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एक हफ्ते में दो पुलिस सुसाइड: महकमे में हड़कंप, तह तक जाने के लिए सीबीआई को जांच सौंप सकती है हरियाणा सरकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 16 Oct 2025 12:39 PM IST
सार

एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने अपने सुसाइड केस में 10 से ज्यादा पूर्व व मौजूदा आईपीएस पर आरोप लगाया है। मौजूदा आईपीएस पुलिस महकमे में ऊंचे पदों पर बैठे हैं। वहीं, संदीप ने एडीजीपी और उनकी पत्नी पर आरोप लगाए हैं।

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Two police suicides in week Haryana government may hand over investigation to CBI
वाई पूरण कुमार और संदीप लाठर - फोटो : फाइल
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विस्तार
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सात दिन के भीतर एक आईपीएस और एक एएसआई की आत्महत्या से हरियाणा के पुलिस महकमे में भूचाल आ गया है। बीते हफ्ते वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरण कुमार ने अपने आवास में गोली मारकर हत्या कर ली थी, वहीं, मंगलवार को इसी केस से जुड़े रोहतक में एक एएसआई संदीप लाठर ने गोली मारकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। दोनों आत्महत्याएं कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। 
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इसके अलावा एक केस और है, जो इन दोनों आत्महत्याओं से भी जुड़ा है। इसमें हरियाणा पुलिस ने वाई पूरण कुमार के पीएसओ सुशील को गिरफ्तार किया है। तीनों ही मामले आपस में जुड़े हुए हैं। 
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हालांकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तीनों मामले में निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कह चुके हैं। मगर मामला इतना उलझ गया है कि अब हरियाणा सरकार इस पूरे मामले में तह तक जाने के लिए जांच केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को सौंप सकती है।

दरअसल तीनों ही मामलों में पुलिस के अफसरों पर आरोप लग रहे हैं। वाई पूरण कुमार ने भी अपने सुसाइड केस में 10 से ज्यादा पूर्व व मौजूदा आईपीएस पर आरोप लगाया है। मौजूदा आईपीएस पुलिस महकमे में ऊंचे पदों पर बैठे हैं। वहीं, संदीप के आत्महत्या करने से यह मामला और उलझ गया है। सवाल यह है कि संदीप लाठर के पास जब वाई पूरण कुमार के खिलाफ काफी सारे सबूत थे तो उन्होंने आत्महत्या क्यों कर ली। उन्हें यह सारे सबूत इस मामले की जांच कर रही चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी या रोहतक पुलिस को सौंपने चाहिए थे। मगर उन्होंने आत्महत्या कर ली। इससे पूरा मामला पेचीदा हो गया है।

संदीप ने जो आरोप लगाए हैं, कोई केंद्रीय एजेंसी ही उनकी सच्चाई सामने ला सकती है। सरकार भी इस पक्ष में है कि तीनों मामलों की निष्पक्षता से जांच की जाए ताकि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनके पीछे की सच्चाई सामने आ सके। दूसरी तरफ इस पूरे मामले में सियासत भी गरमा गई है। पहले सभी राजनीतिक दल वाई पूरण कुमार के घर पहुंच रहे थे। अब संदीप लाठर के घर प्रदेश के नेता पहुंच रहे हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला संदीप के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

कहीं मामला जातिगत न हो जाए

वहीं दोनों आत्महत्या के केस को कुछ लोग जातिवाद का रंग देने में जुट गए हैं। पूरण कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जातिगत उत्पीड़न का भी जिक्र किया था।उनकी आत्महत्या के बाद दलित समाज के कई संगठन उनके समर्थन में आ गए थे। वहीं, संदीप लाठर जाट समुदाय से हैं और उनकी छवि ईमानदार इंस्पेक्टर की रही थी। कई अहम मामलों को सुलझाने में उनकी भूमिका अहम थी। खुद सीएम भी उन्हें सम्मनित कर चुके थे। वह रोहतक एसपी नरेंद्र बिजराणिया के काफी करीबी थे। ऐसे में कुछ लोग दलित बनाम जाट कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में पुलिस अलर्ट मोड पर है।
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