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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नहीं है प्रमाणपत्र तो UPSSSC के लिए आवेदन में आएगी दिक्कत
एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Sun, 14 Oct 2018 10:42 AM IST
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यूपीएसएसएससी
- फोटो : amar ujala
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हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 की कनिष्ठ सहायक भर्ती में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को ट्रिपल-सी प्रमाणपत्र न रखने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन की छूट देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि विज्ञापन की शर्तें पूरी न करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल होने की छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सैकड़ों अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल दर्जनों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। संजय शर्मा और अन्य की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया है।
कनिष्ठ सहायक भर्ती के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 मार्च 2016 थी। याचीगण ने आवेदन किया। वह लिखित और कंप्यूटर टाइप टेस्ट में पास हो गए। उन्हें साक्षात्कार में यह कहते हुए नहीं बुलाया गया कि उनके पास फार्म जमा करने की अंतिम तिथि तक ट्रिपल-सी प्रमाणपत्र नहीं था। इसलिए उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं है। क्योंकि विज्ञापन में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि फार्म भरते समय ट्रिपल-सी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। इसे चुनौती दी गई। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में याचीगण को साक्षात्कार में शामिल करने लिए कहा तथा जवाब मांगा।
याचीगण का कहना था कि वह ट्रिपल-सी पास थे। प्रमाणपत्र मिलने में देरी के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। ट्रिपल-सी की योग्यता रखने के कारण उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार है। जब कि आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि विज्ञापन की शर्तों के विपरीत आवेदन स्वीकार्य नहीं है । यदि छूट दी गई तो भर्ती प्रक्रिया अनिश्चितकाल तक उलझी रहेगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं।

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कनिष्ठ सहायक भर्ती के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 मार्च 2016 थी। याचीगण ने आवेदन किया। वह लिखित और कंप्यूटर टाइप टेस्ट में पास हो गए। उन्हें साक्षात्कार में यह कहते हुए नहीं बुलाया गया कि उनके पास फार्म जमा करने की अंतिम तिथि तक ट्रिपल-सी प्रमाणपत्र नहीं था। इसलिए उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं है। क्योंकि विज्ञापन में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि फार्म भरते समय ट्रिपल-सी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। इसे चुनौती दी गई। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में याचीगण को साक्षात्कार में शामिल करने लिए कहा तथा जवाब मांगा।
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याचीगण का कहना था कि वह ट्रिपल-सी पास थे। प्रमाणपत्र मिलने में देरी के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। ट्रिपल-सी की योग्यता रखने के कारण उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार है। जब कि आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि विज्ञापन की शर्तों के विपरीत आवेदन स्वीकार्य नहीं है । यदि छूट दी गई तो भर्ती प्रक्रिया अनिश्चितकाल तक उलझी रहेगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं।