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Bhiwani News: जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यालय में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने मारा छापा, एसटीपी सहित कई कार्यों में अनियमितताएं मिलीं

संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी Updated Wed, 10 Dec 2025 01:31 AM IST
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Chief Minister's Flying Squad raided the office of Public Health Engineering Department, irregularities were found in several works including STP.
जनस्वास्थ्य अ​भियांत्रिकी विभाग कार्यालय में जांच करते मुख्यमंत्री उड़नदस्ता के अ​धिकारी।
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भिवानी। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता रोहतक की टीम ने मंगलवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) की डिविजन नंबर-1 के कार्यालय में छापा मारा। इस दौरान कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर की जांच की जिसमें हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे दो कर्मचारी गैरहाजिर मिले जो काफी देर बाद कार्यालय पहुंचे। इसके साथ ही कार्यालय में अन्य रिकॉर्ड भी जांचे गए। टीम को एसटीपी सहित कई कार्यों में अनियमितताएं मिलीं।
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टीम ने ढाणा रोड पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया जहां काफी कमियां सामने आईं। इनकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। वहीं 20 हजार रुपये से नीचे के कार्य जिन्हें बिना टेंडर के कराया गया था उनसे जुड़ा रिकॉर्ड भी जांचा गया और काम की धरातल पर जाकर पड़ताल की गई। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता रोहतक के सब इंस्पेक्टर राकेश, सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र व एएसआई विनोद कुमार ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट पीडब्ल्यूडी के एसडीओ मनोज कुमार की अगुवाई में सुबह नौ बजकर 35 मिनट पर पीएचईडी डिविजन नंबर-1 कार्यालय में पहुंचकर कार्रवाई की। डिविजन कार्यालय के तहत 20 हजार से कम लागत के बिना टेंडर कराए गए कार्यों का रिकॉर्ड खंगाला गया और इन कार्यों की मौके पर जाकर भी जांच कराई गई।
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इस दौरान यह भी सामने आया कि शहर के फेंसी चौक पर पिछले डेढ़ साल से ठप सीवर लाइन के कारण अस्थायी पंप सेट लगाकर पानी निकासी कराई जा रही है, जिस पर करीब 15 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस कार्य से संबंधित रिकॉर्ड की भी मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने जांच की। इसके बाद टीम ने फेंसी चौक पहुंचकर मौके का मुआयना किया जहां इतना बजट खर्च होने के बावजूद हालात पहले जैसे ही पाए गए। इस पर भी मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने अपनी टिप्पणी उच्चाधिकारियों को भेजी है।
वहीं मानसून के दौरान पानी निकासी के लिए 11 अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित रिकॉर्ड की भी जांच की गई। इसमें पाया गया कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति मई से सितंबर माह तक की गई थी। इस अवधि में दो लाख 23 हजार रुपये का वेतन भुगतान किया गया जबकि तीन लाख 38 हजार रुपये के वेतन भुगतान के लिए ठेकेदार के बिल लंबित रखे गए हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ढाणा रोड पर चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य की जांच के लिए पहुंची जहां टीम को काफी अनियमितताएं मिलीं। इनकी रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को भेजी गई है और पूरे मामले को गहन जांच का विषय बताया गया है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की इस कार्रवाई से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की अन्य डिविजनों में तैनात कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा रहा।
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