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हरियाणा में हुआ 5 हजार करोड़ का धान घोटाला : चढ़ूनी
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अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने हरियाणा में करीब 5 हजार करोड़ रुपये का धान घोटाला होने का आरोप लगाया है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जांच पर सवाल उठाए और कहा कि इस प्रकरण की सरकार सीबीआई से जांच कराए। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। कहा कि घोटाले के आरोपियों को बचाया जा रहा है। इस मामले में कानूनी राय ली गई है और जल्द ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे।
चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा में धान घोटाले का आरोप लगाते हुए तर्क और साक्ष्यों के ताैर पर कृषि विभाग के मेरी फसल-मेरा ब्योरा और खाद्य आपूर्ति विभाग के ई-खरीद पोर्टल पर धान की खरीद और मार्केटिंग बोर्ड के आंकड़े पेश किए। चढूनी ने आरोप लगाया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के माध्यम से गैर बासमती के लिए 4 लाख 83 हजार 897 किसानों ने 28 लाख 80 हजार 192 एकड़ भूमि पंजीकृत कराई थी लेकिन कृषि विभाग ने पोर्टल पर 30 लाख 16 हजार 285 एकड़ भूमि को सत्यापित कर दिया जोकि कुल पंजीकृत भूमि से 1 लाख 36 हजार 116 एकड़ अधिक है।
चढूनी ने कहा कि प्रदेश के 6 जिलों भिवानी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात और चरखी दादरी में धान की खरीद नहीं हुई या नाममात्र खरीद हुई। जबकि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर इन जिलों में 64 हजार 726 एकड़ धान पंजीकृत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि काॅलोनियों, नालों, नदी क्षेत्रों के निकट, अवैध काॅलोनियों या भूमि पर जहां अन्य प्रकार की फसल या पेड़ खड़े हैं वहां भी धान की खेती दर्शा दी गई। चढूनी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से गरीबों को मिलने वाले सस्ते चावल को यहां लाकर धान के रूप में बेच दिया। हजारों ट्रक हमारी टीमों ने पकड़े लेकिन कार्रवाई नाममात्र दिखावे के लिए हुई। नया धान दिखे इसके लिए केमिकल से धुलाई की गई। मंडियों में दिखावे के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। जो गेटपास थे वह भी फर्जी काटे गए और वजन तुलाई तक का काम नहीं हुआ जिससे घोटाला पकड़ा जा सकता था।
धान घोटाले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि इस घोटाले में आढ़तियों से लेकर विभाग, मंत्रियों, अधिकारी, राइस मिलर, खरीद एजेंसी तक मिली हुई थीं। कई जिलों में धान के औसत उत्पादन से लेकर धान खरीद और फसलों के सत्यापन में गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए। पत्रकार वार्ता में यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना और मीडिया प्रभारी राकेश कुमार बैंस भी शामिल रहे।
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चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा में धान घोटाले का आरोप लगाते हुए तर्क और साक्ष्यों के ताैर पर कृषि विभाग के मेरी फसल-मेरा ब्योरा और खाद्य आपूर्ति विभाग के ई-खरीद पोर्टल पर धान की खरीद और मार्केटिंग बोर्ड के आंकड़े पेश किए। चढूनी ने आरोप लगाया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के माध्यम से गैर बासमती के लिए 4 लाख 83 हजार 897 किसानों ने 28 लाख 80 हजार 192 एकड़ भूमि पंजीकृत कराई थी लेकिन कृषि विभाग ने पोर्टल पर 30 लाख 16 हजार 285 एकड़ भूमि को सत्यापित कर दिया जोकि कुल पंजीकृत भूमि से 1 लाख 36 हजार 116 एकड़ अधिक है।
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चढूनी ने कहा कि प्रदेश के 6 जिलों भिवानी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात और चरखी दादरी में धान की खरीद नहीं हुई या नाममात्र खरीद हुई। जबकि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर इन जिलों में 64 हजार 726 एकड़ धान पंजीकृत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि काॅलोनियों, नालों, नदी क्षेत्रों के निकट, अवैध काॅलोनियों या भूमि पर जहां अन्य प्रकार की फसल या पेड़ खड़े हैं वहां भी धान की खेती दर्शा दी गई। चढूनी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से गरीबों को मिलने वाले सस्ते चावल को यहां लाकर धान के रूप में बेच दिया। हजारों ट्रक हमारी टीमों ने पकड़े लेकिन कार्रवाई नाममात्र दिखावे के लिए हुई। नया धान दिखे इसके लिए केमिकल से धुलाई की गई। मंडियों में दिखावे के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। जो गेटपास थे वह भी फर्जी काटे गए और वजन तुलाई तक का काम नहीं हुआ जिससे घोटाला पकड़ा जा सकता था।
धान घोटाले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि इस घोटाले में आढ़तियों से लेकर विभाग, मंत्रियों, अधिकारी, राइस मिलर, खरीद एजेंसी तक मिली हुई थीं। कई जिलों में धान के औसत उत्पादन से लेकर धान खरीद और फसलों के सत्यापन में गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए। पत्रकार वार्ता में यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना और मीडिया प्रभारी राकेश कुमार बैंस भी शामिल रहे।