Fact Check: झूठा है ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से हैरान होने का दावा
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा है कि भारत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से हैरान था। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ है।

विस्तार
बीते शुक्रवार को भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम फिक्की द्वारा आयोजित “न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज' पर था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है। पोस्ट में लिखा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से भारत चकित रह गया था। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह टिप्पणी भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने की है।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि लेफ्टिनेंट जनरल ने वायरल हो रहे दावे वाली कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कार्यक्रम में यह कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हम एक सीमा पर दो विरोधी या असल में तीन विरोधी से लड़ रहे थे। पाकिस्तान आगे के मोर्चे पर था। वहीं चीन और तुर्किये भी इसमें शामिल थे।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से चकित था।
इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
हमने दावे की पड़ताल करने के लिए पोस्ट में इस्तेमाल की कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से संबंधित कोई खबर नहीं मिली। आगे की पड़ताल के लिए हमने फिक्की द्वारा आयोजित कार्यक्रम के वीडियो के बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें एक्स पर एएनआई न्यूज एजेंसी की एक पोस्ट मिली। यह पोस्ट 4 जुलाई 2025 को प्रकाशित की गई है। पोस्ट में बताया गया है कि कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा, "पूरे ऑपरेशन के दौरान वायु रक्षा और उसका संचालन महत्वपूर्ण था। इस बार, हमारे जनसंख्या केंद्रों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन अगली बार, हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। हमारे पास एक सीमा पर दो विरोधी थे, वास्तव में तीन। पाकिस्तान अग्रिम मोर्चे पर था। वहीं, चीन हर संभव पाकिस्तान की सहायता कर रहा था। पाकिस्तान के पास 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी हैं। चीन अपने हथियारों का परीक्षण अन्य हथियारों के खिलाफ करने में सक्षम है, इसलिए यह उनके लिए एक जीवित प्रयोगशाला की तरह उपलब्ध है। तुर्की ने भी पाकिस्तान की मदद की, जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वैक्टरों के लाइव अपडेट मिल रहे थे। हमें एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है। "
इसके बाद हमेंं इंंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 5 जुलाई को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि फिक्की कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा कि सीमा पर भारत के खिलाफ सिर्फ एक विरोधी नहीं था। बल्कि तीन थे। पाकिस्तान, चीन और तुर्किये। पाकिस्तान के पास 81 फिसदी हथियार चीनी हैं। वहीं तुर्किये ने भी पाकिस्तान की मदद की थी। आगे उन्होंने कहा, "जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान यह कह रहा था कि हम जानते हैं कि आपका यह वेक्टर कार्रवाई के लिए तैयार है। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। उन्हें यह इनपुट चीन से मिल रहे थे।" उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारत को तेजी से आगे बढ़ने और उचित कार्रवाई करने की जरूरत है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और मजबूत वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है।
आगे की पड़ताल के लिए हमने अमर उजाला के न्यूज डेस्क से संपर्क किया। इस दौरान हमें एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 4 जुलाई 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन पाकिस्तान को भारत की तैयारियों और अग्रिम मोर्चों पर हमारी तैनाती को लेकर इनपुट दे रहा था। वहीं, भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच पाकिस्तान की मदद चीन और तुर्किये भी कर रहे थे।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने वायरल दावे से संबंधित कोई बयान नहीं दिया है। वायरल दावे को शेयर कर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है।