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Chandigarh-Haryana News: आरोही स्कूलों के कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग
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मंजूरी के बाद भी आदेश जारी न होने पर जताया आक्रोश
कर्मचारियों ने सीएम सैनी से हस्तक्षेप की मांग उठाई
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के आरोही मॉडल स्कूलों में एक दशक से अधिक समय से कार्यरत 200 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण के आदेशों में देरी पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। आरोही मॉडल स्कूल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि 21 जुलाई 2023 को तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (स्कूल शिक्षा) की अध्यक्षता में हुई महासभा में नियमितीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी लेकिन दो साल बाद भी आदेश जारी नहीं हुआ।
कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें नियुक्ति के समय आश्वासन दिया गया था कि पांच वर्ष की सेवा के बाद नियमित किया जाएगा। इसके लिए 2018 में विभागीय मेमो भी जारी किए गए थे लेकिन आज तक नियमितीकरण का आदेश जारी नहीं हो सका है। लंबे इंतजार से परेशान शिक्षकों ने कहा कि 400 से अधिक अनुभवी शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं। शेष बचे शिक्षक व कर्मचारी मानसिक और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि 21 जुलाई 2023 की मंजूरी के आधार पर नियमितीकरण का आदेश तत्काल जारी किया जाए। सातवें वेतन आयोग का लाभ देने, महिला कर्मचारियों को सीसीएल और स्थानांतरण नीति जैसी मांगें भी कर्मचारियों ने उठाईं।
कर्मचारियों ने सीएम सैनी से हस्तक्षेप की मांग उठाई
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के आरोही मॉडल स्कूलों में एक दशक से अधिक समय से कार्यरत 200 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण के आदेशों में देरी पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। आरोही मॉडल स्कूल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि 21 जुलाई 2023 को तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (स्कूल शिक्षा) की अध्यक्षता में हुई महासभा में नियमितीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी लेकिन दो साल बाद भी आदेश जारी नहीं हुआ।
कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें नियुक्ति के समय आश्वासन दिया गया था कि पांच वर्ष की सेवा के बाद नियमित किया जाएगा। इसके लिए 2018 में विभागीय मेमो भी जारी किए गए थे लेकिन आज तक नियमितीकरण का आदेश जारी नहीं हो सका है। लंबे इंतजार से परेशान शिक्षकों ने कहा कि 400 से अधिक अनुभवी शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं। शेष बचे शिक्षक व कर्मचारी मानसिक और आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि 21 जुलाई 2023 की मंजूरी के आधार पर नियमितीकरण का आदेश तत्काल जारी किया जाए। सातवें वेतन आयोग का लाभ देने, महिला कर्मचारियों को सीसीएल और स्थानांतरण नीति जैसी मांगें भी कर्मचारियों ने उठाईं।
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