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Reports: पाठ्यक्रम में उद्यमिता शामिल करने से शुरू होंगे 2,800 छात्र-स्टार्टअप; मिलेंगी 2.8 लाख नई नौकरियां

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Thu, 25 Sep 2025 08:12 AM IST
सार

Startup India: नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में उद्यमिता को मुख्य विषय बनाया जाए, तो 2800 छात्र स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं और 2.8 लाख नई नौकरियां सृजित होंगी।

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Reports: Adding Entrepreneurship in Curriculum Could Create 2,800 Student Startups and 2.8 Lakh New Jobs
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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Entrepreneurship in Curriculum: स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में उद्यमिता को शामिल करने से 2,800 छात्र-नेतृत्व वाले स्टार्टअप शुरू हो सकते हैं और पूरे भारत में 2.8 लाख नए रोजगार सृजित हो सकते हैं। यह बात प्राइमस पार्टनर्स की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।

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इसके नतीजे छात्रों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और छोटे उद्यमियों सहित 1,500 से अधिक हितधारकों की राय पर आधारित हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि छात्रों को केवल वर्कशॉप्स से नहीं, बल्कि संरचित तरीके से उद्यमिता की शिक्षा दी जानी चाहिए यह रिपोर्ट एक चरणबद्ध रोडमैप देती है जो छात्रों की जिज्ञासा को स्टार्टअप बनाने तक ले जाता है।

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पांच ट्रिलियन डॉलर की यात्रा को आगे ले जाने वाली पीढ़ी तैयार

इसमें छात्रों को जागरूकता, प्रोजेक्ट-आधारित सीख, मेंटरशिप, वित्तीय साक्षरता, इनक्यूबेटर एक्सेस और नेटवर्किंग को जोड़ने की बात कही गई है, ताकि  उद्यमिता महज शिक्षा सिद्धांत तक सिमट कर न रह जाए। राजस्थान के आईस्टार्ट बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम (बीआईपी) जैसे कामयाब पायलट प्रोजेक्ट पहले ही दिखा चुके हैं कि कैसे कक्षाएं नवाचार के इनक्यूबेटर बन सकती हैं। प्राइमस पार्टनर्स की सह-संस्थापक और एमडी चारु मल्होत्रा ने कहती है कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश हमारे आर्थिक भविष्य को तय करेगा,लेकिन केवल तभी जब हम युवाओं को सही कौशल और मानसिकता से लैस करें।


फिनेस फ्रेमवर्क शिक्षा के केंद्र में उद्यमिता रखता है। यह छात्रों को नवाचार का आत्मविश्वास, असली समस्याएं हल करने की क्षमता और खुद का रास्ता बनाने की आजादी देता है। यह सिर्फ स्टार्टअप बनाने की बात नहीं है, बल्कि भारत की पांच ट्रिलियन डॉलर की यात्रा को आगे ले जाने वाली पीढ़ी तैयार करने की बात है।

हर साल लगभग 1.2 करोड़ युवा भारत के कार्यबल में प्रवेश करते हैं

वहीं, प्राइमस पार्टनर्स के उपाध्यक्ष अमित पुरोहित कहते हैं, हर साल, लगभग 1.2 करोड़ युवा भारत के कार्यबल में प्रवेश करते हैं, लेकिन पारंपरिक रोजगार उन्हें आकर्षित नहीं कर पाते। फिनेस  फ्रेमवर्क इस चुनौती को अवसर में बदलने का एक व्यापक राह दिखाता है, ताकि भारत की युवा आबादी नवाचार, मजबूती और नई नौकरियों का स्रोत बन सकें। रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि उद्यमिता शिक्षा को एक मुख्य विषय के रूप में माना जाना चाहिए,न कि एक पाठ्येतर गतिविधि के तौर पर। इसके लिए नीतिगत तालमेल, शिक्षक प्रशिक्षण और राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की जरूरत है। खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान देना होगा, जहां उद्यमिता का माहौल सबसे तेजी से बन रहा है।

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