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मलयालम अभिनेत्री शोषण मामले में अदालत के फैसले पर क्यों उठे सवाल? श्वेता मेनन बोलीं- पीड़िता के साथ हैं हम
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: हिमांशु सोनी
Updated Sat, 13 Dec 2025 11:12 AM IST
सार
Malayalam Actress Assault Case: मलयालम इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्री के अपहरण एवं यौन उत्पीड़न से जुड़े केस में सजा सुनाए जाने के बाद इंडस्ट्री की ओर से अब तक कई कलाकारों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई लोगों ने तो सजा पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
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श्वेता मेनन और अभिनेता दिलीप
- फोटो : एक्स
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विस्तार
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े बहुचर्चित अभिनेत्री हमले के मामले में पल्सर सुनी समेत दोषियों को सजा सुनाए जाने के बाद अब सिनेमा जगत के अंदर प्रतिक्रियाओं का दौर तेज हो गया है। इसी कड़ी में कलाकारों के संगठन 'अम्मा' की अध्यक्ष और जानी-मानी अभिनेत्री श्वेता मेनन ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने साफ कहा कि 'अम्मा' संगठन इस पूरे मामले में पीड़िता के साथ मजबूती से खड़ा है और न्याय की प्रक्रिया को लेकर संगठन की स्थिति बिल्कुल साफ है।
फैसले के बाद क्या बोलीं श्वेता मेनन?
श्वेता मेनन ने कहा कि अदालत के फैसले का सभी को इंतजार था, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर उन्हें लगता है कि दोषियों को मिली सजा पर्याप्त नहीं है। उनके मुताबिक, इस फैसले के खिलाफ अपील की जानी चाहिए ताकि पीड़िता को पूरा न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभिनेता दिलीप को दोबारा 'अम्मा' में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। श्वेता ने दो टूक कहा कि दिलीप फिलहाल संगठन के सदस्य नहीं हैं और भविष्य में उनकी वापसी को लेकर वह खुद भी कुछ नहीं कह सकतीं।
यह खबर भी पढ़ें: Rajinikanth: 75वें जन्मदिन के बाद परिवार संग तिरुपति पहुंचे रजनीकांत, मंदिर में फैंस की लगी भीड़; वीडियो वायरल
संगठन की प्रतिक्रिया में देरी को लेकर उठे सवालों पर भी श्वेता मेनन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ कलाकारों द्वारा दी गई टिप्पणियां उनकी निजी राय हो सकती हैं, लेकिन संगठन के भीतर क्या चल रहा है, यह वही लोग बेहतर जानते हैं जो लंबे समय से उससे जुड़े हैं। उनके बयान से यह साफ हो गया कि 'अम्मा' इस मामले में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रखना चाहती।
अभिनेत्री भाग्यलक्ष्मी की प्रतिक्रिया
इसी बीच डबिंग आर्टिस्ट और अभिनेत्री भाग्यलक्ष्मी भी चर्चा में आ गईं। उन्होंने अपने नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर फैलाई गई कथित फर्जी खबरों के खिलाफ पुलिस महानिदेशक से शिकायत की है। भाग्यलक्ष्मी का कहना है कि सोशल मीडिया पर यह झूठा दावा किया गया कि उन्होंने अभिनेता दिलीप की फिल्मों को असफल कराने की बात कही है, जबकि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा। उन्होंने इसे उनकी सामाजिक छवि खराब करने और उन्हें निशाना बनाने की साजिश बताया।
भाग्यलक्ष्मी ने यह भी साफ किया कि सिनेमा किसी एक व्यक्ति की संपत्ति नहीं होती, बल्कि सैकड़ों लोगों की मेहनत से बनती है। ऐसे में किसी फिल्म के फ्लॉप होने की कामना करना उनके स्वभाव और सोच दोनों के खिलाफ है। उन्होंने वीडियो जारी कर भी इस फर्जी खबर का खंडन किया और कहा कि अगर उन्हें कुछ कहना होता तो वह खुलकर और सीधे तौर पर कहतीं।
प्रेम कुमार का रिएक्शन
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ अभिनेता और पूर्व अकादमी चेयरमैन प्रेम कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस केस में साजिश के एंगल को पूरी तरह उजागर किया जाना जरूरी है। प्रेम कुमार के मुताबिक, जब खुद पीड़िता कह रही हैं कि उन्हें पूरा न्याय नहीं मिला, तो समाज यह कैसे मान सकता है कि न्याय हो गया। उन्होंने मांग की कि इस मामले के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें कानून के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
वहीं, मशहूर निर्देशक कमल और के. मधु जैसे सिनेमा जगत के दिग्गजों ने भी दोषियों को और कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। कुल मिलाकर, अदालत के फैसले के बाद भी यह मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यह बहस अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहराती जा रही है।
अदालत ने 12 दिसंबर को सुनाई सजा
इस मामले में एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने सभी दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला जज हनी एम. वर्गीस ने सुनाया। कोर्ट ने आरोपियों को रेप के इरादे से किडनैपिंग (IPC 366), क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी (IPC 120B) और गैंग रेप (IPC 376D) का दोषी पाया। हर दोषी पर 50,000 रुपये का फाइन भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक साल की अतिरिक्त जेल होगी।
वहीं, इस केस के आरोपी पल्सर सुनी को आईटी एक्ट के तहत पांच साल की अतिरिक्त सजा मिली। यानी पल्सर सुनी को कुल 25 साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विजुअल्स वाली पेन ड्राइव की कॉपी इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बैजू पॉलोस के पास सेफ कस्टडी में रखी जाए।
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फैसले के बाद क्या बोलीं श्वेता मेनन?
