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ठंड में बुजुर्गों और बच्चों का रखें ध्यान : डीसी
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Wed, 03 Dec 2025 02:01 AM IST
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चरखी दादरी। जिला प्रशासन की ओर से शीतलहर के दौरान प्रभावी प्रबंधन के लिए बहु-क्षेत्रीय और समन्वित कार्ययोजना लागू की गई है।
इसका उद्देश्य जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ठंड से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु के जोखिम को कम करना और कमजोर वर्गों को आवश्यक राहत प्रदान करना है। उपायुक्त डाॅ. मुनीश नागपाल ने बताया कि प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे शीत लहर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
पेयजल की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों, रैन बसेरों और सामुदायिक केंद्रों पर पर्याप्त कंबल, गर्म कपड़े, भोजन और दवाओं की व्यवस्था रहे। बेघर और निराश्रित व्यक्तियों के लिए रात्रि विश्राम गृहों एवं सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि शीत लहर के संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि ठंड से संबंधित बीमारियों जैसे हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट के उपचार के लिए पर्याप्त दवाओं, कंबलों एवं हीटिंग उपकरणों की व्यवस्था की जाए। एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी समुदाय स्तर पर सक्रिय रहकर जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से वृद्धजनों, बच्चों तथा गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों की देखभाल और ठंड से सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
पंचायत स्तर पर चलाएं अभियान कि शीत लहर के प्रभाव से ग्रामीण जनजीवन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विकास एवं पंचायती राज विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग को निर्देशित किया गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
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इसका उद्देश्य जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ठंड से होने वाली बीमारियों एवं मृत्यु के जोखिम को कम करना और कमजोर वर्गों को आवश्यक राहत प्रदान करना है। उपायुक्त डाॅ. मुनीश नागपाल ने बताया कि प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे शीत लहर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
पेयजल की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों, रैन बसेरों और सामुदायिक केंद्रों पर पर्याप्त कंबल, गर्म कपड़े, भोजन और दवाओं की व्यवस्था रहे। बेघर और निराश्रित व्यक्तियों के लिए रात्रि विश्राम गृहों एवं सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि शीत लहर के संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि ठंड से संबंधित बीमारियों जैसे हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट के उपचार के लिए पर्याप्त दवाओं, कंबलों एवं हीटिंग उपकरणों की व्यवस्था की जाए। एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी समुदाय स्तर पर सक्रिय रहकर जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से वृद्धजनों, बच्चों तथा गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों की देखभाल और ठंड से सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
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पंचायत स्तर पर चलाएं अभियान कि शीत लहर के प्रभाव से ग्रामीण जनजीवन को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से विकास एवं पंचायती राज विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग को निर्देशित किया गया है कि ग्राम पंचायत स्तर पर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।