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Charkhi Dadri News: इतिहास और संस्कृति के प्रति जानकारी होना जरूरी
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:05 AM IST
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शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए। विज्ञप्ति
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चरखी दादरी।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की ओर से आयोजित हरियाणा इतिहास कांग्रेस के 10वें अधिवेशन में जनता पीजी कॉलेज के एमए इतिहास के विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
विभाग के इंचार्ज डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ. निशा, प्रो. हेमंत, प्रो. सोमेंद्र के नेतृत्व में विद्यार्थी शीतल, सीमा देवी, रेणु, मोनिका, दीपक, सीमा आदि ने इतिहास एवं संस्कृति के चरखी दादरी क्षेत्र व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्राचार्य एवं हरियाणा इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष प्रो. यशवीर सिंह व छात्र कल्याण परिषद के संरक्षक आरसी पूनिया ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
प्रो. यशवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों क्षेत्र के इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जानकारी होना जरूरी है। ऐसे आयोजन में भाग लेने से विद्यार्थियों की बुद्धि एवं कौशल का विकास होता है। साथ ही क्षेत्र के इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जिज्ञासा और धरोहर के संरक्षण के प्रति भी जागरूकता उत्पन्न होती है। चरखी दादरी क्षेत्र पुरातत्व संपदा, साहित्य एवं संस्कृति से जुड़े धरोहर के मामले में काफी उन्नत क्षेत्र है।
इस संपदा के संरक्षण के प्रति युवा विद्यार्थी आगे आकर इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से जन जागृति पैदा कर सकते हैं। इस अधिवेशन में भारतवर्ष के 18 प्रदेशों से पहुंचे शोधार्थियों एवं शिक्षकों ने भाग लिया।
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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की ओर से आयोजित हरियाणा इतिहास कांग्रेस के 10वें अधिवेशन में जनता पीजी कॉलेज के एमए इतिहास के विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
विभाग के इंचार्ज डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ. निशा, प्रो. हेमंत, प्रो. सोमेंद्र के नेतृत्व में विद्यार्थी शीतल, सीमा देवी, रेणु, मोनिका, दीपक, सीमा आदि ने इतिहास एवं संस्कृति के चरखी दादरी क्षेत्र व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्राचार्य एवं हरियाणा इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष प्रो. यशवीर सिंह व छात्र कल्याण परिषद के संरक्षक आरसी पूनिया ने विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
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प्रो. यशवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों क्षेत्र के इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जानकारी होना जरूरी है। ऐसे आयोजन में भाग लेने से विद्यार्थियों की बुद्धि एवं कौशल का विकास होता है। साथ ही क्षेत्र के इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जिज्ञासा और धरोहर के संरक्षण के प्रति भी जागरूकता उत्पन्न होती है। चरखी दादरी क्षेत्र पुरातत्व संपदा, साहित्य एवं संस्कृति से जुड़े धरोहर के मामले में काफी उन्नत क्षेत्र है।
इस संपदा के संरक्षण के प्रति युवा विद्यार्थी आगे आकर इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से जन जागृति पैदा कर सकते हैं। इस अधिवेशन में भारतवर्ष के 18 प्रदेशों से पहुंचे शोधार्थियों एवं शिक्षकों ने भाग लिया।