Report: भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के पसंदीदा गंतव्य बने कनाडा, अमेरिका और यूके: नीति आयोग की रिपोर्ट
International Education: नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश का रुख कर रहे हैं। इसमें कनाडा, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशन बनकर उभरे हैं।
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NITI Aayog Report: नीति आयोग की सोमवार को जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय छात्र बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा के लिए विदेश का रुख कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार कनाडा, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के टॉप पांच अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशन बनकर उभरे हैं, जिनमें सबसे अधिक भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। साल 2024 में करीब 4.27 लाख भारतीय छात्र कनाडा में उच्च शिक्षा के लिए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा, जहां 3,37,630 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम में 1.85 लाख, ऑस्ट्रेलिया में 1,22,202 लाख, और जर्मनी में लगभग 42,997 हजार भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
विदेश जाने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या से ब्रेन ड्रेन की चिंता
इसमें आगे कहा गया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दुनिया का सबसे बड़ा स्रोत देश है, जिसमें 2024 में 13.35 लाख से अधिक छात्र विदेशों में पढ़ रहे हैं। साथ ही, देश में दुनिया में सबसे बड़ा उच्च शिक्षा आयु वर्ग (18-23 वर्ष) है, 15.5 करोड़।
इसमें कहा गया है, "2024 में, भारत आने वाले हर 1 अंतरराष्ट्रीय छात्र के लिए, 28 भारतीय छात्र विदेश गए, जो देश के लिए एक महत्वपूर्ण ब्रेन ड्रेन को दर्शाता है।
भारत में विदेशी छात्रों के प्रवाह के बारे में, 'भारत में उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण' शीर्षक वाली रिपोर्ट में 2021-22 का डेटा प्रस्तुत किया गया।
आगे इसमें कहा गया है, नेपाल, अफगानिस्तान, अमेरिका, बांग्लादेश और यूएई 2021-22 में भारत में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के शीर्ष स्रोत देश थे।
विदेशी पढ़ाई पर खर्च और राज्यों से छात्रों का पलायन तेजी से बढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा, अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया में 8.5 लाख भारतीय छात्र हैं जिन्होंने 2023-2024 में उच्च शिक्षा पर 2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च किए।
इसी समय, लातविया में सबसे अधिक 17.4 प्रतिशत भारतीय छात्र हैं, इसके बाद आयरलैंड में 15.3 प्रतिशत और जर्मनी में 10.1 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट में 2020 में दर्ज किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राज्यों में, आंध्र प्रदेश 35,614 छात्रों के साथ विदेश जाने वाले छात्रों का सबसे बड़ा सोर्स था, इसके बाद पंजाब से 33,412 और महाराष्ट्र से 29,079 छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए।
इसमें बताया गया कि 2014-24 के दौरान RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए बाहर भेजे जाने वाले पैसे में 975 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।