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Charkhi Dadri News: समूह अभ्यास के तहत हिंदी की आकलन परीक्षा ली
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:10 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में दूसरी और तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जनगणना आधारित समूह अभ्यास के तहत हिंदी विषय की आकलन परीक्षा आयोजित की गई। यह परीक्षा विद्यार्थियों के मूलभूत साक्षरता के ज्ञान के स्तर का पता लगाने के लिए ली गई।
यह एक नैदानिक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के सीखने के स्तर की पहचान करना और शिक्षकों को उपचारात्मक उपाय योजना बनाने में मदद करना है। ताकि, सीखने के परिणामों में सुधार हो सके। परीक्षा में करीब चार हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
शिक्षा विभाग खासकर प्राइमरी के विद्यार्थियों के गणित व भाषा ज्ञान पर विशेष फोकस कर रहा है। वैसे ये दोनों विषय दैनिक जीवन से जुड़े हैं। गणित विषय रसाेईघर से ही शुरू हो जाता है जबकि भाषा बच्चे परिवार व समाज से अर्जित करते हैं। भाषा एक सामाजिक संपत्ति है। आजकल वैसे भी शिक्षण की प्रविधियों में हर साल बदलाव आ रहा है।
नई शिक्षा नीति में तो प्राइमरी के बच्चे के किताबी बोझ को ही कम कर दिया गया है। विभाग समय-समय पर शिक्षकों को नई शिक्षा पद्धतियों के लिए प्रशिक्षण भी देता आ रहा है।
परीक्षा के दौरान भाषा (हिंदी) का आकलन किया गया। परीक्षा में शब्द, वाक्य और अनुच्छेद पढ़ने पर बल दिया गया। 16 सितंबर को गणित विषय की परीक्षा होगी। इसमें संख्या पहचान, जोड़ और घटाव शामिल होगा। इसके तहत मूल्यांकन का कार्य टीजीटी व पीजीटी शिक्षक करेंगे। वे निपुण हरियाणा शिक्षक एप आधारित रिपोर्ट के माध्यम से क्षमता स्तर में वर्गीकृत करके कक्षा अध्यापक को सूचित करेंगे।
तत्पश्चात प्राइमरी शिक्षक रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे और प्रत्येक विद्यार्थी के लिए सीखने के लक्ष्य को अंतिम रूप देंगे। एबीआरसी व बीआरपी इन रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे।

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चरखी दादरी। शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में दूसरी और तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जनगणना आधारित समूह अभ्यास के तहत हिंदी विषय की आकलन परीक्षा आयोजित की गई। यह परीक्षा विद्यार्थियों के मूलभूत साक्षरता के ज्ञान के स्तर का पता लगाने के लिए ली गई।
यह एक नैदानिक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के सीखने के स्तर की पहचान करना और शिक्षकों को उपचारात्मक उपाय योजना बनाने में मदद करना है। ताकि, सीखने के परिणामों में सुधार हो सके। परीक्षा में करीब चार हजार विद्यार्थी शामिल हुए।
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शिक्षा विभाग खासकर प्राइमरी के विद्यार्थियों के गणित व भाषा ज्ञान पर विशेष फोकस कर रहा है। वैसे ये दोनों विषय दैनिक जीवन से जुड़े हैं। गणित विषय रसाेईघर से ही शुरू हो जाता है जबकि भाषा बच्चे परिवार व समाज से अर्जित करते हैं। भाषा एक सामाजिक संपत्ति है। आजकल वैसे भी शिक्षण की प्रविधियों में हर साल बदलाव आ रहा है।
नई शिक्षा नीति में तो प्राइमरी के बच्चे के किताबी बोझ को ही कम कर दिया गया है। विभाग समय-समय पर शिक्षकों को नई शिक्षा पद्धतियों के लिए प्रशिक्षण भी देता आ रहा है।
परीक्षा के दौरान भाषा (हिंदी) का आकलन किया गया। परीक्षा में शब्द, वाक्य और अनुच्छेद पढ़ने पर बल दिया गया। 16 सितंबर को गणित विषय की परीक्षा होगी। इसमें संख्या पहचान, जोड़ और घटाव शामिल होगा। इसके तहत मूल्यांकन का कार्य टीजीटी व पीजीटी शिक्षक करेंगे। वे निपुण हरियाणा शिक्षक एप आधारित रिपोर्ट के माध्यम से क्षमता स्तर में वर्गीकृत करके कक्षा अध्यापक को सूचित करेंगे।
तत्पश्चात प्राइमरी शिक्षक रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे और प्रत्येक विद्यार्थी के लिए सीखने के लक्ष्य को अंतिम रूप देंगे। एबीआरसी व बीआरपी इन रिपोर्ट का सत्यापन करेंगे।