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Bhiwani News: इस बार छह दिन का दीपोत्सव, दीपावली 20 अक्तूबर को, गोवर्धन पूजन 22 को
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:28 AM IST
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तोशाम। इस बार दीपावली का त्योहार पांच दिन के बजाय छह दिन का होगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाने वाला दीपावली त्योहार इस वर्ष 20 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस दिन मुहूर्तानुसार बुद्धि के देवता गणेश और धन की देवी लक्ष्मी का पूजन घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों में होगा। दीपावली के अगले दिन होने वाली गोवर्धन पूजा इस बार 21 के बजाय 22 अक्तूबर को होगी। इसी दिन अन्नकूट उत्सव भी मनाया जाएगा। 23 अक्तूबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।
पंडित श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि 18 अक्तूबर को धनतेरस के साथ छह दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होगी। इस दिन लोग वाहन, आभूषण और बर्तनों की खरीदारी करेंगे, दुकानों और शोरूम का उद्घाटन होगा और अस्पतालों तथा दवा की दुकानों में धन्वंतरी भगवान की पूजा होगी। कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बही-खाते भी बदले जाएंगे। 19 अक्तूबर को रूप चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी) मनाई जाएगी।
शास्त्र के अनुसार 20 अक्तूबर को दोपहर 3:45 बजे से 21 अक्तूबर शाम 5:55 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी। प्रदोषकाल में अमावस्या होने के कारण यह दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस नक्षत्र में नए सामान, सोना-चांदी की खरीदारी और शुभ कार्य करना अत्यंत फलदायी है।
दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
20 अक्तूबर को दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 7:12 से 9:08 बजे तक रहेगा। इस दौरान प्रदोषकाल, स्थिर वृष लग्न और कुंभ का स्थिर नवांश रहेगा। 21 अक्तूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण केवल देव-पितृ कार्य होंगे और कोई पर्व नहीं मनाया जाएगा। 22 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव होगा। 23 अक्तूबर को भाई दूज मनाई जाएगी।
14 अक्तूबर सुबह 11:54 से 15 अक्तूबर दोपहर 12 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा
इस बार दीपावली से चार दिन पहले ही बाजार में धनवर्षा होगी। पंडित श्रीकांत शास्त्री के अनुसार 14 अक्तूबर सुबह 11:54 से 15 अक्तूबर दोपहर 12 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। 15 अक्टूबर को बुध पुष्य नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र हिंदू ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र में नए सामान, सोना-चांदी की खरीदारी और शुभ कार्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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पंडित श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि 18 अक्तूबर को धनतेरस के साथ छह दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होगी। इस दिन लोग वाहन, आभूषण और बर्तनों की खरीदारी करेंगे, दुकानों और शोरूम का उद्घाटन होगा और अस्पतालों तथा दवा की दुकानों में धन्वंतरी भगवान की पूजा होगी। कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बही-खाते भी बदले जाएंगे। 19 अक्तूबर को रूप चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी) मनाई जाएगी।
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शास्त्र के अनुसार 20 अक्तूबर को दोपहर 3:45 बजे से 21 अक्तूबर शाम 5:55 बजे तक अमावस्या तिथि रहेगी। प्रदोषकाल में अमावस्या होने के कारण यह दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस नक्षत्र में नए सामान, सोना-चांदी की खरीदारी और शुभ कार्य करना अत्यंत फलदायी है।
दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
20 अक्तूबर को दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 7:12 से 9:08 बजे तक रहेगा। इस दौरान प्रदोषकाल, स्थिर वृष लग्न और कुंभ का स्थिर नवांश रहेगा। 21 अक्तूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण केवल देव-पितृ कार्य होंगे और कोई पर्व नहीं मनाया जाएगा। 22 अक्तूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव होगा। 23 अक्तूबर को भाई दूज मनाई जाएगी।
14 अक्तूबर सुबह 11:54 से 15 अक्तूबर दोपहर 12 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा
इस बार दीपावली से चार दिन पहले ही बाजार में धनवर्षा होगी। पंडित श्रीकांत शास्त्री के अनुसार 14 अक्तूबर सुबह 11:54 से 15 अक्तूबर दोपहर 12 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। 15 अक्टूबर को बुध पुष्य नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र हिंदू ज्योतिष में अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र में नए सामान, सोना-चांदी की खरीदारी और शुभ कार्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।