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Jyoti Malhotra: ज्योति मल्होत्रा की डिफॉल्ट बेल पर पुलिस ने दिया जवाब, कोर्ट कल सुनाएगी अपना फैसला
माई सिटी रिपोर्टर, हिसार
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Mon, 01 Sep 2025 05:22 PM IST
सार
ज्योति मल्होत्रा की डिफॉल्ट बेल मामले में पुलिस ने सोमवार को सिविल जज सुनील कुमार की अदालत में अपना जवाब पेश किया। जिस पर ज्योति मल्होत्रा के वकील ने बहस की। मंगलवार को कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनाएगी।
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ज्योति मल्होत्रा
- फोटो : संवाद
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विस्तार
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा की चार्जशीट के लिए वकील कुमार मुकेश की ओर से डाली गई डिफॉल्ट बेल मामले में पुलिस ने सोमवार को सिविल जज सुनील कुमार की अदालत में अपना जवाब पेश किया। जिस पर ज्योति मल्होत्रा के वकील ने बहस की। कुमार मुकेश ने कहा कि पुलिस ने जिन मामलों का हवाला दिया वह मामले ज्योति के केस से संबंधित ही नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत मंगलवार 2 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी।
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सिविल जज सुनील कुमार की अदालत में दी एप्लीकेशन में पुलिस ने इस मामले की मीडिया ब्रीफिंग पर रोक ,पंचकूला लैब से प्राप्त डेटा का हिस्सा, ज्योति की चार्जशीट में सील चैट का हिस्सा आरोपी को ना देने की मांग की थी। जिस पर बहस के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि अभी हमारी जांच पूरी नहीं हुई है। ऐसे में संवेदनशील जानकारी देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए आरोपी पक्ष को खुफिया जानकारी नहीं दी जाए। कुमार मुकेश ने सरकारी वकील के इस बिंदु को आधार बनाते हुए ज्योति मल्होत्रा के लिए डिफॉल्ट बेल की याचिका दायर की है। जिस पर अदालत ने पुलिस से शनिवार को जवाब मांगा था। शनिवार को पुलिस ने अदालत से सोमवार तक का समय मांगा था।
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पूरा चालान देना ही होगा
ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने 193 की धारा 7 का हवाला देते हुए कहा कि यहां हम चार्जशीट का पूरा हिस्सा नहीं दे सकते। पुलिस ने 14 अगस्त का चालान पेश किया, इसके 11 दिन बाद 25 अगस्त को एप्लीकेशन दी कि हम पूरी चार्जशीट नहीं दे सकते। 11 दिन बाद इस एप्लीकेशन का क्या अर्थ है। पुलिस को उसी दिन एप्लीकेशन देनी चाहिए थी। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देकर पुलिस दस्तावेज देने से इनकार नहीं कर सकती। पुलिस दोनों चालान की प्रति हमें दे, ताकि हम अपना जवाब तैयार कर सकें।
मीडिया ब्रीफिंग रोकने की एप्लीकेशन पर कुमार मुकेश ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में ब्रीफिंग कर ज्योति मल्होत्रा पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए। ज्योति मल्होत्रा को देशद्रोही तक करार दिया जा रहा है। ज्योति के पिता का घर से निकलना दूभर हो गया है। अगर ज्योति के मामले की कवरेज जनता तक नहीं जाएगी तो लोगों में बनी उसकी छवि कैसे ठीक होगी।
ये भी पढ़ें: प्रदेश में झमाझम बारिश: मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट, लोगों की बढ़ी परेशानी, अभी नहीं मिलने वाली राहत
ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने 193 की धारा 7 का हवाला देते हुए कहा कि यहां हम चार्जशीट का पूरा हिस्सा नहीं दे सकते। पुलिस ने 14 अगस्त का चालान पेश किया, इसके 11 दिन बाद 25 अगस्त को एप्लीकेशन दी कि हम पूरी चार्जशीट नहीं दे सकते। 11 दिन बाद इस एप्लीकेशन का क्या अर्थ है। पुलिस को उसी दिन एप्लीकेशन देनी चाहिए थी। ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देकर पुलिस दस्तावेज देने से इनकार नहीं कर सकती। पुलिस दोनों चालान की प्रति हमें दे, ताकि हम अपना जवाब तैयार कर सकें।
मीडिया ब्रीफिंग रोकने की एप्लीकेशन पर कुमार मुकेश ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में ब्रीफिंग कर ज्योति मल्होत्रा पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए। ज्योति मल्होत्रा को देशद्रोही तक करार दिया जा रहा है। ज्योति के पिता का घर से निकलना दूभर हो गया है। अगर ज्योति के मामले की कवरेज जनता तक नहीं जाएगी तो लोगों में बनी उसकी छवि कैसे ठीक होगी।
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