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Fact Check: ईरान से रोज 35 हजार भारतीयों को निर्वासित करने का दावा भ्रामक, पड़ताल में पढ़ें दावे का सच

फैक्ट चेक डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Mon, 07 Jul 2025 08:13 PM IST
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सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ईरान से रोज 35,000 प्रवासियों को बाहर निकाला जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है। हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला है। 

claim of deporting 35000 Indian immigrants from Iran every day is misleading
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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इस्त्राइल और ईरान के बीच हुए संघर्ष के बाद काई भारतीयों को ऑपरेशन सिंधु के तहत सुरक्षित वापस लाया गया। इस ऑपरेशन के तहत 3000 से अधिक भारतीय वापस आ चुके हैं। इसके साथ एक दावा किया जा रहा है कि ईरान हर दिन 35000 प्रवासियों को अपने देश से बाहर कर रहा है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय और अफगान नागरिक हैं।

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। जांच के दौरान हमें ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं जिसमें यह पता चला कि ईरान से अफगानिस्तान के लोगों को भारी संख्या में बाहर किया जा रहा है। लेकिन ऐसी कोई भी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें यह जानकारी दी गई हो कि भारत के नागरिक भी इस निर्वासन का हिस्सा हैं। 

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क्या है दावा 

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की एक तस्वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ईरान से प्रतिदिन 35,000 प्रवासियों को निर्वासित किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में भारत और अफगान नागरिक शामिल हैं। 

द डेली सीपीईसी (@TheDailyCPEC) नाम के एक्स यूजर ने लिखा, "ब्रेकिंग: ईरान हर रोज 35,000 प्रवासियों को निर्वासित कर रहा है। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय और अफगान नागरिक हैं।" इस दावे का के लिंक आप यहां  और इसका आर्काइव लिंक आप यहां देख सकते हैं। 

इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। 

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड के माध्यम से इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट को सर्च करने की कोशिश की। यहां हमें अलजजीरा की 6 जुलाई 2025 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि ईरान में लाखों अफ़गान प्रवासियों और शरणार्थियों को सरकार द्वारा निर्धारित तिथि तक देश छोड़ने या गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि बड़े पैमाने पर निर्वासन दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक अफ़गानिस्तान को और अस्थिर कर सकता है। ईरान में लगभग 40 लाख अफगान प्रवासी और शरणार्थी रहते हैं, और कई लोग दशकों से यहां रह रहे हैं। अब तक 700,000 से अधिक अफगानिस्तान चले गए हैं, और हजारों अन्य लोगों को निष्कासन का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने कहा कि अकेले जून में 230,000 से अधिक लोग चले गए। 

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने अनुमान लगाया है कि इस्राइल के साथ युद्ध के दौरान ईरान ने औसतन हर दिन 30,000 से अधिक अफगानों को निर्वासित किया, जो पहले लगभग 2,000 था। यहां कहीं भी भारतीय नागरिकों की बात नहीं की गई थी। 

 

आगे हमें दी गार्डियन की भी एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि “संयुक्त राष्ट्र की प्रवास एजेंसी के अनुसार, पिछले महीने में ही 250,000 से अधिक लोग, जिनमें हज़ारों अकेली महिलाएं भी शामिल हैं, ईरान से अफगानिस्तान लौटे हैं।”

 

कीवर्ड से भारतीयों के ईरान से बाहर करने की कोई भी रिपोर्ट हमें नहीं मिली। दि इकोनॉमिक टाइम्स की 21 जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार बताया कि ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक लगभग 827 भारतीय नागरिक ईरान से भारत लौट आए हैं। 

 

हमें 22 जून 2025 की एनडीटीवी की एक और रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत ने ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए पहले ही ऑपरेशन सिंधु शुरू कर दिया था। अब तक 300 से अधिक छात्रों सहित 800 से अधिक भारतीय नागरिकों को तीन चार्टर उड़ानों से वापस लाया जा चुका है - दो ईरान के मशहद से और एक तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से।”


 

हमारी पड़ताल में हमें कहीं भी ईरान के द्वारा भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने की जानकारी नहीं मिली। हालांकि अफगान के नागरिकों को ईरान से बाहर करने का सिलसिला लगातार जारी है। भारत सरकार ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों को तनाव की स्थिति पैदा होने के बाद सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल लिया था। 

पड़ताल का नतीजा

हमारी पड़ताल में यह साफ है कि भारत के नागरिकों को बड़ी संख्या में ईरान से निर्वासित करने का दावा पूरी तरह से भ्रामक है।

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