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Bhiwani News: एडीजीपी आत्महत्या और मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के मामले को लेकर सफाई कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Thu, 16 Oct 2025 01:22 AM IST
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भिवानी। एडीजीपी वाई पूरण कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने हरियाणा प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है। इस मामले में बुधवार को नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा संंबंधित सर्व कर्मचारी संघ ने भिवानी उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने इस घटना को संस्थागत हत्या करार देते हुए न्यायिक जांच और जातिगत भेदभाव पर कठोर कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन सौंपने से पहले सफाई कर्मचारियों ने शहर में प्रदर्शन भी किया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के आरोपी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के भिवानी इकाई प्रधान जयहिंद ने किया। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव पुरुषोत्तम दानव ने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की मौत साधारण आत्महत्या नहीं बल्कि प्रशासनिक संस्थाओं में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का परिणाम है।
उन्होंने बताया कि अधिकारी के सुसाइड नोट और उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार द्वारा दर्ज शिकायत में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। दानव ने कहा कि वाई पूरण कुमार को जीवनकाल में लगातार जातिगत पूर्वाग्रह और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा जिसकी झलक उनके अंतिम नोट में स्पष्ट है।
यह घटना प्रशासनिक संस्थाओं में फैले प्रणालीगत भेदभाव का भयावह उदाहरण है। उन्होंने प्रदेश में पुलिस, प्रशासनिक और नागरिक सेवाओं में जातिगत भेदभाव समाप्त करने के लिए ठोस संस्थागत सुधार की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ठोस कार्रवाई नहीं करती, तो राज्यभर में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इस अवसर पर रमेश, शेर सिंह, प्रवीण, अमित, बाला, मनीषा, मालती सहित अन्य मौजूद रहे।

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ज्ञापन सौंपने से पहले सफाई कर्मचारियों ने शहर में प्रदर्शन भी किया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के आरोपी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के भिवानी इकाई प्रधान जयहिंद ने किया। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव पुरुषोत्तम दानव ने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की मौत साधारण आत्महत्या नहीं बल्कि प्रशासनिक संस्थाओं में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का परिणाम है।
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उन्होंने बताया कि अधिकारी के सुसाइड नोट और उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार द्वारा दर्ज शिकायत में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। दानव ने कहा कि वाई पूरण कुमार को जीवनकाल में लगातार जातिगत पूर्वाग्रह और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा जिसकी झलक उनके अंतिम नोट में स्पष्ट है।
यह घटना प्रशासनिक संस्थाओं में फैले प्रणालीगत भेदभाव का भयावह उदाहरण है। उन्होंने प्रदेश में पुलिस, प्रशासनिक और नागरिक सेवाओं में जातिगत भेदभाव समाप्त करने के लिए ठोस संस्थागत सुधार की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ठोस कार्रवाई नहीं करती, तो राज्यभर में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इस अवसर पर रमेश, शेर सिंह, प्रवीण, अमित, बाला, मनीषा, मालती सहित अन्य मौजूद रहे।