Haryana: सरकार ने शुरू कीं शीतकालीन सत्र की तैयारियां, पेश होंगे छह से ज्यादा विधेयक; आम जन को मिलेगी राहत
तीन अध्यादेश को आगामी सत्र के लिए सूचीबद्ध भी कर दिया गया है। बाकी अध्यादेश एक दो दिन में सूचीबद्ध कर दिए जाएंगे। इनमें कई अध्यादेश पर सत्र के दौरान विपक्षी दलों की ओर से सुझाव भी आ सकते हैं।
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हरियाणा सरकार ने शीतकालीन सत्र की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस सत्र के दौरान हरियाणा सरकार छह से ज्यादा अध्यादेश सत्र में पेश करने जा रही है। इससे न सिर्फ आम जन को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योगों को भी फायदा पहुंचेगा।
इनमें से तीन अध्यादेश को आगामी सत्र के लिए सूचीबद्ध भी कर दिया गया है। बाकी अध्यादेश एक दो दिन में सूचीबद्ध कर दिए जाएंगे। इनमें कई अध्यादेश पर सत्र के दौरान विपक्षी दलों की ओर से सुझाव भी आ सकते हैं।
राज्य सरकार की ओर से जो विधानसभा कार्यालय में भेजे गए हैं, उनमें दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025, हरियाणा, हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश, 2025, हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश, 2025, हरियाणा हाउसिंग बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2025 व हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितिकरण, अभिलेखन एवं समाधान) अध्यादेश पेश किए जाएंगे।
हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के तहत श्रमिकों के कल्याण की रक्षा करते हुए व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना है। इसके तहत 20 से कम कर्मचारियों वाली छोटी इकाइयों को केवल ऑनलाइन स्व-घोषणा देनी होगी। पंजीकरण, संशोधन और बंद करने से संबंधित सभी कार्य पूरी तरह से एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे। दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दैनिक कार्य अवधि नौ घंटे से बढ़ाकर दस घंटे कर दी गई है, जबकि साप्ताहिक कार्य सीमा 48 घंटे ही रहेगी। बिना आराम के लगातार काम की अवधि पांच घंटे से बढ़ाकर छह घंटे कर दी गई है। तिमाही ओवरटाइम की सीमा भी 50 घंटे से बढ़ाकर 156 घंटे कर दी गई है, जिससे व्यवसायों को अपने व्यस्त समय में कार्य प्रबंधन में सुविधा मिलेगी। सभी नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र जारी करना अनिवार्य होगा।
हाउसिंग बोर्ड को एचएसवीपी में विलय की मिलेगी मंजूरी
सत्र में हरियाणा हाउसिंग बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया जाएगा। इसके तहत हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के साथ विलय को मंजूरी मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2025–26 के अपने बजट भाषण में हाउसिंग बोर्ड हरियाणा को भंग कर उसके कार्य एचएसवीपी में समाहित करने की घोषणा की थी, ताकि शहरी विकास एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।
लाभार्थियों को मंजूरी देने के लिए ग्राम सभा का 40 फीसदी कोरम जरूरी
सत्र में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश पेश किया जाएगा। इसके तहत किसी भी सरकारी योजना के पात्र लाभार्थियों पर विचार और उन्हें मंजूरी देने के लिए आयोजित ग्राम सभा की बैठक का कोरम ग्राम सभा के सदस्यों का 40 प्रतिशत होगा। यदि कोरम पूरा नहीं होता तो सरपंच एक घंटे तक प्रतीक्षा करेगा और यदि फिर भी कोरम पूरा नहीं हुआ तो सरपंच बैठक को अगले दिन तक स्थगित कर देगा। अगले दिन जब बैठक होगी ग्राम सभा के सदस्यों का कोरम 30 फीसदी और दूसरी बैठक में कोरम 20 प्रतिशत से होगा। सरकार का दावा है कि इस निर्णय से न केवल पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी बल्कि उनकी कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।
17 विभागों के 164 प्रावधानों में सजा के बजाय लगेगा जुर्माना
शीतकालीन सत्र के दौरान हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश को भी पेश किया जाएगा। इसके तहत 17 विभागों की ओर से प्रशासित 42 राज्य अधिनियमों में निहित 164 प्रावधानों को अपराध मुक्त कर दिया जाएगा। यानी आपराधिक दंडों के स्थान पर जुर्माना लगाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर नगर निकाय के आदेशों का पालन न करने पर 500 से लेकर 5 हजार रुपये तक जुर्माना होगा। सफाई कर्मचारी बिना सूचना के अनुपस्थित रहता तो विभागीय कार्रवाई तो एक हजार रुपये जुर्माना लगेगा। पानी की पाइप तोड़ने या पानी प्रदूषित करने पर 500 रुपये जुर्माना लगेगा।
31 लाख लोगों को मिलेगा कब्जा
सत्र में हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निहितिकरण, अभिलेखन एवं समाधान) अध्यादेश पेश किए जाएंगे। इसके तहत आबादी देह में शामिल 31 लाख लोगों को अब मालिकाना हक मिलेगा। इसमें 25 लाख गांव की आबादी होगी और छह लाख शहरी आबादी है।