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Charkhi Dadri News: ओवरलोड वाहनों पर लगाम नहीं, सड़क सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Mon, 15 Dec 2025 12:29 AM IST
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नेशनल हाईवे 334बी से गुजरता ओवरलोड ट्रक।
- फोटो : 1
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चरखी दादरी। जिले में प्रशासन की ओर किए जा रहे तमाम दावों और कार्रवाई के बावजूद सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का दौड़ना थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर ही नहीं, बल्कि जिले के लगभग हर प्रमुख सड़क मार्ग पर क्षमता से अधिक वजन लेकर चलते वाहन खुलेआम नजर आ रहे हैं। यह स्थिति न केवल यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रही है, बल्कि आमजन की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है। शहर के मुख्य मार्गों के साथ-साथ अप्रोच सड़कों पर दिनभर ओवरलोड ट्रक, डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दौड़ते दिखाई देते हैं। कई स्थानों पर तो इन वाहनों के कारण जाम की स्थिति भी बनी रहती है। ओवरलोडिंग के चलते सड़कों की हालत तेजी से खराब हो रही है, वहीं हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। आए दिन कहीं न कहीं ओवरलोड वाहन पलटने की घटनाएं सामने आ रही हैं जिनमें वाहन चालकों के साथ-साथ राहगीरों की जान भी जोखिम में पड़ जाती है।
एसडीएम के गनमैन पर किया था हमला
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों ओवरलोडिंग के खिलाफ चालान करने गए एसडीएम के गनमैन पर ओवरलोड माफिया ने हमला तक कर दिया था। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ओवरलोडिंग से जुड़े लोग किस कदर बेखौफ होकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। बावजूद इसके, प्रशासनिक स्तर पर की जा रही सख्ती का जमीनी असर सीमित ही नजर आ रहा है।
इस साल 3696 किए जा चुके चालान
आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण यानी आरटीए की ओर से ओवरलोडिंग के 3696 मामलों में करीब 11.89 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इतनी बड़ी राशि वसूलने के बाद भी ओवरलोड का सिलसिला नहीं थम रहा है। इससे साफ है कि जुर्माने का डर भी वाहन संचालकों पर असर नहीं डाल पा रहा। कई वाहन मालिक जुर्माना भरकर फिर से उसी ढर्रे पर वाहन चलाने लगते हैं।
हादसों के साथ टूट रही सड़कें
ओवरलोड का सबसे बड़ा नुकसान आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ सड़कों की उम्र भी कम हो रही है। कई जगहों पर सड़कें समय से पहले ही टूटने लगी हैं, जिससे प्रशासन पर अतिरिक्त मरम्मत का बोझ बढ़ रहा है। इसके अलावा भारी वाहनों के कारण छोटे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को हर समय हादसे का डर बना रहता है।
पूरे नेटवर्क पर हो कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नियमित और सख्त निगरानी के साथ-साथ ओवरलोड में शामिल पूरे नेटवर्क पर कार्रवाई की जाए, तभी इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। सिर्फ चालान काटना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसे वाहनों को जब्त करना और बार-बार नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। फिलहाल, दादरी में ओवरलोडिंग प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिस पर प्रभावी और स्थायी समाधान की जरूरत महसूस की जा रही है।
वर्जन:
आरटीए की ओर से निरंतर ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। ओवरलोड वाहनों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा आरटीएम की टीमें दिन रात सड़कों पर तैनात रहती है। ओवरलोड माफिया पर निरंतर कार्रवाई जा रहेगी और किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। - संजय यादव, यातायात निरीक्षक, आरटीए
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एसडीएम के गनमैन पर किया था हमला
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों ओवरलोडिंग के खिलाफ चालान करने गए एसडीएम के गनमैन पर ओवरलोड माफिया ने हमला तक कर दिया था। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ओवरलोडिंग से जुड़े लोग किस कदर बेखौफ होकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। बावजूद इसके, प्रशासनिक स्तर पर की जा रही सख्ती का जमीनी असर सीमित ही नजर आ रहा है।
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इस साल 3696 किए जा चुके चालान
आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण यानी आरटीए की ओर से ओवरलोडिंग के 3696 मामलों में करीब 11.89 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इतनी बड़ी राशि वसूलने के बाद भी ओवरलोड का सिलसिला नहीं थम रहा है। इससे साफ है कि जुर्माने का डर भी वाहन संचालकों पर असर नहीं डाल पा रहा। कई वाहन मालिक जुर्माना भरकर फिर से उसी ढर्रे पर वाहन चलाने लगते हैं।
हादसों के साथ टूट रही सड़कें
ओवरलोड का सबसे बड़ा नुकसान आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ सड़कों की उम्र भी कम हो रही है। कई जगहों पर सड़कें समय से पहले ही टूटने लगी हैं, जिससे प्रशासन पर अतिरिक्त मरम्मत का बोझ बढ़ रहा है। इसके अलावा भारी वाहनों के कारण छोटे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को हर समय हादसे का डर बना रहता है।
पूरे नेटवर्क पर हो कार्रवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नियमित और सख्त निगरानी के साथ-साथ ओवरलोड में शामिल पूरे नेटवर्क पर कार्रवाई की जाए, तभी इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। सिर्फ चालान काटना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसे वाहनों को जब्त करना और बार-बार नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। फिलहाल, दादरी में ओवरलोडिंग प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिस पर प्रभावी और स्थायी समाधान की जरूरत महसूस की जा रही है।
वर्जन:
आरटीए की ओर से निरंतर ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। ओवरलोड वाहनों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा आरटीएम की टीमें दिन रात सड़कों पर तैनात रहती है। ओवरलोड माफिया पर निरंतर कार्रवाई जा रहेगी और किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। - संजय यादव, यातायात निरीक्षक, आरटीए