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Charkhi Dadri News: बाल विवाह मुक्त अभियान में सहयोग करें नागरिक, जागरूक करने के लिए विभाग चला रहा अभियान
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Fri, 05 Dec 2025 01:22 AM IST
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चरखी दादरी। उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल ने आमजन से बाल विवाह मुक्त अभियान में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बाल विकास विभाग की ओर से बाल विवाह मुक्त अभियान का समय-समय पर आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आम नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों सहित अन्य जगहों पर बाल विवाह रोकने को लेकर आमजन को जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विवाह के सीजन में बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है। बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत बाल विवाह कानूनी अपराध है। अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करवाता है और बढ़ावा देना सहित किसी प्रकार से सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
उन्होंने बताया कि किसी को बाल विवाह से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है तो वह बाल-विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन 112, मजिस्ट्रेट के साथ-साथ चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दे सकता है, ताकि समय पर हस्तक्षेप कर बाल-विवाह रुकवाया जा सके। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर बाल-विवाह की रोकथाम के लिए 8 मार्च 2026 तक 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का आयोजन तीन चरणों में देशभर में किया जा रहा है। पहले चरण में 31 दिसंबर 2025 तक स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय सहित समस्त शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे चरण का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जाएगा जो कि धार्मिक स्थलों और विवाह के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वालों आदि से संबंधित रहेगा। वहीं तीसरा चरण 1 फरवरी 2026 से 8 मार्च 2026 तक चलाया जाएगा जिसमें ग्राम पंचायतों और नगर पालिका वार्डों में सामुदायिक आधारित सहभागिता और स्वामित्व को मजबूत करने पर आधारित होगा।
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उन्होंने कहा कि विवाह के सीजन में बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है। बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत बाल विवाह कानूनी अपराध है। अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के को नाबालिग माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करवाता है और बढ़ावा देना सहित किसी प्रकार से सहायता करता है तो उसे 2 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
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उन्होंने बताया कि किसी को बाल विवाह से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है तो वह बाल-विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन 112, मजिस्ट्रेट के साथ-साथ चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दे सकता है, ताकि समय पर हस्तक्षेप कर बाल-विवाह रुकवाया जा सके। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर बाल-विवाह की रोकथाम के लिए 8 मार्च 2026 तक 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का आयोजन तीन चरणों में देशभर में किया जा रहा है। पहले चरण में 31 दिसंबर 2025 तक स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय सहित समस्त शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे चरण का आयोजन एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक किया जाएगा जो कि धार्मिक स्थलों और विवाह के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वालों आदि से संबंधित रहेगा। वहीं तीसरा चरण 1 फरवरी 2026 से 8 मार्च 2026 तक चलाया जाएगा जिसमें ग्राम पंचायतों और नगर पालिका वार्डों में सामुदायिक आधारित सहभागिता और स्वामित्व को मजबूत करने पर आधारित होगा।