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Charkhi Dadri News: जिले को मिला 900 क्यूसेक नहरी पानी, पानी की चोरी रोकने लिए अधिकारी सक्रिय
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Mon, 15 Dec 2025 01:39 AM IST
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चरखी दादरी। जिले को 900 क्यूसेक नहरी पानी मिला है। विभाग ने 1,000 क्यूसेक पानी की मांग की है। सिंचाई विभाग अधिकारियों ने जलघर भरने के लिए नहरों के दौरे शुरू कर दिए हैं। पानी की चोरी रोकने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। इस समय लोहारू केनाल और बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी में पानी छोड़ा गया है। जिलाभर में 60 से ज्यादा जलघर हैं। इन जलघरों में पानी डालने की सख्त जरूरत है। इस बार रबी की फसलों में सिंचाई के लिए भी नहरी पानी की जरूरत है। जिले का करीब 60 प्रतिशत कृषि क्षेत्र नहरी पानी पर ही निर्भर करता है। इस बार पानी की चोरी होने की भी आशंका है। ऐसे में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पानी पहुंचते ही संबंधित स्थलों पर लगातार निगरानी शुरू कर दी है।
168 गांवों में होती है पानी की आपूर्ति
जिले के 168 गांवों में जलघरों के जरिये पेयजल आपूर्ति की जाती है। सभी जलघर नहरों से ही भरे जाते हैं। इस बार फसलों की सिंचाई के लिए भी नहरी पानी की जरूरत है क्योंकि इस समय रबी की पहली सिंचाई के लिए किसानों को पानी की जरूरत है। शहर के अलावा गांव घसोला, मंदोला, कलियाणा, जावा, चांगरोड़, दातोली, ढाणी फौगाट, चिडिय़ा, पांडवान, जावा, पालड़ी, मिसरी, बौंद कलां, अचीना, रानीला, इमलोटा, चरखी, पैंतावास, झोझू कलां मंदोला, घिकाड़ा, सांवड़, सांजरवास आदि जलघरों में नहरों से ही पानी भरा जाता है।
1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत
जिले के लिए 1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत है। पंप व मोटर आदि को पहले ही अपडेट कर दिया गया था। खुबड़ू मेन हेड से साफ पानी छोड़ा गया है। इससे जलघरों में भी पानी की गुणवत्ता में सुधार आएगा। जिले की मेन बधवाना, मैहड़ा, बौंद कलां डिस्ट्रीब्यूटरी व लोहारू केनाल प्रमुख हैं। जिलेभर में 68 से ज्यादा जोहड़ विभिन्न नहरों से जुड़े हैं। जिले की नहरी पानी की बारी 24 दिन मेंं आती है। इस बार सरसों, गेहूं और जौ में सिंचाई की भी सख्त जरूरत है। ऐसे में इस बार पानी की चोरी होने की भी आशंका है।
वर्जन:
नहरी पानी की कमी नहीं रहने दी जाएगी। सभी जलघरों में प्राथमिकता से पानी डाला जाएगा। कनिष्ठ अभियंता लगातार निगरानी कर रहे हैं। पानी की चोरी नहीं होने दी जाएगी। इस समय 900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। - कार्यकारी अभियंता सतेंद्र कुमार, सिंचाई विभाग, चरखी दादरी।
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168 गांवों में होती है पानी की आपूर्ति
जिले के 168 गांवों में जलघरों के जरिये पेयजल आपूर्ति की जाती है। सभी जलघर नहरों से ही भरे जाते हैं। इस बार फसलों की सिंचाई के लिए भी नहरी पानी की जरूरत है क्योंकि इस समय रबी की पहली सिंचाई के लिए किसानों को पानी की जरूरत है। शहर के अलावा गांव घसोला, मंदोला, कलियाणा, जावा, चांगरोड़, दातोली, ढाणी फौगाट, चिडिय़ा, पांडवान, जावा, पालड़ी, मिसरी, बौंद कलां, अचीना, रानीला, इमलोटा, चरखी, पैंतावास, झोझू कलां मंदोला, घिकाड़ा, सांवड़, सांजरवास आदि जलघरों में नहरों से ही पानी भरा जाता है।
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1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत
जिले के लिए 1,000 क्यूसेक पानी की जरूरत है। पंप व मोटर आदि को पहले ही अपडेट कर दिया गया था। खुबड़ू मेन हेड से साफ पानी छोड़ा गया है। इससे जलघरों में भी पानी की गुणवत्ता में सुधार आएगा। जिले की मेन बधवाना, मैहड़ा, बौंद कलां डिस्ट्रीब्यूटरी व लोहारू केनाल प्रमुख हैं। जिलेभर में 68 से ज्यादा जोहड़ विभिन्न नहरों से जुड़े हैं। जिले की नहरी पानी की बारी 24 दिन मेंं आती है। इस बार सरसों, गेहूं और जौ में सिंचाई की भी सख्त जरूरत है। ऐसे में इस बार पानी की चोरी होने की भी आशंका है।
वर्जन:
नहरी पानी की कमी नहीं रहने दी जाएगी। सभी जलघरों में प्राथमिकता से पानी डाला जाएगा। कनिष्ठ अभियंता लगातार निगरानी कर रहे हैं। पानी की चोरी नहीं होने दी जाएगी। इस समय 900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। - कार्यकारी अभियंता सतेंद्र कुमार, सिंचाई विभाग, चरखी दादरी।