श्वेता मेनन ने कहा कि अदालत के फैसले का सभी को इंतजार था, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर उन्हें लगता है कि दोषियों को मिली सजा पर्याप्त नहीं है। उनके मुताबिक, इस फैसले के खिलाफ अपील की जानी चाहिए ताकि पीड़िता को पूरा न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभिनेता दिलीप को दोबारा 'अम्मा' में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। श्वेता ने दो टूक कहा कि दिलीप फिलहाल संगठन के सदस्य नहीं हैं और भविष्य में उनकी वापसी को लेकर वह खुद भी कुछ नहीं कह सकतीं।
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संगठन की प्रतिक्रिया में देरी को लेकर उठे सवालों पर भी श्वेता मेनन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ कलाकारों द्वारा दी गई टिप्पणियां उनकी निजी राय हो सकती हैं, लेकिन संगठन के भीतर क्या चल रहा है, यह वही लोग बेहतर जानते हैं जो लंबे समय से उससे जुड़े हैं। उनके बयान से यह साफ हो गया कि 'अम्मा' इस मामले में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रखना चाहती।
अभिनेत्री भाग्यलक्ष्मी की प्रतिक्रिया
इसी बीच डबिंग आर्टिस्ट और अभिनेत्री भाग्यलक्ष्मी भी चर्चा में आ गईं। उन्होंने अपने नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर फैलाई गई कथित फर्जी खबरों के खिलाफ पुलिस महानिदेशक से शिकायत की है। भाग्यलक्ष्मी का कहना है कि सोशल मीडिया पर यह झूठा दावा किया गया कि उन्होंने अभिनेता दिलीप की फिल्मों को असफल कराने की बात कही है, जबकि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा। उन्होंने इसे उनकी सामाजिक छवि खराब करने और उन्हें निशाना बनाने की साजिश बताया।
भाग्यलक्ष्मी ने यह भी साफ किया कि सिनेमा किसी एक व्यक्ति की संपत्ति नहीं होती, बल्कि सैकड़ों लोगों की मेहनत से बनती है। ऐसे में किसी फिल्म के फ्लॉप होने की कामना करना उनके स्वभाव और सोच दोनों के खिलाफ है। उन्होंने वीडियो जारी कर भी इस फर्जी खबर का खंडन किया और कहा कि अगर उन्हें कुछ कहना होता तो वह खुलकर और सीधे तौर पर कहतीं।
प्रेम कुमार का रिएक्शन
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ अभिनेता और पूर्व अकादमी चेयरमैन प्रेम कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस केस में साजिश के एंगल को पूरी तरह उजागर किया जाना जरूरी है। प्रेम कुमार के मुताबिक, जब खुद पीड़िता कह रही हैं कि उन्हें पूरा न्याय नहीं मिला, तो समाज यह कैसे मान सकता है कि न्याय हो गया। उन्होंने मांग की कि इस मामले के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें कानून के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
वहीं, मशहूर निर्देशक कमल और के. मधु जैसे सिनेमा जगत के दिग्गजों ने भी दोषियों को और कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। कुल मिलाकर, अदालत के फैसले के बाद भी यह मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यह बहस अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि नैतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहराती जा रही है।
अदालत ने 12 दिसंबर को सुनाई सजा
इस मामले में एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने सभी दोषियों को 20 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला जज हनी एम. वर्गीस ने सुनाया। कोर्ट ने आरोपियों को रेप के इरादे से किडनैपिंग (IPC 366), क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी (IPC 120B) और गैंग रेप (IPC 376D) का दोषी पाया। हर दोषी पर 50,000 रुपये का फाइन भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को एक साल की अतिरिक्त जेल होगी।
वहीं, इस केस के आरोपी पल्सर सुनी को आईटी एक्ट के तहत पांच साल की अतिरिक्त सजा मिली। यानी पल्सर सुनी को कुल 25 साल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विजुअल्स वाली पेन ड्राइव की कॉपी इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बैजू पॉलोस के पास सेफ कस्टडी में रखी जाए।