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Charkhi Dadri News: हादसा हो तो किस्मत ही सहारा... हाईवे पर एंबुलेंस गायब
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Wed, 03 Dec 2025 02:04 AM IST
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दादरी जिले से गुजरने वाला नेशनल हाईवे 334बी।
- फोटो : 1
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चरखी दादरी। जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 334बी और 148बी पर यात्रा करने वालों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही तो लगातार बनी रहती है, लेकिन हादसा होने की स्थिति में तत्काल मेडिकल सहायता मिलना मुश्किल है।
पड़ताल में सामने आया कि पूरे रूट पर कहीं भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है, सिर्फ मोरवाला टोल और लाड टोल बूथ पर एक-एक एंबुलेंस तैनात है। इन दोनों टोल प्लाजा की आपस में दूरी करीब 57 किलोमीटर है। ऐसे में अगर हादसा इन दोनों के बीच हो जाए तो एंबुलेंस के पहुंचने तक घायल को अस्पताल पहुंचने में देरी हो जाती है, जिससे कई बार स्थिति जानलेवा भी बन जाती है।
हाईवे पर नहीं है मेडिकल प्वाइंट : हैरानी की बात यह है कि दोनों नेशनल हाईवे पर न तो कोई स्थाई मेडिकल पोस्ट है और न ही ऐसी जगह जहां प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध हो। यदि कोई गंभीर सड़क हादसा हो जाता है तो घायल को मौके पर किसी भी प्रकार की दवाई, प्राथमिक उपचार या मेडिकल उपकरण उपलब्ध नहीं होता। जब कोई हादसा होता है तो उसे स्थानीय लोग या पुलिस दादरी जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में पहुंचाते हैं।
पुलिस केवल चालान काटने में सक्रिय : शहरवासी चालक राजू प्रजापत, दीपक वर्मा, नवीन, हिमांशु आदि ने कहा कि कि सरकार और प्रशासन केवल टोल वसूली और यातायात नियमों के नाम पर चालान काटने में सक्रिय है, लेकिन जब बात नागरिकों की सुरक्षा और जीवन बचाने की आती है तो सिस्टम गायब हो जाता है। संवाद
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पड़ताल में सामने आया कि पूरे रूट पर कहीं भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है, सिर्फ मोरवाला टोल और लाड टोल बूथ पर एक-एक एंबुलेंस तैनात है। इन दोनों टोल प्लाजा की आपस में दूरी करीब 57 किलोमीटर है। ऐसे में अगर हादसा इन दोनों के बीच हो जाए तो एंबुलेंस के पहुंचने तक घायल को अस्पताल पहुंचने में देरी हो जाती है, जिससे कई बार स्थिति जानलेवा भी बन जाती है।
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हाईवे पर नहीं है मेडिकल प्वाइंट : हैरानी की बात यह है कि दोनों नेशनल हाईवे पर न तो कोई स्थाई मेडिकल पोस्ट है और न ही ऐसी जगह जहां प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध हो। यदि कोई गंभीर सड़क हादसा हो जाता है तो घायल को मौके पर किसी भी प्रकार की दवाई, प्राथमिक उपचार या मेडिकल उपकरण उपलब्ध नहीं होता। जब कोई हादसा होता है तो उसे स्थानीय लोग या पुलिस दादरी जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में पहुंचाते हैं।
पुलिस केवल चालान काटने में सक्रिय : शहरवासी चालक राजू प्रजापत, दीपक वर्मा, नवीन, हिमांशु आदि ने कहा कि कि सरकार और प्रशासन केवल टोल वसूली और यातायात नियमों के नाम पर चालान काटने में सक्रिय है, लेकिन जब बात नागरिकों की सुरक्षा और जीवन बचाने की आती है तो सिस्टम गायब हो जाता है। संवाद