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Bhiwani News: लंबे समय तक अनुपस्थित विद्यार्थियों के नाम ड्रॉप आउट रजिस्टर में होंगे दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Wed, 10 Dec 2025 01:30 AM IST
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भिवानी। शिक्षा विभाग ने राजकीय विद्यालयों में लंबे समय से अनुपस्थित विद्यार्थियों पर सख्ती दिखाई है। विभाग ने नए निर्देश जारी कर स्कूलों से लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के नाम ड्रॉप आउट रजिस्टर में दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अब इन विद्यार्थियों को दोबारा दाखिला लेने के लिए आवेदन करना होगा।
विभाग ने सभी डीईओ को पत्र जारी करते हुए बताया कि विभिन्न सर्वे रिपोर्ट में यह पाया गया है कि कई विद्यार्थी महीनों तक बिना सूचना स्कूल नहीं आ रहे हैं जिससे उनका शैक्षिक प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। स्कूलों में यह प्रथा बन गई थी कि विद्यार्थी बिना अनुमति के छुट्टियां ले लेते हैं और कई बार अभिभावक भी बच्चे के अनुपस्थित रहने पर स्कूल से संपर्क नहीं करते।
नई नीति के तहत गैरहाजिर विद्यार्थियों के अभिभावकों को शिक्षकों को अनुपस्थिति की सूचना देनी होगी। प्रधानाचार्य और शिक्षक विद्यार्थियों की उपस्थिति सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे। यह कदम विद्यार्थियों की शैक्षिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षाओं की निकटता के कारण यह निर्णय लिया है। संवाद
उचित कारण देने पर ही विद्यार्थी को मिलेगा वापस प्रवेश
शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देश हैं कि बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से नियमित संपर्क किया जाए। उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य माध्यमों से अनुपस्थिति की जानकारी दी जाएगी ताकि अभिभावक स्थिति से पूरी तरह अवगत रहें। यदि कोई विद्यार्थी लगातार 10 दिन से अधिक बिना सूचना अनुपस्थित रहता है तो उसे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार ड्रॉप आउट श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसके बाद छात्र को दोबारा स्कूल में जोड़ने के लिए अभिभावक आवेदन देंगे और स्कूल उचित कारण दर्ज कर वापसी की प्रक्रिया पूरी करेगा।
स्कूल न आने वाले विद्यार्थियों को लेकर विभाग ने तय की संबंधित शिक्षक की जवाबदेही
यदि बच्चा तीन दिन तक स्कूल नहीं आता है तो संबंधित शिक्षक को उसके घर जाकर कारण पता करना होगा। लगातार सात दिन गैरहाजिर रहने पर विद्यार्थी का विवरण एमआईएस पोर्टल पर निर्धारित प्रावधान के अनुसार दर्ज किया जाएगा। विभाग इसकी साप्ताहिक समीक्षा करेगा। 10 दिन से अधिक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के नाम ड्रॉप आउट श्रेणी में अलग रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे। इन बच्चों को दोबारा स्कूल लाने के विशेष प्रयास किए जाएंगे।
ये होती है विभाग की ड्रॉप आउट श्रेणी
शिक्षा विभाग की ड्रॉप आउट श्रेणी उन छात्रों को संदर्भित करती है जो किसी शिक्षा स्तर जैसे प्राथमिक या माध्यमिक शिक्षा को पूरा किए बिना, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त किए बिना ही स्कूल छोड़ देते हैं। ये छात्र या तो अपनी मर्जी से पढ़ाई छोड़ते हैं, या अनुपस्थिति, अनुत्तीर्ण होने, आर्थिक कारण या अन्य सामाजिक-पारिवारिक वजह से पढ़ाई से बाहर हो जाते हैं। विभाग ऐसे बच्चों की पहचान करके उन्हें वापस स्कूल लाने और पढ़ाई जारी रखने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाता है। विभाग ऐसे छात्रों की पहचान के लिए सर्वे करता है खासकर उन छात्रों की जो 9 महीने में 21 दिन या पूरे साल में 30 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहते हैं।
