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Jhajjar-Bahadurgarh News: ठंड में बिगड़ सकती है पशुओं की सेहत, देखभाल जरूरी
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Thu, 26 Dec 2024 03:34 AM IST
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-फोटो 51 : गांव में एक घर में बांधे गए पशु। संवाद
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बहादुरगढ़। सर्दी लगातार बढ़ रही है। आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड होगी। ऐसे मौसम में आमजन के साथ पशुओं को भी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। पशुओं को कड़ाके सर्दी से बचाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन करना चाहिए।
पशुओं का बिछावन सूखा होना चाहिए, समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। पशुओं को बांधने का स्थान साफ तथा हवादार होना चाहिए। भैंस को समय-समय पर दोपहर के समय गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए, जोहड़ में ले जाने से बचें। ऐसा करेंगे तो पशुओं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पशुओं से पूरी मात्रा में दूध उत्पादन भी मिलता रहेगा।
शहर में पशु चिकित्सक अनिल कुमार ने बताया कि जब भी सर्दियां आती हैं तो अक्सर दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता प्रभावित हो जाती है, लेकिन पशुपालक सजग रहकर पशुओं की उचित देखभाल करते हैं तो दूध कम होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं को रात्रि के दौरान खुले में नहीं बांधना चाहिए। अधिक सर्दी होने पर पशुओं को सर्दी से बचाव की उचित व्यवस्था करना भी आवश्यक है। डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि दुधारू पशुओं को शतावरी पाउडर 50 से 100 ग्राम प्रतिदिन दें। गाय को 50 से 60 ग्राम व भैंस को 80 से 100 ग्राम दाने में मिलाकर खिलाएं। इसके अलावा 40 से 50 ग्राम मेथी दाना भिगोकर या फिर पाउडर बनाकर दाने में मिलाकर प्रतिदिन खिलाएं। इससे पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
अफारा आने पर ऐसे करें उपचार
बरसीम गीली हो तो पशुओं के पेट में गैस के कारण अफारा आ सकता है। इससे बचने के लिए पशुओं के वजन के हिसाब से 2 प्रतिशत सूखे चारे आहार में अवश्य प्राप्त होने चाहिए। यदि अफारा आ जाए तो पशु को 50-60 मिलीलीटर तारपीन का तेल, 10 ग्राम हींग, आधा किलोग्राम सरसों या अलसी के तेल में मिलाकर देने से अफारा ठीक हो जाता है।
ये करें उपाय
-पशुबाड़े में हवा आने वाले स्थानों यानी खिड़कियों व दरवाजों में टाट लगा दें।
-अधिक ठंड यानी तापमान 15 डिग्री से नीचे होने पर पशुओं के बैठने के स्थान पर बिछावन या पराली डालें।
-पशुओं को टंकी में ठहरा ठंडा पानी नहीं पिलाकर ताजा पानी ही पिलाएं।
-अधिक सर्दी होने पर पशुबाड़े में रात को हीटर की व्यवस्था भी की जा सकती है।
-बछड़े को हाथ से दूध पिलाते हैं तो दूध 37 से 40 डिग्री तापमान का होना चाहिए।
-सर्दियों में दूध कम होने से बचाने के लिए पशु को औषधीय खाद्य संपूरक देना चाहिए।
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पशुओं का बिछावन सूखा होना चाहिए, समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। पशुओं को बांधने का स्थान साफ तथा हवादार होना चाहिए। भैंस को समय-समय पर दोपहर के समय गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए, जोहड़ में ले जाने से बचें। ऐसा करेंगे तो पशुओं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। पशुओं से पूरी मात्रा में दूध उत्पादन भी मिलता रहेगा।
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शहर में पशु चिकित्सक अनिल कुमार ने बताया कि जब भी सर्दियां आती हैं तो अक्सर दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता प्रभावित हो जाती है, लेकिन पशुपालक सजग रहकर पशुओं की उचित देखभाल करते हैं तो दूध कम होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं को रात्रि के दौरान खुले में नहीं बांधना चाहिए। अधिक सर्दी होने पर पशुओं को सर्दी से बचाव की उचित व्यवस्था करना भी आवश्यक है। डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि दुधारू पशुओं को शतावरी पाउडर 50 से 100 ग्राम प्रतिदिन दें। गाय को 50 से 60 ग्राम व भैंस को 80 से 100 ग्राम दाने में मिलाकर खिलाएं। इसके अलावा 40 से 50 ग्राम मेथी दाना भिगोकर या फिर पाउडर बनाकर दाने में मिलाकर प्रतिदिन खिलाएं। इससे पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
अफारा आने पर ऐसे करें उपचार
बरसीम गीली हो तो पशुओं के पेट में गैस के कारण अफारा आ सकता है। इससे बचने के लिए पशुओं के वजन के हिसाब से 2 प्रतिशत सूखे चारे आहार में अवश्य प्राप्त होने चाहिए। यदि अफारा आ जाए तो पशु को 50-60 मिलीलीटर तारपीन का तेल, 10 ग्राम हींग, आधा किलोग्राम सरसों या अलसी के तेल में मिलाकर देने से अफारा ठीक हो जाता है।
ये करें उपाय
-पशुबाड़े में हवा आने वाले स्थानों यानी खिड़कियों व दरवाजों में टाट लगा दें।
-अधिक ठंड यानी तापमान 15 डिग्री से नीचे होने पर पशुओं के बैठने के स्थान पर बिछावन या पराली डालें।
-पशुओं को टंकी में ठहरा ठंडा पानी नहीं पिलाकर ताजा पानी ही पिलाएं।
-अधिक सर्दी होने पर पशुबाड़े में रात को हीटर की व्यवस्था भी की जा सकती है।
-बछड़े को हाथ से दूध पिलाते हैं तो दूध 37 से 40 डिग्री तापमान का होना चाहिए।
-सर्दियों में दूध कम होने से बचाने के लिए पशु को औषधीय खाद्य संपूरक देना चाहिए।

सिग्मा स्कूल ऑफ साइंस रामपुर में वार्षिक समारोह के दौरान प्रस्तुतियां देते कलाकार। संवाद