हो गए हैं कि हम सोचते नहीं। जिन मुगलों-आक्रांताओं ने देश को लूटा, उन्हें अब भी हम महिमामंडित कर रहे हैं। हर राज्य की शिक्षा प्रणाली बदलनी चाहिए।'
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भारत सनातन परंपरा का देश
योगगुरु रामदेव से पूछा गया कि सनातन बोध के साथ शिक्षा दिए जाने की कवायद पर शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगते हैं, इस पर आपकी क्या राय है? बाबा रामदेव ने कहा, 'सबके भीतर भगवा है। लोगों ने खूब कोशिश करके देख ली। भारत सनातन परंपरा का देश है। इसे आप नकार नहीं सकते।

जब 140 करोड़ लोग पूरी ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण में लग जाएंगे...
250 साल पहले तो हमारी सौ ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था रही होगी। इसे दरिद्र बना दिया गया। हम दोबारा यह पुरुषार्थ कर सकते हैं। इसमें पांच-दस-पच्चीस साल लग सकते हैं, लेकिन हमें करना होगा। हमें अपनी हैसियत समझनी होगी। जिस देश के 140 करोड़ लोग पूरी ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण में लग जाएंगे, तब भारत सामरिक महाशक्ति बनेगा। चाहे जनशक्ति हो, धनशक्ति हो, सैन्यशक्ति हो, भारत सबसे आगे था।

ये भी पढ़ें- Samwad: 'शुद्ध हवा, आहार, पानी हमारा सांविधानिक अधिकार है, फिर भी हम जहर पी रहे', संवाद के मंच पर बाबा रामदेव

शुद्ध हवा हमारा सांविधानिक अधिकार
शिक्षा के अलावा उन्होंने साफ हवा को नागरिकों का सांविधानिक अधिकार बताते हुए योगाभ्यास और प्राणायाम को अपने जीवन में अपनाने पर भी जोर दिया। योगगुरु रामदेव ने कहा, शुद्ध हवा हमारा सांविधानिक अधिकार है। लेकिन हम जहर पीने को मजबूर हैं। एक्यूआई में तीन चीजें हैं। इसमें कार्बन, धुंल और अन्य चीजें हैं। आप कमरे बंद करके पर्दे लगाकर प्राणायाम करें। इससे आपको राहत मिलेगी। प्रणाणाम शरीर में सभी चीजों को बैलेंस करता है।


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