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Charkhi Dadri News: पुलिस ने सुलझाई सेवानिवृत्त सूबेदार की हत्या की गुत्थी, दो आरोपी किए गिरफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Wed, 03 Dec 2025 02:06 AM IST
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सदर थाना पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी।
- फोटो : 1
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चरखी दादरी। दादरी सदर थाना पुलिस टीम ने गांव डोहकी निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार मंगलीराम की हत्या करने के दो आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करते हुए ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझा ली है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति ने अपने दोस्त के साथ मिलकर घर पर इस वारदात को अंजाम दिया।
वारदात को सड़क हादसा दिखाने के लिए शव को नेशनल हाईवे 148बी पर गांव पैंतावास खुर्द के समीप सड़क किनारे रख दिया। रुपये उधार न देने पर आरोपियों ने इसको अंजाम दिया। पुलिस टीम ने मंगलवार को ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत दोनों आरोपियों को नेशनल हाईवे 152डी फ्लाईओवर के नीचे से गिरफ्तार किया है।
आरोपी सतीश गांव डोहकी और हिसार जिले के गांव भैणी हमीरपुर के रहने वाले शमशेर उर्फ लीला हैं। दोनों की मुलाकात भिवानी जेल में हुई थी। पुलिस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है। दादरी के डीएसपी रमेश कुमार ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि सोमवार सुबह पुलिस को गांव पैंतावास खुर्द के समीप सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच की तो शव के सिर, हाथ व गर्दन पर चोट के निशान थे।
फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर जांच की। इस दौरान मृतक की पहचान गांव डोहकी निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार मंगलीराम के रूप में हुई। उनका बेटा अनिल दादरी पुलिस में बतौर स्पेशल पुलिस ऑफिसर एसपीओ तैनात है।
उन्होंने पुलिस को बताया कि रविवार शाम करीब छह बजे उनके पिता के पास किसी व्यक्ति का फोन आया और वे घर से चले गए। परिजनों ने रातभर उनकी तलाश की, लेकिन सोमवार सुबह उनका शव मिलने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस ने अनिल के बयान के आधार पर हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज करते हुए पोस्टमार्टम करवाया। बाद में अनिल ने पूरक बयान दिए जिसमें गांव के ही एक व्यक्ति पर शक जताया।
पुलिस टीम ने घटनास्थल से मिले मृतक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल और पूरक बयान के आधार पर दोनों आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। डीएसपी रमेश कुमार ने बताया कि मंगलीराम रुपये ब्याज पर देने का काम करते थे। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सतीश मृतक मंगलीराम से एक लाख रुपये उधार मांग रहा था।
रुपये न देने पर उसने अपने साथी के साथ मिलकर हत्या करने की योजना बनाई। योजना के तहत सतीश ने अपने दोस्त शमशेर को 29 नवंबर को गांव में बुला लिया। 30 नवंबर को उन्होंने मंगलीराम को फोन कर बुला लिया और बणी में ले जाकर उन्हें काफी मात्रा में शराब पिलाई। जब वे अचेत अवस्था में हो गए तो रात करीब 10 बजे दोनों आरोपी उन्हें सतीश की आई10 कार में लेकर सतीश के घर आए।
यहां पर उन्होंने उनसे तिजोरी का चाबी आदि के बारे में पूछा। जब उन्होंने मना किया तो सतीश ने मंगलीराम के दोनों हाथ पकड़ लिए और शमशेर ने कपड़े के परने से उनका गला दबा दिया।
उसी दौरान गिरने से उनके सिर पर भी चोट लगी। इस वारदात को सड़क हादसा दिखाने के लिए देर रात करीब तीन बजे वे दोनों मंगलीराम के शव को उसी कार में लेकर गांव पैंतावास खुर्द के समीप पहुंचे और गड्ढे के पास उल्टा लिटा दिया। साथ ही उनका मोबाइल फोन भी वहीं पर फेंक दिया।
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वारदात को सड़क हादसा दिखाने के लिए शव को नेशनल हाईवे 148बी पर गांव पैंतावास खुर्द के समीप सड़क किनारे रख दिया। रुपये उधार न देने पर आरोपियों ने इसको अंजाम दिया। पुलिस टीम ने मंगलवार को ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत दोनों आरोपियों को नेशनल हाईवे 152डी फ्लाईओवर के नीचे से गिरफ्तार किया है।
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आरोपी सतीश गांव डोहकी और हिसार जिले के गांव भैणी हमीरपुर के रहने वाले शमशेर उर्फ लीला हैं। दोनों की मुलाकात भिवानी जेल में हुई थी। पुलिस मामले में आगामी कार्रवाई कर रही है। दादरी के डीएसपी रमेश कुमार ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दौरान बताया कि सोमवार सुबह पुलिस को गांव पैंतावास खुर्द के समीप सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच की तो शव के सिर, हाथ व गर्दन पर चोट के निशान थे।
फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर जांच की। इस दौरान मृतक की पहचान गांव डोहकी निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार मंगलीराम के रूप में हुई। उनका बेटा अनिल दादरी पुलिस में बतौर स्पेशल पुलिस ऑफिसर एसपीओ तैनात है।
उन्होंने पुलिस को बताया कि रविवार शाम करीब छह बजे उनके पिता के पास किसी व्यक्ति का फोन आया और वे घर से चले गए। परिजनों ने रातभर उनकी तलाश की, लेकिन सोमवार सुबह उनका शव मिलने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस ने अनिल के बयान के आधार पर हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज करते हुए पोस्टमार्टम करवाया। बाद में अनिल ने पूरक बयान दिए जिसमें गांव के ही एक व्यक्ति पर शक जताया।
पुलिस टीम ने घटनास्थल से मिले मृतक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल और पूरक बयान के आधार पर दोनों आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। डीएसपी रमेश कुमार ने बताया कि मंगलीराम रुपये ब्याज पर देने का काम करते थे। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सतीश मृतक मंगलीराम से एक लाख रुपये उधार मांग रहा था।
रुपये न देने पर उसने अपने साथी के साथ मिलकर हत्या करने की योजना बनाई। योजना के तहत सतीश ने अपने दोस्त शमशेर को 29 नवंबर को गांव में बुला लिया। 30 नवंबर को उन्होंने मंगलीराम को फोन कर बुला लिया और बणी में ले जाकर उन्हें काफी मात्रा में शराब पिलाई। जब वे अचेत अवस्था में हो गए तो रात करीब 10 बजे दोनों आरोपी उन्हें सतीश की आई10 कार में लेकर सतीश के घर आए।
यहां पर उन्होंने उनसे तिजोरी का चाबी आदि के बारे में पूछा। जब उन्होंने मना किया तो सतीश ने मंगलीराम के दोनों हाथ पकड़ लिए और शमशेर ने कपड़े के परने से उनका गला दबा दिया।
उसी दौरान गिरने से उनके सिर पर भी चोट लगी। इस वारदात को सड़क हादसा दिखाने के लिए देर रात करीब तीन बजे वे दोनों मंगलीराम के शव को उसी कार में लेकर गांव पैंतावास खुर्द के समीप पहुंचे और गड्ढे के पास उल्टा लिटा दिया। साथ ही उनका मोबाइल फोन भी वहीं पर फेंक दिया।