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Chandigarh-Haryana News: प्रदेश में मिल्क प्लांट की बढ़ेगी संख्या, बावल में स्थापित होगा सातवां सबसे बड़ा प्लांट
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वीटा प्लांट। अमर उजाला
- फोटो : वीटा प्लांट। अमर उजाला
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अरुण शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड दूध की क्षमता बढ़ाने के लिए कई बड़ी योजनाओं पर काम रहा है। फिलहाल प्रदेश में छह वीटा मिल्क प्लांट का संचालन हो रहा है। अब सातवें सबसे बड़े स्काडा विधि से संचालित होने वाले मिल्क प्लांट को रेवाड़ी के बावल में स्थापित किया जाएगा। बावल वाले प्लांट से दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में दूध और दूध से निर्मित उत्पादों की आपूर्ति होगी। प्लांट की स्थापना वाले क्षेत्र में 25-30 किमी. के दायरे में शामिल गांवों के करीब 7 से 8 हजार किसानों को इसका लाभ होगा।
हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड ने सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री सैनी को एक प्रस्ताव भेज दिया है। प्रदेश में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा मिल्क प्लांट अत्याधुनिक होगा। स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूसिस्टशन) विधि से संचालन होगा। बावल में 16 एकड़ जमीन चिह्नित हो चुकी है। सरकार से बजट मिलते ही योजना पर काम शुरू होगा।
योजना पर करीब 300 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। बावल को लेकर दो योजनाएं हैं। बावल में स्थापित होने वाले प्लांट में दूसरे प्लांट के अतिरिक्त दूध को भी भेजा जाएगा। हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के चेयरमैन डाॅ. रामअवतार गर्ग का कहना है कि अभी तक एनसीआर और दिल्ली में बल्लभगढ़ के प्लांट से दूध और दूध से निर्मित उत्पादों की आपूर्ति होती है। बावल में नए प्लांट की स्थापना से सीधे ताैर पर एनसीआर और दिल्ली में लाभ होगा। यहां 1200 से 1600 युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और स्थानीय किसानों को भी लाभ होगा।
जींद में सबसे पहले 1970 में संचालित हुआ था मिल्क प्लांट
प्रदेश में सबसे पहले जींद में 1970-1971 में मिल्क प्लांट स्थापित किया था। जींद के प्लांट की प्रतिदिन दूध की क्षमता 1.50 लाख लीटर है। अंबाला में 1973-1974 में दूसरा प्लांट संचालित हुआ था, इस प्लांट की क्षमता 1.40 लाख लीटर प्रतिदिन की है। रोहतक में 1976-1977 में 4 लाख लीटर क्षमता के प्लांट का संचालन शुरू हुआ था। बल्लभगढ़ में 1.25 लाख प्रतिदिन दूध की क्षमता के प्लांट का 1979-1980 से संचालन हो रहा है। सिरसा में 1.10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट का संचालन 1996-1997 से हो रहा है। कुरुक्षेत्र में 20 हजार लीटर क्षमता का छठा प्लांट 2014-2015 से संचालित है।
सलेमपुर और डबवाली में स्थापित होंगे चिलिंग सेंटर
हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड की तरफ से भिवानी के सलेमपुर और सिरसा के डबवाली में दो नए चिलिंग सेंटर स्थापित करेगा। डबवाली और सलेमपुर में 20-20 हजार लीटर की क्षमता के चिलिंग सेंटर स्थापित होंगे। दोनों ही सेंटरों की स्थापना पर करीब 6.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूध का अधिक दिनों तक भंडारण किया जा सकेगा। इसी तरह से नूंह में चिलिंग सेंटर का पुन: निर्माण करने की योजना भी प्रस्तावित है।
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हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड ने सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री सैनी को एक प्रस्ताव भेज दिया है। प्रदेश में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा मिल्क प्लांट अत्याधुनिक होगा। स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूसिस्टशन) विधि से संचालन होगा। बावल में 16 एकड़ जमीन चिह्नित हो चुकी है। सरकार से बजट मिलते ही योजना पर काम शुरू होगा।
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योजना पर करीब 300 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। बावल को लेकर दो योजनाएं हैं। बावल में स्थापित होने वाले प्लांट में दूसरे प्लांट के अतिरिक्त दूध को भी भेजा जाएगा। हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के चेयरमैन डाॅ. रामअवतार गर्ग का कहना है कि अभी तक एनसीआर और दिल्ली में बल्लभगढ़ के प्लांट से दूध और दूध से निर्मित उत्पादों की आपूर्ति होती है। बावल में नए प्लांट की स्थापना से सीधे ताैर पर एनसीआर और दिल्ली में लाभ होगा। यहां 1200 से 1600 युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और स्थानीय किसानों को भी लाभ होगा।
जींद में सबसे पहले 1970 में संचालित हुआ था मिल्क प्लांट
प्रदेश में सबसे पहले जींद में 1970-1971 में मिल्क प्लांट स्थापित किया था। जींद के प्लांट की प्रतिदिन दूध की क्षमता 1.50 लाख लीटर है। अंबाला में 1973-1974 में दूसरा प्लांट संचालित हुआ था, इस प्लांट की क्षमता 1.40 लाख लीटर प्रतिदिन की है। रोहतक में 1976-1977 में 4 लाख लीटर क्षमता के प्लांट का संचालन शुरू हुआ था। बल्लभगढ़ में 1.25 लाख प्रतिदिन दूध की क्षमता के प्लांट का 1979-1980 से संचालन हो रहा है। सिरसा में 1.10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट का संचालन 1996-1997 से हो रहा है। कुरुक्षेत्र में 20 हजार लीटर क्षमता का छठा प्लांट 2014-2015 से संचालित है।
सलेमपुर और डबवाली में स्थापित होंगे चिलिंग सेंटर
हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड की तरफ से भिवानी के सलेमपुर और सिरसा के डबवाली में दो नए चिलिंग सेंटर स्थापित करेगा। डबवाली और सलेमपुर में 20-20 हजार लीटर की क्षमता के चिलिंग सेंटर स्थापित होंगे। दोनों ही सेंटरों की स्थापना पर करीब 6.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूध का अधिक दिनों तक भंडारण किया जा सकेगा। इसी तरह से नूंह में चिलिंग सेंटर का पुन: निर्माण करने की योजना भी प्रस्तावित है।