यदि कोई विद्यार्थी लगातार 10 दिन से अधिक बिना सूचना अनुपस्थित रहता है तो उसे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार ड्रॉप आउट श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसके बाद अभिभावकों के उचित कारण बताने पर स्कूल में दोबारा दाखिला दिया जाएगा। - शिव कुमार तंवर, उपजिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी।
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विभाग ने सभी डीईओ को पत्र जारी करते हुए बताया कि विभिन्न सर्वे रिपोर्ट में यह पाया गया है कि कई विद्यार्थी महीनों तक बिना सूचना स्कूल नहीं आ रहे हैं जिससे उनका शैक्षिक प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। स्कूलों में यह प्रथा बन गई थी कि विद्यार्थी बिना अनुमति के छुट्टियां ले लेते हैं और कई बार अभिभावक भी बच्चे के अनुपस्थित रहने पर स्कूल से संपर्क नहीं करते।
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नई नीति के तहत गैरहाजिर विद्यार्थियों के अभिभावकों को शिक्षकों को अनुपस्थिति की सूचना देनी होगी। प्रधानाचार्य और शिक्षक विद्यार्थियों की उपस्थिति सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगे। यह कदम विद्यार्थियों की शैक्षिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षाओं की निकटता के कारण यह निर्णय लिया है। संवाद
उचित कारण देने पर ही विद्यार्थी को मिलेगा वापस प्रवेश
शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देश हैं कि बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से नियमित संपर्क किया जाए। उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य माध्यमों से अनुपस्थिति की जानकारी दी जाएगी ताकि अभिभावक स्थिति से पूरी तरह अवगत रहें। यदि कोई विद्यार्थी लगातार 10 दिन से अधिक बिना सूचना अनुपस्थित रहता है तो उसे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार ड्रॉप आउट श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसके बाद छात्र को दोबारा स्कूल में जोड़ने के लिए अभिभावक आवेदन देंगे और स्कूल उचित कारण दर्ज कर वापसी की प्रक्रिया पूरी करेगा।
स्कूल न आने वाले विद्यार्थियों को लेकर विभाग ने तय की संबंधित शिक्षक की जवाबदेही
यदि बच्चा तीन दिन तक स्कूल नहीं आता है तो संबंधित शिक्षक को उसके घर जाकर कारण पता करना होगा। लगातार सात दिन गैरहाजिर रहने पर विद्यार्थी का विवरण एमआईएस पोर्टल पर निर्धारित प्रावधान के अनुसार दर्ज किया जाएगा। विभाग इसकी साप्ताहिक समीक्षा करेगा। 10 दिन से अधिक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के नाम ड्रॉप आउट श्रेणी में अलग रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे। इन बच्चों को दोबारा स्कूल लाने के विशेष प्रयास किए जाएंगे।
ये होती है विभाग की ड्रॉप आउट श्रेणी
शिक्षा विभाग की ड्रॉप आउट श्रेणी उन छात्रों को संदर्भित करती है जो किसी शिक्षा स्तर जैसे प्राथमिक या माध्यमिक शिक्षा को पूरा किए बिना, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त किए बिना ही स्कूल छोड़ देते हैं। ये छात्र या तो अपनी मर्जी से पढ़ाई छोड़ते हैं, या अनुपस्थिति, अनुत्तीर्ण होने, आर्थिक कारण या अन्य सामाजिक-पारिवारिक वजह से पढ़ाई से बाहर हो जाते हैं। विभाग ऐसे बच्चों की पहचान करके उन्हें वापस स्कूल लाने और पढ़ाई जारी रखने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाता है। विभाग ऐसे छात्रों की पहचान के लिए सर्वे करता है खासकर उन छात्रों की जो 9 महीने में 21 दिन या पूरे साल में 30 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहते हैं।
यदि कोई विद्यार्थी लगातार 10 दिन से अधिक बिना सूचना अनुपस्थित रहता है तो उसे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार ड्रॉप आउट श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसके बाद अभिभावकों के उचित कारण बताने पर स्कूल में दोबारा दाखिला दिया जाएगा। - शिव कुमार तंवर, उपजिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी।