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हिसार एयरपोर्ट: लाइसेंस अपग्रेडेशन के लिए डीजीसीए की टीम दो दिवसीय दौरे पर, डीवीओआर सिस्टम किया स्थापित

माई सिटी रिपोर्टर, हिसार (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Thu, 06 Nov 2025 11:07 AM IST
सार

हिसार में अभी एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। अभी लाइसेंस आईएफआर में अपग्रेड होगा, जबकि नाइट लैंडिंग के लिए लाइसेंस का आईएफआर प्रीसीजन होना जरूरी है। नाइट लैंडिंग के लिए लाइसेंस को और अपग्रेड करना होगा।

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Hisar Airport: DGCA team on two-day visit for license upgradation, DVOR system installed
हिसार एयरपोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के लाइसेंस अपग्रेडेशन के लिए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की टीम वीरवार को एयरपोर्ट पर पहुंचेगी। यह टीम दो दिन यहां रुकेगी। इस दौरान टीम लाइसेंस अपग्रेडेशन के लिए जरूरी सभी दस्तावेजों की जांच करेगी। टीम यह जांच रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपेगी। अगर जांच रिपोर्ट सकारात्मक मिलती है तो एयरपोर्ट का लाइसेंस अपग्रेड कर दिया जाएगा। लाइसेंस के अपग्रेड होने से कम दृश्यता में भी एयरपोर्ट पर विमान उतर सकेंगे।

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फिलहाल एयरपोर्ट के पास वीएफआर (दृश्य उड़ान नियम) का लाइसेंस है। यह नियम पायलटों को स्पष्ट मौसम की स्थिति में उपकरणों पर निर्भर हुए बिना, दृश्य संकेतों (जैसे खिड़की से बाहर देखकर) का उपयोग करके विमान उड़ाने की अनुमति देता है। इन नियमों के अनुसार पायलट को जमीन और अन्य विमानों जैसे बाधाओं को स्पष्ट रूप से देखने और उनसे बचने में सक्षम होना चाहिए।
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अगर सभी कुछ सही मिलता है तो एयरपोर्ट का लाइसेंस आईएफआर में अपग्रेड हो जाएगा। आईएफआर (उपकरण उड़ान नियम) के तहत पायलट कम दृश्यता की स्थिति में उपकरणों की मदद से विमान उड़ाने के लिए कुछ नियमों का पालन करते हैं। इससे पायलट खराब मौसम की परवाह किए बिना विमान उतार और उड़ा सकते हैं।

डीवीओआर सिस्टम किया स्थापित
अभी एयरपोर्ट पर विमान मैन्युअली तरीके से उड़ान भरते हैं और उतरते हैं। मगर अब एयरपोर्ट प्रशासन की तरफ से एयरपोर्ट पर डीवीओआर सिस्टम स्थापित कर दिया है। डीवीओआर एक डॉप्लर वीएचएफ ओम्नी डायरेक्शनल रेंज तकनीक है जो विमानों को सटीक दिशात्मक जानकारी प्रदान करती है। यह एक ग्राउंड-आधारित रेडियो नेविगेशन सिस्टम है जो विमान के लिए हवाई यातायात नियंत्रकों द्वारा परिभाषित मार्गों और प्रक्रियाओं के लिए असरदार जानकारी प्रदान करता है। यह डॉप्लर प्रभाव के सिद्धांत पर काम करता है और विमानों को उनकी उड़ान की स्थिति और दिशा निर्धारित करने में मदद करता है। डीवीओआर तकनीक डॉप्लर प्रभाव का उपयोग करके एक सिग्नल बनाती है जो रेडियो तरंगों की आवृत्ति में परिवर्तन के आधार पर दिशा को मापता है। यह एक मानक अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन आधारित प्रणाली है।

अभी नहीं होगी नाइट लैंडिंग
अभी एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। अभी लाइसेंस आईएफआर में अपग्रेड होगा, जबकि नाइट लैंडिंग के लिए लाइसेंस का आईएफआर प्रीसीजन होना जरूरी है। नाइट लैंडिंग के लिए लाइसेंस को और अपग्रेड करना होगा।

अधिकारी के अनुसार
लाइसेंस अपग्रेडेशन के लिए वीरवार को डीजीसीए की टीम आएगी। यह टीम दस्तावेजों की जांच करेगी। इसके आधार पर ही डीजीसीए एयरपोर्ट के लाइसेंस को अपग्रेड करेगी। -ओपी सैनी, डायरेक्टर, महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट।

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