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NIOS: दिल्ली में एनआईओएस प्रोजेक्ट में 10वीं के नतीजे निराशाजनक, 4 वर्षों में फेल छात्रों की दर 70% तक पहुंची

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: शाहीन परवीन Updated Mon, 20 Oct 2025 10:25 AM IST
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सार

NIOS Project: दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने आरटीआई के जवाब में खुलासा किया है कि एनआईओएस परियोजना के तहत पिछले चार वर्षों में 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले करीब 70% छात्र फेल हुए हैं।
 

Delhi: 70% of NIOS Class 10 students failed in last 4 years
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : freepik
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विस्तार
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Delhi Education: दिल्ली के शिक्षा निदेशालय (DoE) ने जानकारी दी है कि ‘एनआईओएस परियोजना’ के तहत पिछले चार वर्षों में 10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले करीब 70 प्रतिशत छात्र फेल हुए हैं। यह खुलासा पीटीआई द्वारा दायर एक सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के जवाब में हुआ है।

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यह परियोजना दिल्ली सरकार द्वारा 9वीं और 10वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों की दर और स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या को कम करने के लिए शुरू की गई थी।
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इस परियोजना के तहत 9वीं और 10वीं कक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले तथा पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) में पंजीकृत किया जाता है तथा उनके लिए अलग से कक्षाएं संचालित की जाती हैं।

पिछले चार वर्षों में केवल 30% छात्र ही 10वीं परीक्षा में पास

शिक्षा निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2024 में 'एनआईओएस प्रोजेक्ट' के तहत 10वीं कक्षा के लिए 7,794 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, जिनमें से केवल 37 प्रतिशत यानी 2,842 ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।

निदेशालय ने बताया कि परियोजना के तहत 2017 में 8,563, 2018 में 18,344, 2019 में 18,624, 2020 में 15,061, 2021 में 11,322, 2022 में 10,598 और 2023 में 29,436 बच्चों का पंजीकरण किया गया।

आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2017 में केवल 3,748 छात्र, 2018 में 12,096, 2019 में 17,737, 2020 में 14,995, 2021 में 2,760, 2022 में 3,480 और 2023 में 7,658 छात्र ही परीक्षा पास कर सके। इससे पता चलता है कि पिछले चार वर्षों में केवल 30% एनआईओएस छात्र ही परीक्षा पास कर पाए हैं।

समन्वय की कमी ने बढ़ाई छात्रों की असफलता

इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों का पंजीकरण करने की जिम्मेदारी संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की है।

किया गया है। यदि किसी विषय में प्रैक्टिकल शामिल हैं, जैसे चित्रकला, गृह विज्ञान या कंप्यूटर विज्ञान, तो प्रत्येक प्रैक्टिकल विषय के लिए 120 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।

इसके अतिरिक्त, पांच विषयों के लिए पंजीकरण शुल्क 500 रुपये है, जिसमें प्रति विषय 200 रुपये अतिरिक्त है, तथा क्रेडिट ट्रांसफर (TOC) के लिए प्रति विषय 230 रुपये अलग से लिए जाते हैं।

दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "बच्चों की असफलता के पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, समन्वय का अभाव।" उन्होंने बताया कि परियोजना से जुड़े शिक्षक पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों को यह नहीं बताते कि उनके बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं।

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