8 घंटे की शिफ्ट विवाद पर माधुरी ने रखी अपनी राय, सरोज खान से जुड़ा किस्सा भी सुनाया
Madhuri Dixit on Working Hours: बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित ने हाल ही में शिफ्ट आर्स को लेकर बात की है। 8 घंटे की शिफ्ट विवाद पर अभिनेत्री ने अपनी भी राय रखी है।
विस्तार
काम करने की शिफ्ट पर बोलीं माधुरी
लंबे करियर में अनगिनत फिल्में, डांस नंबर से लोगों को मोह लेने वालीं माधुरी मानती हैं कि काम के घंटे तय करना हर कलाकार का निजी फैसला होना चाहिए। उनका कहना है कि हर इंसान के लिए काम करने का तरीका अलग होता है और किसी पर भी किसी एक नियम को थोपना उचित नहीं। उन्होंने याद दिलाया कि अपने शुरुआती दौर में उन्होंने रोजाना 12 घंटे से भी लंबे शिफ्ट में काम किया, लेकिन यह चुनाव उनका अपना था।
'फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से आपसी सहमति पर चलती रही है'
एनआईए से बात करते हुए माधुरी ने कहा कि अगर कोई अभिनेत्री अपनी व्यक्तिगत जिंदगी और करियर में संतुलन बनाना चाहती है और तय घंटे में काम करना चाहती है, तो यह उसका अधिकार है। उन्होंने कहा- 'फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से आपसी सहमति पर चलती रही है। अगर प्रोड्यूसर तैयार है और कलाकार सहमत है, तो फिल्म बनती है; नहीं तो कोई बाध्यता नहीं रहती।'
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— ANI (@ANI) December 1, 2025
“I started Kathak at the age of 3. You don’t just dance, you emote. Abhinay has always been a part of me.”
“Saroj ji and I made a pact never to repeat a single dance movement, which she later regretted.”
“People haven’t… pic.twitter.com/fSUsEGGvDS
इस मुद्दे पर कुछ समय पहले अभिनेत्री रानी मुखर्जी भी अपनी राय रख चुकी हैं, जिन्होंने साफ कहा था कि फिल्म जगत में काम के घंटे हमेशा से बातचीत और सहमति का विषय रहे हैं। रानी के मुताबिक, इसे किसी दबाव या मजबूरी की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए।
सरोज खान को लेकर साझा किए किस्से
बहस सिर्फ कार्य घंटों तक ही सीमित नहीं रही। माधुरी दीक्षित ने अपने करियर के सबसे अहम सहयोग- दिग्गज कोरियोग्राफर सरोज खान को याद करते हुए कई दिलचस्प बातें भी साझा कीं। उन्होंने बताया कि सरोज खान ने उनके डांस कौशल को निखारने में जरूरी अहम भूमिका निभाई। 'तेजाब' के फेमस गीत ‘एक दो तीन’ से लेकर 'खलनायक', 'देवदास' और 'अंजाम' के आइकॉनिक डांस नंबर तक, दोनों ने मिलकर बॉलीवुड को कई ऐतिहासिक गीत दिए।
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माधुरी ने बताया कि शुरुआती दौर में उन्हें कैमरे के सामने नृत्य करना काफी चुनौतीपूर्ण लगता था। स्टेज पर नृत्य की स्वतंत्रता के विपरीत, कैमरे के सामने एंगल, चेहरे की दिशा और अभिव्यक्ति पर खास ध्यान देना पड़ता था। सरोज खान ने उन्हें इन बारीकियों को समझने और परफेक्ट करने में वर्षों तक मार्गदर्शन दिया।
'कभी दोहराए हुए स्टेप्स नहीं करेंगे'
एक रोचक किस्सा साझा करते हुए माधुरी ने बताया कि उन्होंने और सरोज खान ने तय किया था कि वो किसी भी गाने में कभी दोहराए हुए स्टेप्स नहीं करेंगे। हालांकि बाद में सरोज खान ने मजाक में कहा कि उन्होंने यह वादा करके गलती कर दी, क्योंकि माधुरी की याददाश्त इतनी तेज थी कि वो किसी भी पुराने स्टेप की पहचान तुरंत कर लेती थीं। सरोज खान को याद करते हुए माधुरी ने कहा कि वह सिर्फ एक कोरियोग्राफर नहीं, बल्कि उनकी गुरु थीं, जिन्होंने उन्हें कैमरे से डायलॉग करना सिखाया। 'एक दो तीन' की अपार सफलता के बाद फिल्मफेयर को कोरियोग्राफी की कैटेगरी शुरू करनी पड़ी, जो सरोज खान की कला का प्रमाण है।