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Bhiwani News: चिकित्सकों की हड़ताल के दूसरे दिन भी ओपीडी, आपात विभाग और स्वास्थ्य सेवाएं रहीं सुचारू
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Wed, 10 Dec 2025 01:39 AM IST
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पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज के दवा वितरण केंद्र पर मौजूद मरीज
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भिवानी। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन द्वारा एसएमओ की सीधी भर्ती रद्द करने और डायनामिक एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) लागू करने की मांग को लेकर की गई हड़ताल के बावजूद मंगलवार को पंडित नेकीराम शर्मा राजकीय मेडिकल कॉलेज में ओपीडी, आपात विभाग और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलीं।
एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. नवीन घोष ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के कारण हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार समाधान करने के बजाय हड़ताल को सफल बनाने में साथ दे रही है। सरकार ने मेडिकल कॉलेजों से पीजी विद्यार्थी और चिकित्सकों को फील्ड में उतार दिया है जिससे स्टाफ कम होने की वजह से हड़ताल की स्थिति बनी।
हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को ओपीडी विभाग में सभी चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद रहे इसलिए मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। हालांकि हड़ताल की पूर्व सूचना के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रही। मंगलवार को 300 नए मरीजों ने जांच करवाई जबकि 1338 मरीजों ने री-विजिट किया। कुल मिलाकर करीब 1650 मरीजों की जांच हुई। मेडिकल कॉलेज, आपात विभाग, टीकाकरण और अल्ट्रासाउंड जांच सुचारू रूप से चली।
चिकित्सकों की ये हैं मुख्य मांग
डॉ. नवीन घोष ने बताया कि उनकी दो मुख्य मांगें हैं। पहली एसएमओ की सीधी भर्ती को रद्द करना और दूसरी डायनामिक एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) लागू करना। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से सरकार ने सीएमओ की सीधी भर्ती बंद कर रखी थी लेकिन अब इसे दोबारा चालू कर दिया गया है जिसका वे विरोध करते हैं। दूसरी मांग के संबंध में उन्होंने बताया कि डेढ़ साल पहले चिकित्सकों ने हड़ताल की थी। उस समय सरकार के साथ सहमति बनी थी कि डीएसीपी शुरू किया जाएगा लेकिन फाइल अटकी पड़ी है। इन दो मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल की गई थी।
अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पीएमओ ने की मरीजों की जांच
नागरिक अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट हड़ताल पर गए लेकिन अस्पताल प्रभारी सोनोलॉजिस्ट डॉ. राज दिसोदिया ने मरीजों की जांच की। इस कारण मंगलवार को अल्ट्रासाउंड जांच प्रभावित नहीं हुई।
आपात विभाग में शाम की शिफ्ट में जेआर चिकित्सकों ने की मरीजों की जांच
नागरिक अस्पताल के आपात विभाग में सुबह की शिफ्ट में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रहीं। लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद सायंकालीन शिफ्ट थोड़ी प्रभावित रही। तीन बजे की शिफ्ट में कोई चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं था जिससे मरीजों को कुछ देर इंतजार करना पड़ा। इसके बाद साढ़े तीन बजे दो जेआर चिकित्सक (जूनियर रेजिडेंट) पहुंचे और मरीजों की जांच की। जेआर चिकित्सकों ने मरीजों की जांच की लेकिन एमएलसी और मेडिकल कार्यों में परेशानी रही। चार बजे तक मरीजों की समस्या को देखते हुए एक महिला मेडिकल ऑफिसर हड़ताल के बीच आपात विभाग में पहुंची और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू कीं। हालांकि साथी चिकित्सकों ने उन्हें ड्यूटी करने से रोकने का दबाव डाला लेकिन महिला मेडिकल ऑफिसर मानवता धर्म निभाते हुए जेआर चिकित्सकों के कॉल पर आपात विभाग में पहुंची और एमओ के बिना बाधित कार्यों को सुचारू रूप से शुरू किया।
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एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. नवीन घोष ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के कारण हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार समाधान करने के बजाय हड़ताल को सफल बनाने में साथ दे रही है। सरकार ने मेडिकल कॉलेजों से पीजी विद्यार्थी और चिकित्सकों को फील्ड में उतार दिया है जिससे स्टाफ कम होने की वजह से हड़ताल की स्थिति बनी।
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हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को ओपीडी विभाग में सभी चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद रहे इसलिए मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। हालांकि हड़ताल की पूर्व सूचना के कारण ओपीडी में मरीजों की संख्या कम रही। मंगलवार को 300 नए मरीजों ने जांच करवाई जबकि 1338 मरीजों ने री-विजिट किया। कुल मिलाकर करीब 1650 मरीजों की जांच हुई। मेडिकल कॉलेज, आपात विभाग, टीकाकरण और अल्ट्रासाउंड जांच सुचारू रूप से चली।
चिकित्सकों की ये हैं मुख्य मांग
डॉ. नवीन घोष ने बताया कि उनकी दो मुख्य मांगें हैं। पहली एसएमओ की सीधी भर्ती को रद्द करना और दूसरी डायनामिक एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) लागू करना। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से सरकार ने सीएमओ की सीधी भर्ती बंद कर रखी थी लेकिन अब इसे दोबारा चालू कर दिया गया है जिसका वे विरोध करते हैं। दूसरी मांग के संबंध में उन्होंने बताया कि डेढ़ साल पहले चिकित्सकों ने हड़ताल की थी। उस समय सरकार के साथ सहमति बनी थी कि डीएसीपी शुरू किया जाएगा लेकिन फाइल अटकी पड़ी है। इन दो मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल की गई थी।
अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पीएमओ ने की मरीजों की जांच
नागरिक अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट हड़ताल पर गए लेकिन अस्पताल प्रभारी सोनोलॉजिस्ट डॉ. राज दिसोदिया ने मरीजों की जांच की। इस कारण मंगलवार को अल्ट्रासाउंड जांच प्रभावित नहीं हुई।
आपात विभाग में शाम की शिफ्ट में जेआर चिकित्सकों ने की मरीजों की जांच
नागरिक अस्पताल के आपात विभाग में सुबह की शिफ्ट में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रहीं। लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद सायंकालीन शिफ्ट थोड़ी प्रभावित रही। तीन बजे की शिफ्ट में कोई चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं था जिससे मरीजों को कुछ देर इंतजार करना पड़ा। इसके बाद साढ़े तीन बजे दो जेआर चिकित्सक (जूनियर रेजिडेंट) पहुंचे और मरीजों की जांच की। जेआर चिकित्सकों ने मरीजों की जांच की लेकिन एमएलसी और मेडिकल कार्यों में परेशानी रही। चार बजे तक मरीजों की समस्या को देखते हुए एक महिला मेडिकल ऑफिसर हड़ताल के बीच आपात विभाग में पहुंची और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू कीं। हालांकि साथी चिकित्सकों ने उन्हें ड्यूटी करने से रोकने का दबाव डाला लेकिन महिला मेडिकल ऑफिसर मानवता धर्म निभाते हुए जेआर चिकित्सकों के कॉल पर आपात विभाग में पहुंची और एमओ के बिना बाधित कार्यों को सुचारू रूप से शुरू किया।