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Charkhi Dadri News: एक्यूआई<bha>@</bha> 255, खराब हवा बिगाड़ रही सेहत
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Tue, 04 Nov 2025 11:22 PM IST
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चरखी दादरी।
दीपावली के बाद से ही हवा की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। मंगलवार को शहर का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) दोपहर चार बजे 255 दर्ज किया गया। लगातार कई दिनों से हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा कम न होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसे मामले आम होते जा रहे हैं।
चिकित्सकों के अनुसार जिला की हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण लगातार बढ़े हुए हैं। यह प्रदूषक तत्व फेफड़ों में गहराई तक जाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण के इस स्तर पर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अस्पतालों में सांस संबंधी रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
प्रशासन नहीं उठा रहा ठोस कदम
लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सड़कों पर धूल उड़ने से लेकर कूड़ा जलाने तक की घटनाएं खुलेआम हो रही हैं। नगर परिषद की ओर से भी स्वीपिंग मशीन से सफाई न करने तथा पानी का छिड़काव न होने से धूलकण हवा में बने रहते हैं।
सुबह-शाम टहलने से बचें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के दादरी अध्यक्ष मेजर डॉ. योगेंद्र देशवाल ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह के समय बाहर टहलने से बचें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और घरों में एयर प्यूरीफायर या पौधों का उपयोग करें। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हवा की गुणवत्ता इसी तरह गिरती रही, तो यह स्थिति बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकती है।
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दीपावली के बाद से ही हवा की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। मंगलवार को शहर का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) दोपहर चार बजे 255 दर्ज किया गया। लगातार कई दिनों से हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा कम न होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसे मामले आम होते जा रहे हैं।
चिकित्सकों के अनुसार जिला की हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण लगातार बढ़े हुए हैं। यह प्रदूषक तत्व फेफड़ों में गहराई तक जाकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण के इस स्तर पर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अस्पतालों में सांस संबंधी रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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प्रशासन नहीं उठा रहा ठोस कदम
लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सड़कों पर धूल उड़ने से लेकर कूड़ा जलाने तक की घटनाएं खुलेआम हो रही हैं। नगर परिषद की ओर से भी स्वीपिंग मशीन से सफाई न करने तथा पानी का छिड़काव न होने से धूलकण हवा में बने रहते हैं।
सुबह-शाम टहलने से बचें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के दादरी अध्यक्ष मेजर डॉ. योगेंद्र देशवाल ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह के समय बाहर टहलने से बचें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और घरों में एयर प्यूरीफायर या पौधों का उपयोग करें। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हवा की गुणवत्ता इसी तरह गिरती रही, तो यह स्थिति बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकती है।