{"_id":"6932dbf16bbb76bd9f051786","slug":"the-rights-of-the-accused-must-be-prioritized-over-the-privacy-of-police-officers-high-court-court-news-haryana-news-chandigarh-haryana-news-c-16-1-pkl1069-889294-2025-12-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"पुलिस अधिकारियों की प्राइवेसी पर आरोपी के अधिकारों को तरजीह जरूरी : हाईकोर्ट","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
पुलिस अधिकारियों की प्राइवेसी पर आरोपी के अधिकारों को तरजीह जरूरी : हाईकोर्ट
विज्ञापन
विज्ञापन
-हाईकार्ट ने पुलिस अधिकारियों के काॅल डिटेल्स की जानकारी देने का जारी किया आदेश
-आरोपी के मांगने पर उसकी रक्षा के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाई जा सकती है
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों के निजता अधिकार की तुलना में आरोपी का निष्पक्ष जांच और ट्रायल का अधिकार अहम है। यदि आरोपी अपनी रक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों के काॅल डिटेल रिकाॅर्ड (सीडीआर) और मोबाइल टावर लोकेशन की मांग करता है तो उसे यह जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है।
जस्टिस यशवीर सिंह राठौर ने कहा कि आरोपी को अपने बचाव के लिए आवश्यक दस्तावेज हासिल करने का अधिकार संविधानिक अदालतों द्वारा मान्यता प्राप्त है। अदालत ने कहा कि कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए आवश्यक साक्ष्य छूट न जाएं। अदालत ने स्पष्ट कहा कि पुलिस अधिकारियों की प्राइवेसी जरूर प्रभावित होगी लेकिन निष्पक्ष जांच और ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए आरोपी का अधिकार सर्वोपरि है।
सोनीपत पुलिस ने आरोपी को 900 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी और उसका साथी नशा बेचने की कोशिश कर रहे थे। आरोपी ने तीन पुलिस अधिकारियों के मोबाइल लोकेशन व काॅल डिटेल्स मांगी थीं ताकि गिरफ्तारी की परिस्थिति और पुलिस की उपस्थिति की सत्यता की जांच हो सके। ट्रायल कोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी थी। राज्य सरकार ने दलील दी कि इससे पुलिस अधिकारियों की निजी जानकारी सार्वजनिक होगी और उनकी प्राइवेसी का उल्लंघन होगा। हाईकोर्ट ने माना कि काॅल डिटेल और लोकेशन डेटा मामले की सच्चाई सामने लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर इन्हें सुरक्षित नहीं रखा गया तो यह जानकारी हमेशा के लिए नष्ट हो सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी आदेश देने से पहले आरोपित को यह साबित करना होगा कि यह जानकारी मामले में आवश्यक और प्रासंगिक है।
Trending Videos
-आरोपी के मांगने पर उसकी रक्षा के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाई जा सकती है
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों के निजता अधिकार की तुलना में आरोपी का निष्पक्ष जांच और ट्रायल का अधिकार अहम है। यदि आरोपी अपनी रक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों के काॅल डिटेल रिकाॅर्ड (सीडीआर) और मोबाइल टावर लोकेशन की मांग करता है तो उसे यह जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है।
जस्टिस यशवीर सिंह राठौर ने कहा कि आरोपी को अपने बचाव के लिए आवश्यक दस्तावेज हासिल करने का अधिकार संविधानिक अदालतों द्वारा मान्यता प्राप्त है। अदालत ने कहा कि कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए आवश्यक साक्ष्य छूट न जाएं। अदालत ने स्पष्ट कहा कि पुलिस अधिकारियों की प्राइवेसी जरूर प्रभावित होगी लेकिन निष्पक्ष जांच और ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए आरोपी का अधिकार सर्वोपरि है।
विज्ञापन
विज्ञापन
सोनीपत पुलिस ने आरोपी को 900 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी और उसका साथी नशा बेचने की कोशिश कर रहे थे। आरोपी ने तीन पुलिस अधिकारियों के मोबाइल लोकेशन व काॅल डिटेल्स मांगी थीं ताकि गिरफ्तारी की परिस्थिति और पुलिस की उपस्थिति की सत्यता की जांच हो सके। ट्रायल कोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी थी। राज्य सरकार ने दलील दी कि इससे पुलिस अधिकारियों की निजी जानकारी सार्वजनिक होगी और उनकी प्राइवेसी का उल्लंघन होगा। हाईकोर्ट ने माना कि काॅल डिटेल और लोकेशन डेटा मामले की सच्चाई सामने लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर इन्हें सुरक्षित नहीं रखा गया तो यह जानकारी हमेशा के लिए नष्ट हो सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी आदेश देने से पहले आरोपित को यह साबित करना होगा कि यह जानकारी मामले में आवश्यक और प्रासंगिक है।